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जरा सी बारिश में स्कूल बन जाता है तालाब, जानिये क्या है हाल?

बख्शी का तालाब नगर पंचायत में ऐसे भी स्कूल हैं जिनकी स्थिति बद से बदतर हो गई है. पूर्व प्राथमिक विद्यालय सरकपुर सरैया (Pre Primary School Sarkpur Saraiya Lucknow) में पानी भर गया है. बच्चे इसी पानी से होकर कक्षा में प्रवेश कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि यह समस्या काफी समय से चली आ रही है.

पूर्व प्राथमिक विद्यालय सरकपुर सरैया का हाल
पूर्व प्राथमिक विद्यालय सरकपुर सरैया का हाल
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Published : Aug 9, 2022, 5:32 PM IST

लखनऊ : प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर तमाम योजनाएं चला रही है. बड़े बड़े दावे किये जा रहे हैं. शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की सूरत बदली जा रही है, लेकिन राजधानी के बख्शी का तालाब नगर पंचायत में ऐसे भी स्कूल हैं जिनकी स्थिति बद से बदतर हो गई है. पूर्व प्राथमिक विद्यालय सरकपुर सरैया (Pre Primary School Sarkpur Saraiya Lucknow) में पानी भर गया है. बच्चे इसी पानी से होकर कक्षा में प्रवेश कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि यह समस्या काफी समय से चली आ रही है.

छात्र अंकित पांडेय ने बताया कि बारिश के मौसम में स्कूल परिसर में जलभराव होने के चलते आए दिन समस्या हुआ करती है. बारिश का पानी स्कूल परिसर में इतना भर जाता है कि निकलना भी काफी मुश्किल हो जाता है. छात्रा सारिका रावत ने बताया कि पिछले 3 सालों से हम स्कूल में पढ़ रहे हैं. हर वर्ष बारिश में पूरे स्कूल परिसर में पानी भर जाता है. छोटे बच्चों को निकलने में मुश्किल होती है. सारिका ने बताया कि स्कूल के बगल में ही तालाब बना हुआ है वह भी पूरी तरह से भरा हुआ है. तालाब का पानी स्कूल परिसर में आ जाता है. बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी पानी से होकर ही गुजरना पड़ता है.

पूर्व प्राथमिक विद्यालय सरकपुर सरैया का हाल

अभिभावक मोनू ने बताया कि पिछले सात साल से स्कूल परिसर में जलभराव हो जाता है. जिसके चलते बच्चों को आए दिन बारिश के मौसम में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा समस्या छोटे बच्चों को होती है, क्योंकि पानी बच्चों के कमर तक आ जाता है. बारिश में बच्चे स्कूल भी जाने से मना कर देते हैं. एक बार की बारिश से 5 से 6 दिन तक स्कूल परिसर में जलभराव रहता है.



अभिभावक मीना रावत ने बताया कि स्कूल परिसर में जलभराव के चलते बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काफी चिंता बनी रहती है. बच्चों को पानी से होकर स्कूल पढ़ने के लिए जाना पड़ता है. सबसे ज्यादा जहरीले कीड़ों के निकलने का भी डर बना रहता है. वहीं उन्होंने बताया कि अगर स्कूल में लगातार ऐसे ही जलभराव बना रहेगा तो स्कूल गिरने का भी डर है.


इस पूरे मामले पर बीकेटी खंड शिक्षा अधिकारी प्रीति शुक्ला से बात की तो उन्होंने मामले को संज्ञान लेते हुए बताया कि स्कूल में जो जलभराव की स्थिति बनी है उसको लेकर नगर पंचायत से बात करके मोटर के माध्यम से पानी को हटाया जाएगा. जलभराव की समस्याओं को देखते हुए नगर पंचायत और शासन को भी पत्र के माध्यम से अवगत कराकर स्थाई समाधान निकाला जाएगा.

