लखनऊ: न्याय विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि जनप्रतिनिधियों खासकर बीजेपी से जुड़े नेताओं के ऊपर दर्ज पुराने मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने की कवायद चल रही है. पिछले दिनों योगी सरकार के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के मामले को लेकर सरकार की काफी फजीहत हुई. कानपुर की एक कोर्ट ने उनके खिलाफ 1 वर्ष की सजा भी सुनाई है. ऐसे में सरकार किसी भी फजीहत से बचने को लेकर सरकार के मंत्रियों और विधायकों पर दर्ज पुराने मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है.
उल्लेखनीय यह भी है कि सरकार के कई मंत्रियों के पुराने राजनीति से जुड़े आंदोलनों में हिस्सेदारी लेते हुए मुकदमे दर्ज हुए थे. इसके अलावा कई विधायकों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज है. भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में कई मंत्रियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे भी वापस लिए थे. इसके बाद अब एक बार फिर सरकार गठन के 4 महीने बाद यह प्रक्रिया शुरू होने वाली है.
ये भी पढ़ें- 'तिरंगे की कीमत गरीब का निवाला छीनकर वसूलना शर्मनाक', वरुण गांधी का सरकार पर निशाना
इसके अलावा निषाद पार्टी के अध्यक्ष व योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था और उनका भी मामला कोर्ट में विचाराधीन है. जिसको लेकर सरकार की फजीहत हुई थी. ऐसे तमाम मामलों को देखते हुए सरकार के उच्च स्तर पर यह फैसला किया गया है कि मंत्री विधायकों के खिलाफ पूर्व में दर्ज हुए मुकदमे की समीक्षा करते हुए उन्हें वापस लिए जाने का काम किया जाएगा. उसको लेकर न्याय विभाग और गृह विभाग की तरफ से संबंधित जिलों से पूरी रिपोर्ट भी मांगी जाएगी. जिसके बाद गुण दोष के आधार पर मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया जाएगा.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप