वाराणसी: वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय (Sir Sunderlal Hospital) के नर्सिंग स्टाफ ने कार्य बहिष्कार किया. नर्सिंग स्टाफ तत्काल एमएस प्रोफेसर केके गुप्ता को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. लगभग 200 से अधिक की संख्या में कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और एमएस के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने मनीष नाम के नर्सिंग स्टाफ को सबके सामने पीटा है. कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा आए दिन स्टाफ से बदतमीजी करते हैं और धमकी देते हैं.
बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल को पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है. ऐसे में वैश्विक महामारी कोविड-19 देखते हुए बीएचयू के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में L1 और L2 के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था किया गया है. बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और नेपाल तक के मरीज यहां पर नॉर्मल ओपीडी में आते हैं. 1 दिन में लगभग 8000 मरीज डॉक्टरों की परामर्श लेते हैं.
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नर्सिंग स्टाफ के प्रदर्शन का सूचना मिलते ही मौके पर कई थानों की फोर्स पहुंच गई और नर्सिंग स्टाफ और बीएचयू अधिकारियों से वार्तालाप किया जा रहा है.
नर्सिंग स्टाफ ने बताया आए दिन हम लोगों से सौतेला व्यवहार किया जाता है. क्षेत्रवाद करते हैं. सबके सामने बदतमीजी से बात किया जाता है. आज जब नए प्रोफेसर और बीएचयू के कुलपति आ गए हैं. सबको दिखाने के लिए कि हमारे अस्पताल की व्यवस्था ठीक है. वह इस तरह का काम कर रहे हैं. महिलाओं से बदतमीजी करते हैं. इनको तुरंत बर्खास्त करना चाहिए.
नर्सिंग स्टाफ मनीष ने बताया शुक्रवार को एक मरीज को देख रहा था कि मेरे हाथ पर मार दिया. उसने आरोप लगाया कि आए दिन स्टॉफों से इस तरह की बदतमीजी की जाती है. हमारी मांग है कि जल्द से जल्द उनको एमएस के पद से हटाया जाए.
ईटीवी भारत से ऑनलाइन बातचीत में लंका थाना अध्यक्ष वेद प्रकाश राय ने बताया नर्सिंग स्टाफ के प्रदर्शन की सूचना मिली है. हम मौके पर पहुंचे हैं. अभी किसी प्रकार की कोई तहरीर नहीं मिली है. तहरीर मिलेते ही हम कार्रवाई करेंगे.
वहीं, दूसरी ओर बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर केके गुप्ता ने कहा नर्सिंग स्टाफ ने जो आरोप लगाए है वह बिल्कुल गलत है. कर्मचारियों को मरीजों की सेवा अच्छे से करनी चाहिए.
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