मेरठ: किसानों की आय बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. एक ओर किसानों को पारंपरिक फसलों के स्थान पर दूसरी नकदी फसलों की खेती के लिए जागरूक किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर औषधीय पौधों की खेती के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि औषधीय पौधों की खेती किसानों के लिए अधिक आमदनी देने वाली फसल साबित होती है.
प्रोफेसर आरएस सेंगर ने जानकारी देते हुए बताया कि
- कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किसान सहजन यानी मोरंग की खेती करें तो वे अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं.
- सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इस दिशा में शोध कर किसानों को जागरूक भी कर रहे हैं.
- बायोटेक विभाग के प्रोफेसर डॉ. आर एस सेंगर ने बताया कि सहजन की खेती किसानों के लिए काफी मुनाफे वाली साबित हो रही है.
- उन्होंने बताया सहजन को कुछ स्थानों पर मोरंग और अंग्रेजी में ड्रमस्टिक के नाम से जानते हैं.
- वेस्ट यूपी में ट्रायल के तौर पर कुछ किसानों ने सहजन की खेती शुरू की है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं.
- विश्वविद्यालय भी वेस्ट यूपी की जलवायु के अनुरूप सहजन की प्रजाति विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है.
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सहजन की पौध एक बार खेत में लगाए जाने के बाद लगातार 10 साल तक अच्छी फसल देती है. सहजन की पत्तियों का इस्तेमाल औषधीय गुणों के कारण दवा में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी पत्ती काफी गुणकारी होने के कारण बाजार में काफी डिमांड है. किसान खुद इसकी पत्तियों को सुखाकर बाजार में बेचकर अच्छी कीमत वसूल सकते हैं.
-आर एस सेंगर, प्रोफेसर, कृषि विश्वविद्यालय