मेरठ: बिल्डर संजीव मित्तल पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. दिसंबर 2017 में कारोबारी संजीव मित्तल के पास से पुलिस को 25 करोड़ की पुरानी करेंसी मिली थी. इसमें 1000 और 500 रुपये के नोट शामिल थे. इस मामले में परतापुर थाने में केस दर्ज किया गया था. इसके बाद आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू की थी. इस प्रकरण में बिल्डर संजीव मित्तल की 18 कंपनियों की जांच की गयी. जांच में कई अनियमितताएं उजागर हुई और इसी वजह से आयकर विभाग ने यह जुर्माना लगाया.
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29 दिसंबर 2017 को पुलिस ने कोरोबारी संजीव मित्तल के दिल्ली रोड स्थित राजकमल एनक्लेव में घर और दफ्तर पर छापा मारा था. पुलिस टीम को यहां 25 करोड़ की पुरानी करेंसी मिली थी. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था. उस समय संजीव मित्तल और प्रवीण माहेश्वरी को फरार हो गए थे. इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई थी. संजीव मित्तल के अधिवक्ता रामकुमार शर्मा का कहना है कि इस मामले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जांच कर रहा था.
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उन्होंने बताया कि आयकर विभाग ने जांच करते समय संजीव मित्तल की कुल 18 कंपनियों की जांच की थी. इसमें से 10 कंपनियों में कोई बड़ा लेनदेन नहीं हुआ था और इस वजह से उनको लिस्ट से बाहर कर दिया गया था. बाकी आठ कंपनियों को दो श्रेणी में रखा गया था. पहली श्रेणी में ऋषभ हाईट्स को रखा गया. संजीव मित्तल, उनकी पत्नी सीमा और बेटा ऋषभ इसके मालिक हैं. इस कंपनी के 10 साल के रिकार्ड खंगाले गए थे और 152 करोड़ का जुर्माना लगाया गया. दूसरी श्रेणी में बाकी सात कंपनियों को रखा गया था और उन पर 42 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. इस तरह से कुल मिलाकर 200 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. रामकुमार शर्मा ने कहा कि इस मामले में जिन लोगों से संजीव मित्तल ने लेनदेन किया है, उसे भी आय मानकर टैक्स में शामिल कर दिया गया. इसे लेकर कानपुर में आयकर अधिकारियों के पास अपील की जाएगी.