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कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा, कैदियों की मनोदशा बदलना हमारा लक्ष्य - मथुरा ताजा खबरें

मथुरा में युवा दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पहुंचे कारागार और होमगार्ड विभाग राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि कारागार में कैदियों की मनोदशा बदले.

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मंत्री धर्मवीर प्रजापति
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Published : Apr 24, 2022, 5:49 PM IST

मथुरा : जनपद के कृष्णा नगर में स्थित जैन इंटर कॉलेज में युवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर कारागार एवं होमगार्ड विभाग राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति उपस्थित रहे. युवा कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने योग किया. इस योग कार्यक्रम के संबंध में कारागार एवं होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि योग आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा हमारे जीवन की मूल आवश्यकता है. भारत की पहचान इन्हीं से है. उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से व्यक्ति हमेशा स्वस्थ और निरोग रह सकता है. अपने जीवन के नए रूप का अनुभव कर सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि कारागार में निरुद्ध बंदियों की मनोदशा बदले.

कारागार मंत्री ने कहा हमारा लक्ष्य कैदियों की बदले मनोदशा

कारागार एवं होमगार्ड मंत्री ने जानकारी दी : मथुरा पहुंचे कारागार एवं होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति से जब पूछा गया कि कोरोना काल में विशेष पैरोल पर छोड़े गए कुछ कैदी अभी तक कारागार वापस नहीं लौटे तो उन्होंने कहा कि उस पर हमारा मंथन चल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि न्यायालय के अर्थदंड के अभाव में कई कैदी जेल में बंद हैं. उनकी सूची मांगी गई है. 136 लोग ऐसे मिले जो केवल अर्थ के अभाव में जेल में हैं. इनके परिवार वाले अर्थदंड के पैसे जमा नहीं कर पा रहे थे. एक सज्जन के माध्यम से उन लोगों का पैसा जमा करवाया और 136 लोग भारतीय नववर्ष के दिन बाहर निकले. यह लोग अपने परिवार से मिले और अपने घर पहुंचे.

कैदियों की बदले मनोदशा : उन्होंने कहा कि कुछ लोग परिस्थितिवश अपराध कर बैठते हैं, वह पेशेवर अपराधी नहीं होते. हमारा प्रयास है कि ऐसे कैदियों की मनोदशा बदले. जब उनकी सजा पूरी हो और वह जेल से बाहर निकलें तो उनके गांव व मोहल्ले के लोग जाने कि यह व्यक्ति जेल के अंदर रहकर एक अच्छा व्यक्ति बनकर निकला है. कहा कि उनके कार्यकाल में यह लक्ष्य रहेगा कि कैदियों की मनोदशा बदले और वह एक बेहतर इंसान बनकर सामने आएं. कहा कि उन्होंने निर्देशित किया था कि प्रार्थना के बाद गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण हो.

यह भी पढ़ें-एएमयू में देवी-देवताओं पर विवादित टिप्पणी का मामला: राष्ट्रीय सवर्ण परिषद के संगठन मंत्री को घर में किया नजरबंद

एक लड़का जो 10 हजार के अर्थदंड में सात साल से सजा काट रहा था, वह बाहर निकला तो उसने कहा कि जिस व्यक्ति ने उसका अर्थदंड जमा किया, वह उसका आजीवन आभारी रहेगा. वह बाहर जाकर अच्छा काम करेगा. मेहनत-मजदूरी करेगा.

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मथुरा : जनपद के कृष्णा नगर में स्थित जैन इंटर कॉलेज में युवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर कारागार एवं होमगार्ड विभाग राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति उपस्थित रहे. युवा कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने योग किया. इस योग कार्यक्रम के संबंध में कारागार एवं होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि योग आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा हमारे जीवन की मूल आवश्यकता है. भारत की पहचान इन्हीं से है. उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से व्यक्ति हमेशा स्वस्थ और निरोग रह सकता है. अपने जीवन के नए रूप का अनुभव कर सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि कारागार में निरुद्ध बंदियों की मनोदशा बदले.

कारागार मंत्री ने कहा हमारा लक्ष्य कैदियों की बदले मनोदशा

कारागार एवं होमगार्ड मंत्री ने जानकारी दी : मथुरा पहुंचे कारागार एवं होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति से जब पूछा गया कि कोरोना काल में विशेष पैरोल पर छोड़े गए कुछ कैदी अभी तक कारागार वापस नहीं लौटे तो उन्होंने कहा कि उस पर हमारा मंथन चल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि न्यायालय के अर्थदंड के अभाव में कई कैदी जेल में बंद हैं. उनकी सूची मांगी गई है. 136 लोग ऐसे मिले जो केवल अर्थ के अभाव में जेल में हैं. इनके परिवार वाले अर्थदंड के पैसे जमा नहीं कर पा रहे थे. एक सज्जन के माध्यम से उन लोगों का पैसा जमा करवाया और 136 लोग भारतीय नववर्ष के दिन बाहर निकले. यह लोग अपने परिवार से मिले और अपने घर पहुंचे.

कैदियों की बदले मनोदशा : उन्होंने कहा कि कुछ लोग परिस्थितिवश अपराध कर बैठते हैं, वह पेशेवर अपराधी नहीं होते. हमारा प्रयास है कि ऐसे कैदियों की मनोदशा बदले. जब उनकी सजा पूरी हो और वह जेल से बाहर निकलें तो उनके गांव व मोहल्ले के लोग जाने कि यह व्यक्ति जेल के अंदर रहकर एक अच्छा व्यक्ति बनकर निकला है. कहा कि उनके कार्यकाल में यह लक्ष्य रहेगा कि कैदियों की मनोदशा बदले और वह एक बेहतर इंसान बनकर सामने आएं. कहा कि उन्होंने निर्देशित किया था कि प्रार्थना के बाद गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण हो.

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एक लड़का जो 10 हजार के अर्थदंड में सात साल से सजा काट रहा था, वह बाहर निकला तो उसने कहा कि जिस व्यक्ति ने उसका अर्थदंड जमा किया, वह उसका आजीवन आभारी रहेगा. वह बाहर जाकर अच्छा काम करेगा. मेहनत-मजदूरी करेगा.

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