मेरठ: नलकूपों पर मीटर लगाने की प्रक्रिया इन दिनों जारी की गई है. लेकिन, विरोध भी लगातार हो रहा है. ऐसे में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने यूपी वेस्ट के 14 जिलों में ऐसे कई कार्य किए हैं, जिससे किसानों को जागरूक किया जा सके और वह नलकूपों पर लगने वाले मीटर्स का विरोध न करें. देखें यह खास खबर.
प्रदेश सरकार की मंशा के मुताबिक, प्रदेशभर में नलकूपों पर मीटर लगाए जा रहे हैं. लेकिन, वेस्ट यूपी में मीटर्स को लेकर किसानों में गुस्सा है. कई बार किसानों ने नलकूपों पर लगने वाले मीटर्स का विरोध किया है तो वहीं, कई जगहों पर लगे नलकूपों के बिजली मीटर को किसानों ने उखाड़कर फेंक दिया है. किसान इसका विरोध न करें इसके लिए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड लगातार नलकूप कनेक्शनधारक उपभोक्ताओं को इसके लिए जागरूक कर रहा है.
एमडी अरविंद मलप्पा बंगारी का कहना है कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के जितने भी अधिकारी और कर्मचारी हैं, सभी के नंबर पर अब एक खास कॉलर ट्यून एक्टिवेट कराई जा रही है. जो भी उपभोक्ता किसी अधिकारी या कर्मचारी को अगर मोबाइल पर कॉल करेगा तो उसे भी नलकूप कनेक्शन से सबंधित जानकारी आसानी से मिल जाएगी. एमडी का कहना है कि वह जागरूकता के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. ताकि, किसानों के बीच कोई भी भ्रम की स्थिति ना बने और लोग इस बात को समझ लें कि मीटर लगने से कोई नुकसान नहीं है. यह मीटर सिर्फ इसलिए हैं ताकि, खपत का पता लगाया जा सके. एमडी का कहना है कि PVVNL के 14 जिलों में करीब 4 लाख 82 हजार नलकूप धारक किसान हैं. सभी पर मीटर लगने है. उन्होंने बताया कि अब तक सिर्फ 20 हजार नलकूपों पर ही मीटर लगे हैं.
बता दें कि पूर्व में काफी बार ऐसा भी हुआ है कि यहां पर नलकूपों पर लगे विद्युत मीटर्स को किसानों ने ट्यूबेल से उखाड़कर फेंक दिया गया था. भारतीय किसान यूनियन समेत कई संगठन तो नलकूपों पर लगने वाले मीटर्स को लेकर कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं. किसान नेता कुलदीप त्यागी का कहना है कि सरकार को प्रदेश में किसानों के लिए बिजली मुफ्त करना चाहिए, क्योंकि किसान के खर्चे काफी ज्यादा हैं. उनका कहना है कि नलकूपों पर यदि सरकार मीटर लगाएगी तो इसका विरोध तो होगा ही.