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सुपरटेक का ट्विन टावर महज़ 9 सेकेंड में हो जाएगा ज़मींदोज़, सारी तैयारियां पूरी

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Published : Mar 14, 2022, 10:17 PM IST

सुपरटेक बिल्डर्स के बहुमंजिला ट्विन टावर को जल्द ही ध्वस्त कर दिया जाएगा. टावर के ध्वस्तीकरण का काम एडिफिस कंपनी को दिया गया है. यह कंपनी 22 मई को टावर को जमीनदोज करेगी. एडिफिस कंपनी के सीईओ उत्कर्ष मेहता ने बताया कि ट्विन टावर को गिराने में महज 9 सेकंड का समय लगेगा.

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सुपरटेक का ट्विन टावर

नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा में बन रहे सुपरटेक बिल्डर्स के बहुमंजिला ट्विन टावर को जल्द ही ध्वस्त कर दिया जाएगा. टावर के ध्वस्तीकरण का काम एडिफिस कंपनी को दिया गया है. यह कंपनी 22 मई को टावर को जमीनदोज करेगी. एडिफिस कंपनी के सीईओ उत्कर्ष मेहता ने बताया कि ट्विन टावर को गिराने में महज 9 सेकंड का समय लगेगा.

ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण से आसपास का कोई भी क्षेत्र प्रभावित नहीं होगा. आसपास के क्षेत्रों में सिर्फ डस्ट जाएगी. मलबा उसी स्थान पर ही रहेगा. मलबे का एक पार्ट भी कहीं दूर नहीं जाएगा.

उन्होंने बताया कि आसपास रहने वाले लोगों को 5 घंटे के लिए सोसाइटी से दूर रखा जाएगा. टावर गिराने के वक्त महज कंपनी के 5 लोग मौजूद रहेंगे. कंपनी को सभी विभागों से एनओसी प्राप्त हो गई है. अन्य जो भी दिशा-निर्देश मिल रहे हैं. उस आधार पर काम किया जाएगा. देश की पहली इतनी बड़ी इमारत होगी ट्विन टावर, जिसे गिराने का काम किया जाएगा. अगले महीने कंपनी ध्वस्तीकरण का ट्रायल भी करेगी. सोमवार को कंपनी ने ध्वस्तीकरण का डेमो दिखाया.




ट्विन टावर को गिराने वाली कंपनी एडिफिस के सीईओ उत्कर्ष मेहता ने बताया कि टावर को गिराने के निर्धारित समय से 15 दिन पहले विस्फोट ट्विन टावर में लगा दिए जाएंगे. टावर एक साथ तीन पार्ट्स में गिरेगा. जिसके चलते मलबा बिखरने की संभावना नहीं रहेगी.

ट्विन टावर से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर बारूद को रखने का काम किया जाएगा. जहां से आवश्यकता के अनुसार दिन में बारूद आएगा और उसे प्रयोग किया जाएगा. ट्विन टावर के आसपास कहीं पर भी बारूद को रखा नहीं आएगा. ट्विन टॉवर में करीब पांच हजार बारूद लगाए जाएंगे.


ट्विन टावर के पास से गुजर रही गैस पाइपलाइन को ध्वस्तीकरण के दौरान कोई भी नुकसान नहीं पहुंचेगा. मौके पर डस्ट के सिवाय और कुछ भी नहीं मिलेगा. जिन स्थानों पर बारूद लगाए जाएंगे वे 4 लेयर की सुरक्षा में रहेंगे, ताकि मलबा दूर तक न फैले. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से noida-greater नोएडा एक्सप्रेस-वे को करीब घंटे भर के लिए बंद रखा जाएगा.

ये भी पढ़ें: दिल्ली निगम चुनाव : तिलक नगर में कांग्रेस सम्मेलन, MCD चुनाव पर चर्चा

आसपास की सोसाइटी से लेकर टावर में काम करने वाले कर्मचारियों तक के बीमा करने का प्रॉसेस चल रहा है. टावर के बेसमेंट में पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि ध्वस्तीकरण में कई आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है. जिसके चलते आसानी से काम हो जाएगा.

नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा में बन रहे सुपरटेक बिल्डर्स के बहुमंजिला ट्विन टावर को जल्द ही ध्वस्त कर दिया जाएगा. टावर के ध्वस्तीकरण का काम एडिफिस कंपनी को दिया गया है. यह कंपनी 22 मई को टावर को जमीनदोज करेगी. एडिफिस कंपनी के सीईओ उत्कर्ष मेहता ने बताया कि ट्विन टावर को गिराने में महज 9 सेकंड का समय लगेगा.

ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण से आसपास का कोई भी क्षेत्र प्रभावित नहीं होगा. आसपास के क्षेत्रों में सिर्फ डस्ट जाएगी. मलबा उसी स्थान पर ही रहेगा. मलबे का एक पार्ट भी कहीं दूर नहीं जाएगा.

उन्होंने बताया कि आसपास रहने वाले लोगों को 5 घंटे के लिए सोसाइटी से दूर रखा जाएगा. टावर गिराने के वक्त महज कंपनी के 5 लोग मौजूद रहेंगे. कंपनी को सभी विभागों से एनओसी प्राप्त हो गई है. अन्य जो भी दिशा-निर्देश मिल रहे हैं. उस आधार पर काम किया जाएगा. देश की पहली इतनी बड़ी इमारत होगी ट्विन टावर, जिसे गिराने का काम किया जाएगा. अगले महीने कंपनी ध्वस्तीकरण का ट्रायल भी करेगी. सोमवार को कंपनी ने ध्वस्तीकरण का डेमो दिखाया.




ट्विन टावर को गिराने वाली कंपनी एडिफिस के सीईओ उत्कर्ष मेहता ने बताया कि टावर को गिराने के निर्धारित समय से 15 दिन पहले विस्फोट ट्विन टावर में लगा दिए जाएंगे. टावर एक साथ तीन पार्ट्स में गिरेगा. जिसके चलते मलबा बिखरने की संभावना नहीं रहेगी.

ट्विन टावर से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर बारूद को रखने का काम किया जाएगा. जहां से आवश्यकता के अनुसार दिन में बारूद आएगा और उसे प्रयोग किया जाएगा. ट्विन टावर के आसपास कहीं पर भी बारूद को रखा नहीं आएगा. ट्विन टॉवर में करीब पांच हजार बारूद लगाए जाएंगे.


ट्विन टावर के पास से गुजर रही गैस पाइपलाइन को ध्वस्तीकरण के दौरान कोई भी नुकसान नहीं पहुंचेगा. मौके पर डस्ट के सिवाय और कुछ भी नहीं मिलेगा. जिन स्थानों पर बारूद लगाए जाएंगे वे 4 लेयर की सुरक्षा में रहेंगे, ताकि मलबा दूर तक न फैले. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से noida-greater नोएडा एक्सप्रेस-वे को करीब घंटे भर के लिए बंद रखा जाएगा.

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आसपास की सोसाइटी से लेकर टावर में काम करने वाले कर्मचारियों तक के बीमा करने का प्रॉसेस चल रहा है. टावर के बेसमेंट में पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि ध्वस्तीकरण में कई आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है. जिसके चलते आसानी से काम हो जाएगा.

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