मुजफ्फरनगर: जनपद में अवैध अस्पतालों की भरमार है. शहर हो या देहात रोजाना कहीं न कहीं बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के फर्जी अस्पताल खुलते हुए देखने को मिल रहे हैं. पिछले दिनों कई मरीजों की मौत होने पर इस मामले ने जोर पकड़ा. इस मामले में हिंदू महासभा के लोगों ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से मुलाकात कर जनपद में अवैध फर्जी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इसके चलते सोमवार को मुजफ्फरनगर में 41 अस्पताल, लैब और क्लीनिक सील किए गए. इसके अलावा लगभग 36 से अधिक अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए. इस कार्रवाई से जनपद के फर्जी अस्पताल संचालकों में हड़कंप है. सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अब जनपद में कोई भी फर्जी अस्पताल नहीं चल पाएगा, अगर कोई खुला भी है तो वह स्वयं बंद कर लें. वरना कड़ी कार्रवाई के साथ बंद कराया जाएगा.
बता दें कि हिंदू महासभा के लोगों ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर जनपद में अवैध फर्जी अस्पतालों पर कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन, इस ज्ञापन का कोई खास असर देखने को नहीं मिला. इसके बाद हिंदू महासभा के लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र वर्मा के नेतृत्व में लखनऊ पहुंचे और वहां पर उन्होंने उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात कर मुजफ्फरनगर के फर्जी अस्पतालों पर कार्रवाई की मांग की. हिंदू महासभा के लोगों ने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था.
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इसी मामले में सोमवार को मुजफ्फरनगर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने जनपद के सभी सीएचसी, पीएचसी प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में फर्जी अस्पतालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए और स्वयं भी पूरे स्वास्थ्य विभाग के अमले के साथ फर्जी अस्पतालों पर छापेमारी करने के लिए निकल पड़े. इस दौरान, सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने रुड़की रोड पर स्थित आस्था हॉस्पिटल, इंडियन हॉस्पिटल, जेयू हॉस्पिटल, सेवा डायग्नोस्टिक सेंटर, अलीना हॉस्पिटल, लिमरा हॉस्पिटल सहित कई अस्पतालों पर छापेमारी की. इस दौरान कोई भी रजिस्ट्रेशन न होने के चलते और मरीजों को भर्ती कराकर उनकी डिलीवरी करने और कई अन्य खामियां पाने पर सात अस्पतालों को सील कर दिया गया. मुजफ्फरनगर के सभी सीएचसी, पीएचसी प्रभारियों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में जबरदस्त छापेमारी की. इस कार्रवाई से जनपद के फर्जी अस्पताल संचालकों में हड़कंप है.
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