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CWG 2022: चांदी सी चमकी बेटी प्रियंका तो परिजनों ने लगाए जमकर ठुमके - महिला खिलाड़ी प्रियंका गोस्वामी

प्रियंका गोस्वामी ने 10 किलो मीटर रेसवॉक में रजत पदक जीता तो प्रियंका के घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया. तिरंगा लेकर माता-पिता झूमते नजर आए.

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चांदी सी चमकी बेटी प्रियंका तो परिजनों ने लगाए जमकर ठुमके
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Published : Aug 6, 2022, 8:53 PM IST

Updated : Aug 6, 2022, 10:45 PM IST

मेरठ: बर्मिंघम में जिले की बेटी प्रियंका गोस्वामी ने 10 किलो मीटर रेसवॉक में रजत पदक जीतकर भारत का तिरंगा शान से लहराया है. जैसे ही यह खबर प्रकाश में आयी तो प्रियंका के घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया. तिरंगा लेकर माता-पिता झूमते नजर आए. यहीं नहीं वे लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हुए दिखे. लगातार फोन पर लोगों की बधाइयां आ रही थीं.
प्रियंका गोस्वामी के पिता कभी बस में कंडक्टर रहे हैं. प्रियंका के माता-पिता कह रहे हैं कि बेटी ने मेडल लाने का का वादा किया था, जो उसने पूरा कर दिया है. प्रियंका ने सबसे पहले वर्ष 2015 में रेस वॉकिंग की दुनिया में तिरुअनंतपुरुम में आयोजित हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. मैंगलोर में फेडरेशन कप में भी तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पर कब्जा जमाया. वर्ष 2017 में दिल्ली में हुई नेशनल रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में इस एथलीट ने कमाल करते हुए अपने वर्ग में शीर्ष स्थान हासिल करते हुए गोल्ड मेडल जीता. 2018 में खेल कोटे से रेलवे में प्रियंका को क्लर्क की नौकरी मिल गई. परिवार की आर्थिक हालत सुधरी तो इस बिटिया का उत्साह और बढ़ गया.

चांदी सी चमकी बेटी प्रियंका तो परिजनों ने लगाए जमकर ठुमके

इसे भी पढ़ेंः हर घर तिरंगा अभियान में महिलाओं की भागीदारी, 23 हजार झंडे बनाने की मिली जिम्मेदारी
प्रियंका गोस्वामी की मां अनिता और प्रियंका गोस्वामी के पिता मदन गोस्वामी की खुशी का ठिकाना नहीं है. अब दोनों का यही कहना है कि बिटियां के स्वागत की वो तैयारियां कर रहे हैं. वह जब वापस पहुंचेगी तो उसका जश्न मनाएंगे.

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मेरठ: बर्मिंघम में जिले की बेटी प्रियंका गोस्वामी ने 10 किलो मीटर रेसवॉक में रजत पदक जीतकर भारत का तिरंगा शान से लहराया है. जैसे ही यह खबर प्रकाश में आयी तो प्रियंका के घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया. तिरंगा लेकर माता-पिता झूमते नजर आए. यहीं नहीं वे लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हुए दिखे. लगातार फोन पर लोगों की बधाइयां आ रही थीं.
प्रियंका गोस्वामी के पिता कभी बस में कंडक्टर रहे हैं. प्रियंका के माता-पिता कह रहे हैं कि बेटी ने मेडल लाने का का वादा किया था, जो उसने पूरा कर दिया है. प्रियंका ने सबसे पहले वर्ष 2015 में रेस वॉकिंग की दुनिया में तिरुअनंतपुरुम में आयोजित हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. मैंगलोर में फेडरेशन कप में भी तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पर कब्जा जमाया. वर्ष 2017 में दिल्ली में हुई नेशनल रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में इस एथलीट ने कमाल करते हुए अपने वर्ग में शीर्ष स्थान हासिल करते हुए गोल्ड मेडल जीता. 2018 में खेल कोटे से रेलवे में प्रियंका को क्लर्क की नौकरी मिल गई. परिवार की आर्थिक हालत सुधरी तो इस बिटिया का उत्साह और बढ़ गया.

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प्रियंका गोस्वामी की मां अनिता और प्रियंका गोस्वामी के पिता मदन गोस्वामी की खुशी का ठिकाना नहीं है. अब दोनों का यही कहना है कि बिटियां के स्वागत की वो तैयारियां कर रहे हैं. वह जब वापस पहुंचेगी तो उसका जश्न मनाएंगे.

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Last Updated : Aug 6, 2022, 10:45 PM IST
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