ETV Bharat / city

बसों की वायरिंग में छेड़छाड़ करना ड्राइवर को पड़ेगा भारी, जायेगी नौकरी - बसों में शॉर्ट सर्किट

परिवहन निगम की बसों में शॉर्ट सर्किट की अहम वजह अब रोडवेज अधिकारियों ने खोज ली है. सामने आया है कि बसों में आग लगने की घटनाएं इंजन के गर्म होने या किसी उपकरण के हीट होने से नहीं, बल्कि वायरिंग में छेड़छाड़ करने के चलते होती हैं.

परिवहन निगम
परिवहन निगम
author img

By

Published : Jul 28, 2022, 3:38 PM IST

लखनऊ : अब बसों की वायरिंग में छेड़छाड़ करना ड्राइवरों को काफी भारी पड़ने वाला है. अगर उन्होंने ऐसा किया तो नौकरी से हाथ धो बैठेंगे. दरअसल, परिवहन निगम अधिकारियों ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जब जांच की तो वायरिंग में छेड़छाड़ का सच सामने आया. ड्राइवर बसों की वायरिंग में छेड़छाड़ कर अलग उपकरण (Equipment) लगा लेते हैं. वायरिंग कटने से शाॅर्ट सर्किट की संभावना बढ़ जाती है. कई बसों में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं. इससे परिवहन निगम का काफी नुकसान भी हो चुका है.


उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में शॉर्ट सर्किट की अहम वजह अब रोडवेज अधिकारियों ने खोज ली है. सामने आया है कि बसों में आग लगने की घटनाएं इंजन के गर्म होने या किसी उपकरण के हीट होने से नहीं, बल्कि वायरिंग में छेड़छाड़ करने के चलते होती हैं. रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि बसों में आग लगने की घटनाओं की जब गंभीरता से तकनीकी अधिकारियों ने जांच की तो पाया कि चालक बसों की वायरिंग काटकर अपनी सुविधा के मुताबिक उपकरण लगा रखे हैं. जैसे कि हवा के लिए अपनी सीट के पास पंखा लगा लिया. यही नहीं संगीत सुनने के लिए कहीं भी तार काटकर स्पीकर लगा लिया. ड्राइवर की सीट के पास अलग से लाइट लगा लेते हैं.

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय


ये भी पढ़ें : परिवहन निगम की बसें न लगा दें सुरक्षा में सेंध, बिना चेकिंग भेजे जा रहे पार्सल
लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक (regional manager) पल्लव कुमार बोस का कहना है कि बसों में शाॅर्ट सर्किट होने की वजह सामने आ रही है. ड्राइवर बसों की वायरिंग काटकर म्यूजिक सिस्टम लगा लेते हैं या अन्य उपकरण लगाते हैं. जिससे शाॅर्ट सर्किट हो जाता है और बस में आग लग जाती है. यूरो फोर बस काफी सेंसिटिव होती हैं. लिहाजा, इन बसों में आग लगने की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं. अब चालक वायरिंग से छेड़छाड़ करेंगे तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा फोरमैन पर भी कार्रवाई होगी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : अब बसों की वायरिंग में छेड़छाड़ करना ड्राइवरों को काफी भारी पड़ने वाला है. अगर उन्होंने ऐसा किया तो नौकरी से हाथ धो बैठेंगे. दरअसल, परिवहन निगम अधिकारियों ने बसों में आग लगने की घटनाओं की जब जांच की तो वायरिंग में छेड़छाड़ का सच सामने आया. ड्राइवर बसों की वायरिंग में छेड़छाड़ कर अलग उपकरण (Equipment) लगा लेते हैं. वायरिंग कटने से शाॅर्ट सर्किट की संभावना बढ़ जाती है. कई बसों में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं. इससे परिवहन निगम का काफी नुकसान भी हो चुका है.


उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में शॉर्ट सर्किट की अहम वजह अब रोडवेज अधिकारियों ने खोज ली है. सामने आया है कि बसों में आग लगने की घटनाएं इंजन के गर्म होने या किसी उपकरण के हीट होने से नहीं, बल्कि वायरिंग में छेड़छाड़ करने के चलते होती हैं. रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि बसों में आग लगने की घटनाओं की जब गंभीरता से तकनीकी अधिकारियों ने जांच की तो पाया कि चालक बसों की वायरिंग काटकर अपनी सुविधा के मुताबिक उपकरण लगा रखे हैं. जैसे कि हवा के लिए अपनी सीट के पास पंखा लगा लिया. यही नहीं संगीत सुनने के लिए कहीं भी तार काटकर स्पीकर लगा लिया. ड्राइवर की सीट के पास अलग से लाइट लगा लेते हैं.

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय


ये भी पढ़ें : परिवहन निगम की बसें न लगा दें सुरक्षा में सेंध, बिना चेकिंग भेजे जा रहे पार्सल
लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक (regional manager) पल्लव कुमार बोस का कहना है कि बसों में शाॅर्ट सर्किट होने की वजह सामने आ रही है. ड्राइवर बसों की वायरिंग काटकर म्यूजिक सिस्टम लगा लेते हैं या अन्य उपकरण लगाते हैं. जिससे शाॅर्ट सर्किट हो जाता है और बस में आग लग जाती है. यूरो फोर बस काफी सेंसिटिव होती हैं. लिहाजा, इन बसों में आग लगने की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं. अब चालक वायरिंग से छेड़छाड़ करेंगे तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा फोरमैन पर भी कार्रवाई होगी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.