वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में मौजूद शृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर कमीशन की कार्यवाही पर बहस पूरी हो गई है. उल्लेखनीय है कि अगस्त 2020 में शृंगार गौरी में नियमित दर्शन के मामले में कुछ महिलाओं की तरफ से याचिका दायर की गई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए 8 अप्रैल को कोर्ट ने शृंगार गौरी परिसर की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जिला प्रशासन को वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया था.
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आदेश के बाद 18 अप्रैल को जिला प्रशासन की तरफ से कमीशन की कार्यवाही के लिए वीडियोग्राफी के पूरे प्लान एक्शन के बाबत कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था. श्रीकाशी विश्वनाथ एवं ज्ञानवापी परिसर में मौजूद शृंगार गौरी मंदिर में नियमित दर्शन को लेकर अगस्त 2020 में दायर की गई. याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद इस प्रकरण में 26 अप्रैल के लिए फैसला सुरक्षित रखा है.
कोर्ट इस प्रकरण में 26 अप्रैल को ही आदेश जारी कर सकता है कि शृंगार गौरी मामले में वीडियोग्राफी किस आधार पर और कैसे पूरी की जाएगी. हालांकि आज वादी पक्ष की तरफ से न्यायालय में एक आपत्ति पत्र भी दाखिल किया गया जिसमें 18 अप्रैल को वाराणसी प्रशासन की तरफ से न्यायालय के वीडियोग्राफी कराए जाने के आदेश के बाद इस पर रोक लगाने की नियत से दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र को निरस्त करने की मांग की गई है.
दरअसल, श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर के दक्षिणी हिस्से में बाहर की तरफ शृंगार गौरी का मंदिर है. यहां नियमित दर्शन से लोगों को रोका जाता है. इसी मामले को लेकर हिंदू महासभा लखनऊ एवं दिल्ली की 5 महिलाओं की तरफ से अगस्त 2020 में शृंगार गौरी में नियमित दर्शन कराने एवं सरकार के आदेश के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
इस याचिका पर 8 अप्रैल को सुनवाई करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की तरफ से परिसर एवं शृंगार गौरी परिसर में मौजूद प्रतिमाओं एवं वास्तविक स्थिति की पड़ताल के लिए वकील कमिश्नर नियुक्त करते हुए परिसर की वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ 18 अप्रैल को वाराणसी प्रशासन की तरफ से वीडियोग्राफी कराए जाने को लेकर प्लान क्लियर करने के लिए एक पत्र दाखिल किया गया था. आज कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखते हुए 26 अप्रैल को अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है.
वहीं, इस मामले में वादी पक्ष यानी राखी सिंह एवं पांच अन्य की तरफ उनके वकील जितेंद्र सिंह की तरफ से न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया गया है. इसमें 18 अप्रैल को परिसर की वीडियोग्राफी कराए जाने को लेकर एक्शन प्लान बताया जाने एवं विवादित परिसर में कई जगहों पर कैमरा न ले जाने के बाबत अपील करने को लेकर वादी पक्ष की तरफ से दाखिल आपत्ति पत्र में प्रशासन की तरफ से किए गए दावों को गलत बताते हुए वीडियोग्राफी ना कराए जाने के प्रयास किए जाने की बात कहकर न्यायालय से इस दाखिल पत्र को निरस्त करने की मांग की गई है. साथ ही जल्द से जल्द परिसर की वीडियोग्राफी कराए जाने की मांग की है.
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