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मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन, शिक्षकों के खाली पद भरने की मांग

उत्तर प्रदेश में जनसंख्या के साथ बेरोजगारों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. लखनऊ में आज सड़क पर बड़ी संख्या में युवाओं ने प्रदर्शन किया और यूपी के रिक्त प्राइमरी शिक्षकों के पदों पर भर्ती करने की मांग की.

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Published : Jul 12, 2021, 12:07 PM IST

lucknow protest
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इन पर भर्ती करने की मांग को लेकर युवा सोमवार को लखनऊ की सड़कों पर उतर आए. इन्होंने मुख्यमंत्री आवास पर धरना प्रदर्शन किया.

सोमवार सुबह करीब 10:30 बजे यह अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे. प्रदर्शन करने वालों का कहना था कि वो शिक्षक भर्ती की मांग विगत 2 साल से कर रहे हैं. सरकार का ध्यान 15 लाख प्रशिक्षितों पर नहीं जा रहा है. डीएलएड, बीटीसी और बीएड के प्रशिक्षितों ने यहां शिक्षक भर्ती की मांग की. 69,000 शिक्षक भर्ती के गैर चयनितों अभ्यार्थियों की संख्या लगभग साढे तीन लाख है.

अन्य डिग्री धारकों की संख्या लगभग चार से पांच लाख है. इस प्रकार नई शिक्षक भर्ती के लिए आशान्वित अभ्यर्थियों की संख्या लगभग 10 से 15 लाख है. सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से यह बात स्वीकार की गई है कि सरकार के पास 51,112 पद अप्रकाशित शेष हैं. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 40 लोगों को हिरासत में लेकर प्रदर्शन खत्म करवा दिया.

ये भी पढ़ें- जनसंख्या नीति को हिन्दू-मुस्लिम का मुद्दा बनाकर चुनावी लाभ लेने की कोशिशः एसटी हसन


दरअसल, उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए चल रही 69,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी विवादों के चलते फंसी हुई है. तीसरे चरण की काउंसलिंग की प्रक्रिया 28 जून को पूरी हो गई. लेकिन, अभी तक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं बांटे गए. इसके अलावा आरक्षण के नियमों की अनदेखी किए जाने और आवेदन के दौरान कोई मामूली गलतियों को आधार बनाकर अभ्यर्थियों को प्रक्रिया से बाहर करने के आरोप लगे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इन पर भर्ती करने की मांग को लेकर युवा सोमवार को लखनऊ की सड़कों पर उतर आए. इन्होंने मुख्यमंत्री आवास पर धरना प्रदर्शन किया.

सोमवार सुबह करीब 10:30 बजे यह अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे. प्रदर्शन करने वालों का कहना था कि वो शिक्षक भर्ती की मांग विगत 2 साल से कर रहे हैं. सरकार का ध्यान 15 लाख प्रशिक्षितों पर नहीं जा रहा है. डीएलएड, बीटीसी और बीएड के प्रशिक्षितों ने यहां शिक्षक भर्ती की मांग की. 69,000 शिक्षक भर्ती के गैर चयनितों अभ्यार्थियों की संख्या लगभग साढे तीन लाख है.

अन्य डिग्री धारकों की संख्या लगभग चार से पांच लाख है. इस प्रकार नई शिक्षक भर्ती के लिए आशान्वित अभ्यर्थियों की संख्या लगभग 10 से 15 लाख है. सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से यह बात स्वीकार की गई है कि सरकार के पास 51,112 पद अप्रकाशित शेष हैं. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 40 लोगों को हिरासत में लेकर प्रदर्शन खत्म करवा दिया.

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दरअसल, उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए चल रही 69,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी विवादों के चलते फंसी हुई है. तीसरे चरण की काउंसलिंग की प्रक्रिया 28 जून को पूरी हो गई. लेकिन, अभी तक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं बांटे गए. इसके अलावा आरक्षण के नियमों की अनदेखी किए जाने और आवेदन के दौरान कोई मामूली गलतियों को आधार बनाकर अभ्यर्थियों को प्रक्रिया से बाहर करने के आरोप लगे.

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