वाराणसी: यूपी के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र शुक्रवार को वाराणसी के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास कार्यों का निरीक्षण किया. मुख्य सचिव ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन भी किया. दर्शन-पूजन के बाद जैसे ही मुख्य सचिव विश्वनाथ धाम का निरीक्षण कर निकले एक संन्यासी ने उनका रास्ता रोक लिया. संन्यासी ने दुर्गाशंकर से कुछ मिनट का समय मांगा. इस दौरान मौके पर मौजूद अधिकारी संन्यासी के अचानक रास्ता रोकने से परेशान दिखे.
जानकारी के अनुसार, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र स्वराज विश्वनाथ धाम में निरीक्षण कर रहे थे. वो यहां पर यात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए पहुंचे थे. मुख्य सचिव के साथ कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद थे. शंकराचार्य चौक से आगे बढ़ते हुए गंगाद्वार की तरफ जाने के दौरान वहां खड़े एक संन्यासी ने उनसे 2 मिनट बात करने का निवेदन किया. दुर्गाशंकर मिश्र संन्यासी से बात करने के लिए रुक गए. स्वामी सत्य चैतन्य महाराज ने अपनी बात को रखते हुए मुख्य सचिव से वहां लगाई गई आदि शंकराचार्य की प्रतिमा की तरफ इशारा करते हुए उस पर एक छतरी लगाए जाने की मांग की.
संन्यासी का कहना था कि बारिश, धूप और हर मौसम में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा ऐसे ही खुली रहती है जो उचित नहीं है. इसलिए उनके ऊपर एक छाया होनी आवश्यक है. इसके बाद दुर्गाशंकर मिश्र ने तत्काल इसके लिए कमिश्नर दीपक अग्रवाल से इस पर उचित कार्रवाई करने के लिए कहा. मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने इस दौरान वाराणसी में पर्यटन गतिविधियों के विस्तार को लेकर वाराणसी टूरिज्म गिल्ड के सदस्यों के साथ बैठक कमिश्नरी सभागार में की. उन्होंने पर्यटन विस्तार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए. इसमें मुख्य रुप से शंघाई सहयोग संगठन से आने वाले जी 20 के सदस्यों के वाराणसी आगमन एवं विभिन्न देशों के प्रतिनिधि के काशी आने को लेकर तैयारी करने के लिए निर्देश दिए.
मुख्य सचिव ने कहा कि सैलानी बार-बार वाराणसी आएं. उनकी आईटनरीज विस्तृत हो, उन्हें यात्रा का बेहतर अनुभव मिले. इसके लिए टूरिज्म गिल्ड के सदस्यों को विशेष रूप से प्रयास करने का सुझाव दिया गया. पर्यटकों की आईटिनरी विस्तृत हो इसके लिए वाराणसी के साथ साथ निकटवर्ती जनपदों के पर्यटन स्थलों जैसे जनपद चन्दौली स्थित राजदारी-देवदारी जल प्रपात, सोनभद्र, मिर्जापुर आदि के प्राकृतिक स्थलों की यात्रा को भी जोड़े जाने का सुझाव दिया गया. वाराणसी की सोविनियर इंडस्ट्री को विकसित करने का भी सुझाव दिया गया, ताकि ब्राण्ड वाराणसी को डेवेलप किया जा सके.
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि शीघ्र ही काशी में वन पास व्यवस्था तैयार हो जाएगी. इसमें पर्यटक एक ही टिकट से मंदिर दर्शन, नौकायन, क्रूज भ्रमण, सारनाथ भ्रमण व अन्य तमाम पर्यटक सुविधाओं को प्राप्त कर सकेंगे. ट्रेड के यात्री वाहनों को नमो घाट तथा अन्य घाटों पर स्थित पार्किग को पर्यटक वाहनों के लिए अग्रिम आरक्षण की सुविधा प्रदान करने का भी आश्वासन दिया गया. बैठक में गिल्ड के सदस्यों द्वारा सुझाव दिए गए कि वाराणसी में पर्यटकों के निकट सम्पर्क में आने वाले गाइडों, टूरिस्ट टैक्सी ड्राइवर्स की ट्रेनिंग की व्यवस्था पर्यटन विभाग के माध्यम से कराई जाए. गिल्ड के सदस्यों ने वाराणसी में सभी नावों को एक ही रंग में रंगने का, नए होटल बनाए जाने के लिए होटल जोन विकसित करने, एयरपोर्ट पर पर्यटकों को रिसिव करने के लिए अधिकृत ट्रेवल एजेन्ट्स के लिए पृथक एरिया बनाए जाने, सोनौली बॉर्डर स्थित इमिग्रेशन ऑफिस को अपग्रेड किए जाने आदि के सुझाव दिए गए.
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