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UP DGP News: कौन होगा यूपी का नया डीजीपी, दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग के बाद तय होगा नाम - UP Police

यूपी का नया डीजीपी (New Dgp of UP) कौन होगा इसके लिए आज दिल्ली में हाईलेवल बैठक हो रही है. इस बैठक के बाद तय होगा कि प्रदेश का अगला डीजीपी कौन होगा. प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी 30 जून को रिटायर हो जाएंगे.

कौन होगा यूपी का नया डीजीपी
कौन होगा यूपी का नया डीजीपी
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Published : Jun 29, 2021, 1:12 PM IST

लखनऊ: देश की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स का अगला डीजीपी कौन होगा? इसके लिए तीन नामों के पैनल पर गहन चर्चा के लिए मंगलवार को दिल्ली में UPSC (यूपीएससी) के नेतृत्व में बैठक हो रही है. फिलहाल डीजीपी पद के लिए केंद्र में तैनात आईपीएस मुकुल गोयल, आरपी सिंह, आरके विश्वकर्मा और आनंद कुमार को प्रबल दावेदार माना जा रहा है.

प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी 30 जून को रिटायर हो जाएंगे. उनके स्थान पर कौन डीजीपी बने इसके लिए लोक सेवा आयोग नई दिल्ली को तीन वरिष्ठतम और श्रेष्ठ करियर वाले अधिकारियों का नाम चयन कर यूपी सरकार को भेजना है. दिल्ली में मंगलवार को आयोजित इस बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी और डीजीपी एचसी अवस्थी के अलावा गृह मंत्रालय के सचिव के साथ किसी केंद्रीय पुलिस बल के डीजी और यूपीएससी के सदस्य अथवा अध्यक्ष शामिल होंगे.

ये हैं प्रमुख दावेदार
दरअसल, यूपी काडर के आईपीएस में मौजूदा वक्त में वरिष्ठता में सबसे ऊपर 86 बैच के नासिर कमाल व 87 बैच के मुकुल गोयल केंद्र में तैनात हैं. इसके बाद 87 बैच के ही आरपी सिंह, विश्वजीत महापात्रा, जीएल मीना और 88 बैच के पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी आरके विश्वकर्मा हैं. विश्वजीत को हाल ही में सीबीसीआईडी से हटाकर प्रतीक्षारत रखने के बाद डीजी नागरिक सुरक्षा जैसे महत्वहीन पद पर भेजा गया है. वहीं, जीएल मीना भी मानवाधिकार आयोग में लंबे अरसे से हैं. ऐसे में मुकुल गोयल, आरपी सिंह दावेदार हैं, जबकि 1988 बैच में सबसे प्रबल दावेदार आरके विश्वकर्मा हैं. मुकुल का केंद्र में डीजी पद पर इंपैनलमेंट नहीं हुआ है. वह बीएसएफ में एडीजी हैं. ऐसे में संभव है, वह यूपी में लौटना चाहें. अगर वे यूपी लौटते हैं तो तीन नामों के पैनल में वह सबसे ऊपर होंगे.

इनके नाम पर भी गंभीरता से हो रहा विचार

ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह के पास एसआईटी का भी अतिरिक्त प्रभार है. डीजी आरके विश्वकर्मा भी दो महत्वपूर्ण पदों का काम संभाल रहे हैं. वह पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं और डीजी फायर सर्विस के पद पर भी तैनात हैं. मौजूदा समय में वह शासन के विश्वस्त अधिकारियों में हैं. इसी तरह 1988 बैच के डीजी जेल आनंद कुमार का एडीजी कानून-व्यवस्था रहते बेहतर कार्यकाल रहा है. अगर मुकुल गोयल यूपी नहीं लौटे तो वरिष्ठता और श्रेष्ठता के आधार पर उनके नाम पर भी विचार हो सकता है.

लखनऊ: देश की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स का अगला डीजीपी कौन होगा? इसके लिए तीन नामों के पैनल पर गहन चर्चा के लिए मंगलवार को दिल्ली में UPSC (यूपीएससी) के नेतृत्व में बैठक हो रही है. फिलहाल डीजीपी पद के लिए केंद्र में तैनात आईपीएस मुकुल गोयल, आरपी सिंह, आरके विश्वकर्मा और आनंद कुमार को प्रबल दावेदार माना जा रहा है.

प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी 30 जून को रिटायर हो जाएंगे. उनके स्थान पर कौन डीजीपी बने इसके लिए लोक सेवा आयोग नई दिल्ली को तीन वरिष्ठतम और श्रेष्ठ करियर वाले अधिकारियों का नाम चयन कर यूपी सरकार को भेजना है. दिल्ली में मंगलवार को आयोजित इस बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी और डीजीपी एचसी अवस्थी के अलावा गृह मंत्रालय के सचिव के साथ किसी केंद्रीय पुलिस बल के डीजी और यूपीएससी के सदस्य अथवा अध्यक्ष शामिल होंगे.

ये हैं प्रमुख दावेदार
दरअसल, यूपी काडर के आईपीएस में मौजूदा वक्त में वरिष्ठता में सबसे ऊपर 86 बैच के नासिर कमाल व 87 बैच के मुकुल गोयल केंद्र में तैनात हैं. इसके बाद 87 बैच के ही आरपी सिंह, विश्वजीत महापात्रा, जीएल मीना और 88 बैच के पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी आरके विश्वकर्मा हैं. विश्वजीत को हाल ही में सीबीसीआईडी से हटाकर प्रतीक्षारत रखने के बाद डीजी नागरिक सुरक्षा जैसे महत्वहीन पद पर भेजा गया है. वहीं, जीएल मीना भी मानवाधिकार आयोग में लंबे अरसे से हैं. ऐसे में मुकुल गोयल, आरपी सिंह दावेदार हैं, जबकि 1988 बैच में सबसे प्रबल दावेदार आरके विश्वकर्मा हैं. मुकुल का केंद्र में डीजी पद पर इंपैनलमेंट नहीं हुआ है. वह बीएसएफ में एडीजी हैं. ऐसे में संभव है, वह यूपी में लौटना चाहें. अगर वे यूपी लौटते हैं तो तीन नामों के पैनल में वह सबसे ऊपर होंगे.

इनके नाम पर भी गंभीरता से हो रहा विचार

ईओडब्ल्यू के डीजी आरपी सिंह के पास एसआईटी का भी अतिरिक्त प्रभार है. डीजी आरके विश्वकर्मा भी दो महत्वपूर्ण पदों का काम संभाल रहे हैं. वह पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं और डीजी फायर सर्विस के पद पर भी तैनात हैं. मौजूदा समय में वह शासन के विश्वस्त अधिकारियों में हैं. इसी तरह 1988 बैच के डीजी जेल आनंद कुमार का एडीजी कानून-व्यवस्था रहते बेहतर कार्यकाल रहा है. अगर मुकुल गोयल यूपी नहीं लौटे तो वरिष्ठता और श्रेष्ठता के आधार पर उनके नाम पर भी विचार हो सकता है.

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