मेरठ: राजसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी सोमवार (27 जून) को मेरठ विकास प्राधिकरण (Meerut Development Authority) के ऑफिस पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों से बागपत को रेलवे से जोड़ने के लिए प्रस्तावित लिंक रोड निर्माण की जानकारी ली. उन्होंने प्राधिकरण के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि एक फाइल सात महीने से लटका रखी है. जनता के हित में होने वाले विकास कार्यों को रोकने का काम करते हैं.
राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि मेरठ विकास प्राधिकरण पहले ही भ्रष्टाचार के आरोपों में डूबा है, जिन कामों का पैसा मिलता है एमडीए के कर्मचारी वही कार्य करते हैं. उन्होंने एक फाइल सात महीने से रोक के रखने पर अधिकारियों को फटकारा. इस पर उपाध्यक्ष ने प्रगति बताते हुए कहा कि शासन को अवगत कराया गया है. उसके बाद करीब पांच घंटे में लिंक रोड की फाइल का आवेदन रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) के वेबसाइट पर अपलोड हो गया.
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बागपत और रेलवे रोड के लिंक मार्ग निर्माण के मुद्दे पर राज्यसभा सांसद ने प्राधिकरण के अधिकारियों से जानकारी ली. वहीं, उन्होंने एमडीए के कर्मचारियों को भ्रष्ट करार दे डाला. बता दें कि लिंक मार्ग की 6 फाइलें बनाई गई हैं. लेकिन, कार्रवाई के नाम पर प्राधिकरण के अधिकारी चुपचाप बैठे हुए हैं. राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बताया कि विधानसभा चुनाव में जनता ने लिंक रोड निर्माण की मांग को मुद्दा भी बनाया था.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना के अधिकारी इस प्रोजेक्ट के लिए तैयार भी हैं. लेकिन, इसके बावजूद प्राधिकरण ने बेवजह लिंक मार्ग को पहले बोर्ड बैठक में अटकाया. उसके बाद शासन को भेज दिया और जब सेना के अधिकारी प्रपोजल मांग रहे हैं तो प्राधिकरण के अधिकारी उसे फाइलों में घुमा रहे हैं. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को जिस काम में पैसा मिलता है उसको ही करते हैं. लेकिन, योगी सरकार में अब यह संभव नहीं है. इसलिए अधिकारी अपने इस रवैये को बदल लें.
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