मथुरा: उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि पंडित दीनदयाल के बताए हुए मार्ग पर चलकर लोग देश की तरक्की में योगदान कर सकते हैं. उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि मैं इस धरती को प्रणाम करती हूं. इसकी रज को माथे से लगाती हूं. इसके कारण हजारों लाखों ऐसे लोगों को ऊपर उठने का मौका मिला है, जिन्हें दीनदयाल जी चाहते थे.
उनका सपना था. हम उनके जन्मोत्सव पर यहां हर साल एकत्रित होते हैं और महिलाएं और बहनों का एक लोकगीत का कार्यक्रम होता है. हमारी संस्कृति हमारी धरोहर है, जो हमें अपनी दादी नानियों से मिली है. उसको हम आगे कैसे ले जाएं और भारतीय संस्कृति को जीवित रखें. यह लोकगीत का मकसद है. इस कार्यक्रम में मैं हर साल यहां आती हूं. उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल ने लखीमपुर खीरी के मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और उनको अपने जीवन का रोल मॉडल बताया. उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य मंगलवार को धर्म नगरी वृंदावन पहुंची. यहां उन्होंने विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर पहुंचकर बांके बिहारी के दर्शन कर पूजा अर्चना की. यहां बेबी रानी मौर्य ने कहा कि मैं दलितों के लिए राजभवन छोड़कर एक्टिव राजनीति में आई हूं ताकि जो काम दलितों के नहीं हो पाते कुछ अधिकारियों के कारण और कुछ दबंगई के कारण. वह कार्य हो सकें और दलित कंधे से कंधा मिलाकर चल सकें.