यह भी पढ़ें : हर घर तिरंगा लगाकर देशवासी अपनी खुशी का जमकर करें इजहार: मायावती

उन्होंने बताया कि जब तक कोई स्थाई तौर पर व्यवस्था नहीं होती है तब तक नगर पंचायत से बात करके वहां पर कोई फिलहाल उचित व्यवस्था की जाएगी ताकि बच्चों को स्कूल पढ़ने जाने के लिए समस्याएं ना हों.
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लखनऊ : प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर तमाम योजनाएं चला रही है. बड़े बड़े दावे किये जा रहे हैं. शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की सूरत बदली जा रही है, लेकिन राजधानी के बख्शी का तालाब नगर पंचायत में ऐसे भी स्कूल हैं जिनकी स्थिति बद से बदतर हो गई है. पूर्व प्राथमिक विद्यालय सरकपुर सरैया (Pre Primary School Sarkpur Saraiya Lucknow) में पानी भर गया है. बच्चे इसी पानी से होकर कक्षा में प्रवेश कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि यह समस्या काफी समय से चली आ रही है.

छात्र अंकित पांडेय ने बताया कि बारिश के मौसम में स्कूल परिसर में जलभराव होने के चलते आए दिन समस्या हुआ करती है. बारिश का पानी स्कूल परिसर में इतना भर जाता है कि निकलना भी काफी मुश्किल हो जाता है. छात्रा सारिका रावत ने बताया कि पिछले 3 सालों से हम स्कूल में पढ़ रहे हैं. हर वर्ष बारिश में पूरे स्कूल परिसर में पानी भर जाता है. छोटे बच्चों को निकलने में मुश्किल होती है. सारिका ने बताया कि स्कूल के बगल में ही तालाब बना हुआ है वह भी पूरी तरह से भरा हुआ है. तालाब का पानी स्कूल परिसर में आ जाता है. बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी पानी से होकर ही गुजरना पड़ता है.

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अभिभावक मोनू ने बताया कि पिछले सात साल से स्कूल परिसर में जलभराव हो जाता है. जिसके चलते बच्चों को आए दिन बारिश के मौसम में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा समस्या छोटे बच्चों को होती है, क्योंकि पानी बच्चों के कमर तक आ जाता है. बारिश में बच्चे स्कूल भी जाने से मना कर देते हैं. एक बार की बारिश से 5 से 6 दिन तक स्कूल परिसर में जलभराव रहता है.



अभिभावक मीना रावत ने बताया कि स्कूल परिसर में जलभराव के चलते बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काफी चिंता बनी रहती है. बच्चों को पानी से होकर स्कूल पढ़ने के लिए जाना पड़ता है. सबसे ज्यादा जहरीले कीड़ों के निकलने का भी डर बना रहता है. वहीं उन्होंने बताया कि अगर स्कूल में लगातार ऐसे ही जलभराव बना रहेगा तो स्कूल गिरने का भी डर है.


इस पूरे मामले पर बीकेटी खंड शिक्षा अधिकारी प्रीति शुक्ला से बात की तो उन्होंने मामले को संज्ञान लेते हुए बताया कि स्कूल में जो जलभराव की स्थिति बनी है उसको लेकर नगर पंचायत से बात करके मोटर के माध्यम से पानी को हटाया जाएगा. जलभराव की समस्याओं को देखते हुए नगर पंचायत और शासन को भी पत्र के माध्यम से अवगत कराकर स्थाई समाधान निकाला जाएगा.

यह भी पढ़ें : हर घर तिरंगा लगाकर देशवासी अपनी खुशी का जमकर करें इजहार: मायावती

उन्होंने बताया कि जब तक कोई स्थाई तौर पर व्यवस्था नहीं होती है तब तक नगर पंचायत से बात करके वहां पर कोई फिलहाल उचित व्यवस्था की जाएगी ताकि बच्चों को स्कूल पढ़ने जाने के लिए समस्याएं ना हों.
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