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लोगों को संस्कृति, पहनावे और खानपान से रूबरू कर रहा उत्तराखंड महोत्सव

उत्तराखंड महोत्सव प्रदेश की 21 वीं वर्षगांठ के अवसर पर मनाया जा रहा है. इसको लेकर राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में स्थित भारत सरदार वल्लभ पटेल पार्क में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं.

uttrakhand mohotsava organised at gomti nagar in lucknow
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Published : Nov 10, 2021, 10:31 PM IST

लखनऊ: उत्तराखंड में रहने वाले लोग अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने का काम कर रहे हैं. इसको लेकर 9 नवंबर से लेकर 18 नवंबर तक कई कार्यक्रम होंगे. उत्तराखंड महोत्सव के अवसर पर मेले में पूरी तरह से लोगों की खरीदारी करने के लिए सजे हुए हैं. यहां कई राज्यों की खाद्य सामग्री व परिधान के स्टॉल लगाए गए हैं.

जानकारी देते उत्तराखंड महोत्सव के संयोजक दीवान सिंह
उत्तराखंड राज्य स्थापना के दिवस के अवसर पर उत्तराखंड महोत्सव मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की संस्कृति का देश विदेश में प्रचार-प्रसार करना है. ताकि उत्तराखंड में विलुप्त हो रहे छोलिया नृत्य सहित अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम से लोगों को वहां की संस्कृति से जोड़ा जा सके. लोगों को उत्तराखंड के रहन-सहन और पहनावा व खानपान से रूबरू कराया जा सके.लखनऊ में उत्तराखंड महोत्सव की वर्ष 2014 में शुरुआत की गई थी. वर्ष 2019 में कोरोना के चलते उत्तराखंड महोत्सव स्थगित कर दिया गया था. लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड महोत्सव इस बार लखनऊ के गोमती नदी तट पर हो रहा है. यहां 160 स्टॉल लगाए गए हैं. इनमें ऊनी कपड़े, खाद्य सामग्री, ड्राई फ्रूट्स और सजावटी सामान आदि उपलब्ध है.

ये भी पढ़ें- जानिए, भाजपा के कितने विधायकों की छवि जनता के बीच साफ-सुथरी, दोबारा मिल सकता है टिकट...



उत्तराखंड महोत्सव का मेला मुख्य संयोजक भगवान सिंह, दीवान सिंह अधिकारी, हेम सिंह, अध्यक्ष हरीश चंद्र पंत, महासचिव भारत सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंगल सिंह रावत, महासचिव राजेश बिष्ट, केएस सोफल कोषाध्यक्ष, संस्कृति मंत्री महेंद्र सिंह और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से उत्तराखंड महोत्सव मेला हो रहा है. उत्तराखंड महोत्सव के संयोजक दीवान सिंह ने बताया कि यहां विलुप्त हो रहे उत्तराखंड के छोलिया नृत्य को भी बढावा देने का काम किया जा रहा है, जिससे संस्कृति को बचाया जा सके.

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लखनऊ: उत्तराखंड में रहने वाले लोग अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने का काम कर रहे हैं. इसको लेकर 9 नवंबर से लेकर 18 नवंबर तक कई कार्यक्रम होंगे. उत्तराखंड महोत्सव के अवसर पर मेले में पूरी तरह से लोगों की खरीदारी करने के लिए सजे हुए हैं. यहां कई राज्यों की खाद्य सामग्री व परिधान के स्टॉल लगाए गए हैं.

जानकारी देते उत्तराखंड महोत्सव के संयोजक दीवान सिंह
उत्तराखंड राज्य स्थापना के दिवस के अवसर पर उत्तराखंड महोत्सव मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की संस्कृति का देश विदेश में प्रचार-प्रसार करना है. ताकि उत्तराखंड में विलुप्त हो रहे छोलिया नृत्य सहित अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम से लोगों को वहां की संस्कृति से जोड़ा जा सके. लोगों को उत्तराखंड के रहन-सहन और पहनावा व खानपान से रूबरू कराया जा सके.लखनऊ में उत्तराखंड महोत्सव की वर्ष 2014 में शुरुआत की गई थी. वर्ष 2019 में कोरोना के चलते उत्तराखंड महोत्सव स्थगित कर दिया गया था. लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड महोत्सव इस बार लखनऊ के गोमती नदी तट पर हो रहा है. यहां 160 स्टॉल लगाए गए हैं. इनमें ऊनी कपड़े, खाद्य सामग्री, ड्राई फ्रूट्स और सजावटी सामान आदि उपलब्ध है.

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उत्तराखंड महोत्सव का मेला मुख्य संयोजक भगवान सिंह, दीवान सिंह अधिकारी, हेम सिंह, अध्यक्ष हरीश चंद्र पंत, महासचिव भारत सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंगल सिंह रावत, महासचिव राजेश बिष्ट, केएस सोफल कोषाध्यक्ष, संस्कृति मंत्री महेंद्र सिंह और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से उत्तराखंड महोत्सव मेला हो रहा है. उत्तराखंड महोत्सव के संयोजक दीवान सिंह ने बताया कि यहां विलुप्त हो रहे उत्तराखंड के छोलिया नृत्य को भी बढावा देने का काम किया जा रहा है, जिससे संस्कृति को बचाया जा सके.

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