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मेरठ में प्राइवेट मदरसों के सर्वे का स्वागत, मदरसा संचालकों ने सरकार से की ये मांग

मेरठ में सरकार के प्राइवेट मदरसों के सर्वे (survey of private madrasas) का स्वागत किया गया है. मेरठ के मदरसा संचालक ने कहा मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार पर भी काम होना चाहिए.

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मेरठ में प्राइवेट मदरसों के सर्वे का स्वागत
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Published : Sep 16, 2022, 1:51 PM IST

Updated : Sep 16, 2022, 1:59 PM IST

मेरठः उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे (survey of private madrasas )को लेकर इन दोनों राजनैतिक उठापटक का माहौल है. सरकार मदरसों की तालीम की गुणवत्ता को लेकर सर्वे करा रही है. वहीं, प्राइवेट मदरसा संचालक सरकार की नियत पर शक कर रहे हैं. लेकिन, मेरठ के कुछ ऐसे भी मदरसे हैं, जो इस सर्वे का स्वागत कर रहे हैं. मेरठ के सबसे पुराना मदरसा इमदादुल इस्लाम सदर जो पिछले 135 साल से दीनी तालीम दे रहा है. उसने प्राइवेट मदरसों के सर्वे का स्वागत किया है. इस मदरसे में बच्चे इंग्लिश, हिंदी, उर्दू, गणित और साइंस भी पढ़ते हैं. मदरसों में आने वाले चंदे का हर साल ऑडिट भी होता है और इसका लेखा-जोखा रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा भी किया जाता है.

जानकारी देते मदरसा इमदादुल इस्लाम सदर के शिक्षक

जानकारी के अनुसार, मेरठ के सदर बाजार स्थित इस मदरसे में आजादी के पहले से दीनी तालीम दी जाती है. मदरसे में अभी 50 बच्चे पढ़ते हैं. यहां उत्तर प्रदेश से नहीं बल्कि नागालैंड, मणिपुर से भी कई बच्चे इस मदरसे में दीनी तालीम हासिल करने के लिए आए हैं. इस मदरसे में कुछ ऐसे भी शिक्षक है. जो दीनी तालीम के साथ-साथ हिंदी, इंग्लिश, गणित भी पढ़ाते हैं.

मदरसे के शिक्षक ने बताया कि यहां के बच्चों को पब्लिक स्कूलों के बच्चों की तरह बहुत ज्ञान तो नहीं है. लेकिन रोजाना की जिंदगी जीने के लिए इन्हें आधुनिक तालीम दी जा रही है. ईटीवी भारत ने जब टीचर्स से प्राइवेट मदरसों के सर्वे के लेकर बातचीत की तो उन्होंने कहा कि उन्हें सर्वे या जांच से कोई दिक्कत नहीं है. सरकार जब चाहे सर्वे और जांच करा सकती है. जो गलत काम करते हैं उनकी शिनाख्त भी होनी चाहिए और उन्हें सजा भी मिलनी चाहिए. लेकिन जो मदरसे ठीक से चल रहे हैं. उन्हें सरकारी मदद भी मुहैया कराई जानी चाहिए. लेकिन, इसके साथ ही सरकार इस सर्वे से पहले अपनी मंशा भी बताएं.

ये भी पढ़ेंः CUET Result 2022: NTA ने सीयूईटी यूजी का रिजल्ट किया जारी

मेरठः उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे (survey of private madrasas )को लेकर इन दोनों राजनैतिक उठापटक का माहौल है. सरकार मदरसों की तालीम की गुणवत्ता को लेकर सर्वे करा रही है. वहीं, प्राइवेट मदरसा संचालक सरकार की नियत पर शक कर रहे हैं. लेकिन, मेरठ के कुछ ऐसे भी मदरसे हैं, जो इस सर्वे का स्वागत कर रहे हैं. मेरठ के सबसे पुराना मदरसा इमदादुल इस्लाम सदर जो पिछले 135 साल से दीनी तालीम दे रहा है. उसने प्राइवेट मदरसों के सर्वे का स्वागत किया है. इस मदरसे में बच्चे इंग्लिश, हिंदी, उर्दू, गणित और साइंस भी पढ़ते हैं. मदरसों में आने वाले चंदे का हर साल ऑडिट भी होता है और इसका लेखा-जोखा रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा भी किया जाता है.

जानकारी देते मदरसा इमदादुल इस्लाम सदर के शिक्षक

जानकारी के अनुसार, मेरठ के सदर बाजार स्थित इस मदरसे में आजादी के पहले से दीनी तालीम दी जाती है. मदरसे में अभी 50 बच्चे पढ़ते हैं. यहां उत्तर प्रदेश से नहीं बल्कि नागालैंड, मणिपुर से भी कई बच्चे इस मदरसे में दीनी तालीम हासिल करने के लिए आए हैं. इस मदरसे में कुछ ऐसे भी शिक्षक है. जो दीनी तालीम के साथ-साथ हिंदी, इंग्लिश, गणित भी पढ़ाते हैं.

मदरसे के शिक्षक ने बताया कि यहां के बच्चों को पब्लिक स्कूलों के बच्चों की तरह बहुत ज्ञान तो नहीं है. लेकिन रोजाना की जिंदगी जीने के लिए इन्हें आधुनिक तालीम दी जा रही है. ईटीवी भारत ने जब टीचर्स से प्राइवेट मदरसों के सर्वे के लेकर बातचीत की तो उन्होंने कहा कि उन्हें सर्वे या जांच से कोई दिक्कत नहीं है. सरकार जब चाहे सर्वे और जांच करा सकती है. जो गलत काम करते हैं उनकी शिनाख्त भी होनी चाहिए और उन्हें सजा भी मिलनी चाहिए. लेकिन जो मदरसे ठीक से चल रहे हैं. उन्हें सरकारी मदद भी मुहैया कराई जानी चाहिए. लेकिन, इसके साथ ही सरकार इस सर्वे से पहले अपनी मंशा भी बताएं.

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Last Updated : Sep 16, 2022, 1:59 PM IST
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