मुजफ्फरनगर: करदाताओं के रिफंड में हेराफेरी करने के आरोप में मुजफ्फरनगर के इनकम टैक्स के तीन अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने जांच के बाद एफआईआर दर्ज कराई है. लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के घोटाले की जांच काफी दिनों से चल रही थी. जांच में तीनों अधिकारियों की संलिप्ता पाई गई है. सीबीआई की इस कार्रवाई से आयकर विभाग अधिकारियों में हडंकम्प मचा हुआ है. बताया जाता है कि अभी कई अन्य अधिकारियों के भी लपेटे में आने की संभावना है.
अधिकारियों पर आरोप है कि टीडीएस रिफंड के जरिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है. ग्रुप 3 सी-1-टी अधिकारी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में तैनात थे. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के आरएसए प्रमाणीकरण टोकन का दुरुपयोग करके 1.3 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया है. यह घोटाला तब सामने आया जब एक एसेसिंग ऑफिसर ने आईटी अधिनियम की धारा 154 के तहत रिफंड की गणना का पता लगाया. आरोपी अधिकारियों ने एसेसिंग अधिकारियों के आरएसए टोकन का दुरुपयोग करके 11 करदाताओं के लिए फर्जी रिफंड तैयार किए. कर विभाग ने आरोप लगाया कि 1 अगस्त 2020 से 25 अगस्त 2021 तक धोखाधड़ी कर 1.39 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की गई है.
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सीबीआई ने मुजफ्फरनगर के संयुक्त आयकर आयुक्त की शिकायत के आधार पर तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. शिकायत के बाद जांच एजेंसी ने कई जगहों पर तलाशी ली. नौ लाभार्थियों के साथ ग्रुप सी के अधिकारियों सौरभ सिंह, रोहित कुमार और अभय कांत के खिलाफ जांच शुरू की गई.
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