लखनऊ: प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ग्राम्य विकास सेक्टर के पांच विभागों में कार्ययोजना जानने के लिए प्रेजेंटेशन देखने के बाद कुछ बड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें बीडीओ, तहसीलदार और एसडीएम को उनकी तैनाती स्थल पर ही निवास करने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि शासकीय आवास हो तो ठीक अन्यथा किराए के आवास की व्यवस्था करें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्री परिषद के सामने ग्रामीण विकास सेक्टर के 5 विभागों की फ्यूचर प्लान को लेकर प्रेजेंटेशन किया गया. इस अवसर पर इस महत्वपूर्ण बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमंडल के अन्य मंत्री उपस्थित रहे. सीएम ने प्रजेंटेशन देखने के बाद विभाग के कामकाज को लेकर निर्देश दिए हैं. आने वाले समय में ग्राम्य विकास विभाग के स्तर पर तमाम बड़े विकास कार्य कराए जाएंगे जिनकी प्लानिंग की गई है. सीएम ने कहा कि ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग ने गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन में अभूतपूर्व कार्य किया है. ग्रामीण क्षेत्रों में आवास, पेयजल, बिजली, संपर्क मार्ग, ग्रामीण हाट और टेक होम राशन प्लांट के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है.
सीएम ने दिये ये निर्देश, ये होंगे काम
- सीएम ने कहा कि मनरेगा के माध्यम से कोरोना काल में वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 में देश में सर्वाधिक 213 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में सर्वाधिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर रहा है.
- मनरेगा से हर जिले में दो हाई टेक नर्सरी स्थापना का कार्य सुनिश्चित किया जाए. एक नर्सरी से 15 लाख पौधे तैयार होंगे. बरसात के पहले नालों को डी-सिल्ट कर लें. आवश्यकतानुसार मनरेगा से सहयोग लिया जाए. गांवों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था भी की जाए.
- अगले सौ दिनों में मनरेगा से नदियों का पुनरुद्धार किया जाए और आवश्यकतानुसार पौधरोपण भी किया जाए. अगले दो वर्ष में 15 हजार खेल मैदान का निर्माण और 30 हजार तालाबों के पुनरुद्धार का लक्ष्य लेकर कार्य करें.
- संपूर्ण परिवार सर्वेक्षण के तहत हर परिवार के सभी सदस्यों की आजीविका के स्रोत/माध्यम एवं सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होने की स्थिति आदि का सर्वेक्षण किया जाए. इस सर्वेक्षण के आधार पर आकांक्षी परिवारों के लिए विशेष प्रयास किए जा सकेंगे. यह सर्वेक्षण छह माह में करा लिया जाए.
- आवेदन के 15 दिनों के अंदर जाति प्रमाण पत्र मिलना सुनिश्चित कराएं. इसी प्रकार, नवजात शिशुओं को जन्म प्रमाण पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र वितरण करने की व्यवस्था की जाए.
- हर जनपद में कम से कम दो मॉडल ग्राम पंचायतों को समस्त मूलभूत सुविधाओं और विकास कार्यों से संतृप्त किया जाए.
- भूमि सरकारी हो या कि निजी, अवैध कब्जे करने वालों के खिलाफ बिना भेदभाव के कठोरतम कार्रवाई की जाए. गांवों में यह बड़े विवाद का कारक है. इससे कड़ाई के साथ निपटा जाए. गोचर भूमि पर भी अवैध कब्जों को पड़ताल कर कार्रवाई की जाए.
- तहसील प्रशासन को जिम्मेदार, पारदर्शी तथा भ्रष्टाचार मुक्त करना भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त करने के लिए पृथक पोर्टल विकसित कराया जाए. इसके तहत 50 अधिकारियों का एक पैनल बनाएं जो भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच करें. इसी प्रकार, सभी प्रकार के सर्टिफिकेट और वाद दायर करने की ऑनलाइन व्यवस्था की जाए.
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- अभियान चलाकर निर्विवाद वरासत के सभी मामलों में वरासत दर्ज कराएं. पैमाइश के लिए ई-फाइलिंग की व्यवस्था हो. नियत सीमा से अधिक भूमि क्रय करने की अनुमति के लिए आनॅलाइन आवेदन की व्यवस्था हो.
- आगामी दो वर्षों में कम से कम 30 हजार महिला मेटों को चयनित और प्रशिक्षित कर मनरेगा कार्यों में संबद्ध किया जाए.
- हर बेघर को घर उपलब्ध कराने की दिशा में 13 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और डेढ़ लाख परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आच्छादित करने की दिशा में प्रयास शुरू किए जाएं.
- उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत देश में पहली बार कोरोना काल में दो साल पहले 58 हजार ग्राम पंचायतों में बीसी सखी नियुक्त करने की घोषणा की गई. वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक 2200 करोड़ का ट्रांजैक्शन किया गया और 5.36 करोड़ का कमीशन अर्जित किया गया.
- अवंती बाई लोधी स्वयं सहायता समूह योजना अंतर्गत आगामी छह माह में एक लाख नए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाए. पांच साल में हमें साढ़े पांच लाख स्वयं सहायता समूहों के गठन के लक्ष्य को पूरा करना है.
- पांच हजार स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 50 हजार महिलाओं को एसएचजी क्रेडिट कार्ड (एक करोड़) उपलब्ध कराते हुए बैंकों से समन्वय स्थापित कर ऋण उपलब्ध कराया जाए.
- स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के परिवारों में कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार या स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं.
- आगामी सौ दिनों में 200 टेक होम राशन प्लांट की स्थापना और छह सौ विकास खंडों में पुष्टाहार की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए.
- अगले सौ दिनों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पांच हजार किमी मार्गों का निर्माण और 28 सौ किमी सड़कों का पीरियोडिक रिन्यूवल पूरा किया जाए.
- आगामी 100 दिनों में सभी ग्राम सचिवालयों की शत प्रतिशत क्रियाशीलता और आनलाइन उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. पंचायत सचिवों की कलस्टर के अनुसार तैनाती कर दी जाए.
- हर गांव में एक आंगनबाड़ी केंद्र जरूर हो. सामुदायिक शौचालयों का रख-रखाव की अच्छी व्यवस्था हो. गांवों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक चुनौती है. इसे कम्पोस्ट के रूप में प्रसंस्कृत करने के प्रयास हो. गांव में ड्रेनेज प्रणाली को बेहतर करने की जरूरत है.
- सौ दिनों में ग्राम सचिवालय में सीएससी की सह-स्थापना संबंधी मार्ग निर्देश जारी किया जाए और पंचायत भवन में सीएससी के 750 अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए ग्राम पंचायतों का चयन और धनराशि जारी की जाए.
- हर ग्राम पंचायत में 'अमृत सरोवर' का विकास किया जाए. जनपद बलिया में निर्मित क्षेत्रीय पंचायत रिसोर्स सेंटर को क्रियाशील बनाया जाए.
- छह माह के भीतर 1.50 लाख इज्जत घरों का निर्माण, प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन विकास खंडों में योजना निर्माण एवं स्थल चयन किया जाए. ओडीएफ प्लस ग्राम तैयार योजना के अनुरूप 5000 ग्रामों में कार्य शुरू किया जाए.
- नवाचार एवं उत्कृष्ट कार्य करने के लिए ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म का क्रियान्वयन किया जाए. पंचायत प्रतिनिधियों का एक्सपोजर विजिट कराएं.
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