वाराणसी: बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार पूरा जोर दे रही है. इसी कड़ी में जिले के हर ब्लाक में आंगनबाड़ी केंद्रों को ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ बनाने की योजना तैयार की गई है. इस योजना के तहत अधिकारी आंगनबाड़ी को गोद लेकर उसका विकास करेंगे. साथ ही मानक को पूरा करके इसे खिताब भी दिलाएंगे.
अब आंगनवाड़ी की बदलेगी सूरत मुहिम शुरू: जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि जनपद में 3914 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं. योजना के तहत पहले चरण में जिले के 120 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहां पंजीकृत बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के साथ केंद्रों को आधुनिक बनाया जाएगा. ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कुपोषण मुक्त करना, साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन स्तर में सुधार लाना एवं आधारभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण करना है.
अधिकारियों ने तीन-तीन आंगनबाड़ी लिए गोद: डीके सिंह ने बताया कि पहले चरण में प्रत्येक अधिकारी ने तीन-तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है. मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने हरहुआ ब्लॉक के पुआरीखुर्द, 1, 2 व 3 आंगनबाड़ी केंद्र को को गोद लिया है. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने काशी विद्यापीठ ब्लॉक के अमरा खैरा, 1, 3 व 5 आंगनबाड़ी को गोद लिया है. मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने काशी विद्यापीठ ब्लॉक के ही तीन नरोत्तमपुर, 1, 2 व 3 आंगनबाड़ी केंद्र और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने अराजीलाइन ब्लॉक के गौर 1, 2 व 7 आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लिया है. ला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि उन्होंने स्वयं अराजीलाइन ब्लॉक के ही चंदापुर, 2, 4 व 6 केंद्र को गोद लिया है.
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छह माह में करना है विकसित तभी मिलेगा खिताब: डीपीओ डीके सिंह ने बताया कि गोद लिए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों को छह माह की समयावधि 31 मार्च 2023 तक विकसित किया जाना है. उन्होंने बताया कि अधिकारी गोद लिए गए केन्द्रों का निरीक्षण हर माह विभिन्न बिन्दुओं पर करेंगे. इन केन्द्रों पर अधिकारियों की ओर से आधारभूत सुविधाएं जैसे स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, बाल मैत्री शौचालय की उपलब्धता, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विद्युतीकरण, पोषण वाटिका, रंगाई-पुताई, भवन की भौतिक स्थिति, ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस की उपलब्धता, स्मार्ट फोन की उपलब्धता, बच्चों के बैठने के कुर्सी-मेज, खिलौने व अन्य सामाग्री उपलब्ध कराई जाएंगी.इसके साथ ही गोद लिए गए केन्द्रों को तय अवधि में मानकों की पूर्ति होने पर जिला पोषण समिति ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ घोषित कर प्रमाण पत्र देगी.
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