वाराणसी: देवाधिदेव महादेव का प्रिय मास सावन शुरू हो गया है. हर कोई बाबा का दर्शन कर उन्हें प्रसन्न करना चाहता है. ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं बिल्कुल अनोखी बात. बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ (Baba Shrikashi Vishwanath) को काशीवासी अपने परिवार का सदस्य मानते हैं. शायद यही वजह है कि बहुत ही रोचक परंपरा बाबा से जुड़ी हुई है. यह परंपरा है बाबा को बनारसी पान का भोग लगाने की. इस परंपरा को 150 सालों से काशी का एक परिवार निभा रहा है.
काशी के भूल्लन पान वाले का परिवार लगभग 150 वर्षों से बाबा को बनारस का पान चढ़ा रहे है. सप्त ऋषि आरती हो या मंगला आरती इन दोनों में भूल्लन पान वाले आरती की थाली में पान चढ़ाते हैं. इसके बाद पान का भोग लगाया जाता है.
यह भी पढ़ें:बनारसी की गुलाबी मीनाकारी, पीएम मोदी के गिफ़्ट से विश्व में मिली नई पहचान
बाबा के पान को शुद्धता के साथ बनाया जाता है. इसमें चूना, कत्था, ताम्बूल और लौंग लगाया जाता है. इसको हमारे दादा (भूल्लन के) ने शुरू किया था. अब यह परम्परा बन गई है. हमारी तीन पीढ़ियों से यह काम हो रहा है. बाबा की पांच प्रहर में आरती होती है, लेकिन मंगला आरती और सप्त ऋषि आरती में हमारे यहां के ही पान का भोग लगाया जाता है. बिना पान के काम नहीं चलता है. बाबा के इस भोग का प्रसाद लेने के लिए बहुत लोग आते रहते हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप