वाराणसी: सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में ऑल इंडिया मुशायरा और कवि सम्मेलन जश्न-ए-आजादी का आयोजन किया गया, जिसमें देर रात तक श्रोता शेरो शायरी संग काव्य रचनाओं की रसधार से ओतप्रोत होते रहे. इस आयोजन में नेपाल के जाने-माने कवियों ने भी शिरकत की और अपने मुशायरे और कविता के माध्यम से देश में कौमी एकता का संदेश दिया.
'गम की उलझी हुई लकीरों में अपनी तकदीर देख लेती हूं' अंजुम रहबर ने यह लाइन सुनाकर श्रोताओं को शायरी से रूबरू कराया. उसके बाद 'होठों की क्या मजबूरी रहती है, 'सब कुछ कह कर भी बात अधूरी रहती है'. कई अरसे बाद बनारस की धरती पर अंजुम रहबर ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा. देश के कोने-कोने से आए कवियों और शायरों ने देश के नेताओं सहित अनुच्छेद-370 पर भी संदेश दिया.
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जानें दमदार बनारसी ने क्या बताया
दमदार बनारसी ने बताया कि बनारस की धरती पर बहुत दिनों बाद कवि सम्मेलन और मुशायरा एक साथ हुआ है. यह गंगा-जमुनी तहजीब का शहर है. इस शहर से जो संदेश जाता है वह पूरा भारत देखता है. आज हम लोगों ने इसी के तहत देश सहित पड़ोसी देश नेपाल के जाने-माने कवियों को यहां पर बुलाया है और जाने-माने शायरों ने अपनी शानदार प्रस्तुति की और देश में गंगा-जमुनी तहजीब के सहित कौमी एकता का संदेश दिया.