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फेसबुक पर नीट अभ्यर्थी ने लिखी आत्महत्या की पोस्ट, फिर यूपी पुलिस ने किया ये काम - फेसबुक से मार्च 2022 में अनुबंध

एडीजी कानून एवं व्यवस्था (ADG Law & Order), प्रशांत कुमार ने बताया कि सात सितम्बर को सुबह 3:25 पर फेसबुक की तरफ से यूपी पुलिस मुख्यालय (UP Police Headquarters) स्थित सोशल मीडिया सेंटर (social media center) को एक ईमेल व फोन के जरिये एक अलर्ट मिला. जिसमें बताया गया कि लखनऊ का एक युवक आत्महत्या करने जा रहा है.

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Published : Sep 9, 2022, 3:27 PM IST

लखनऊ : 'आज मैं आत्महत्या कर रहा हूं. मजबूरी है मेरी'. यह कहकर लखनऊ के एक नीट (NEET) अभ्यर्थी ने फेसबुक में पोस्ट किया तो इसकी जानकारी तुरन्त डीजीपी मुख्यालय में मौजूद सोशल मीडिया सेंटर (social media center) को एसओएस के रूप में मिल गयी. ये सूचना मिलने के बाद लखनऊ पुलिस अभ्यर्थी के घर पर पहुंची और नीट उम्मीदवार की जान बचा ली.

नीट अभ्यर्थी कर रहा था सुसाइड : एडीजी कानून एवं व्यवस्था (ADG Law & Order), प्रशांत कुमार ने बताया कि सात सितम्बर को सुबह 3:25 पर फेसबुक की तरफ से यूपी पुलिस मुख्यालय (UP Police Headquarters) स्थित सोशल मीडिया सेंटर (social media center) को एक ईमेल व फोन के जरिये एक अलर्ट मिला. जिसमें बताया गया कि लखनऊ का एक युवक आत्महत्या करने जा रहा है. इसके लिए उसने फेसबुक में पोस्ट किया है. सूचना मिलते ही युवक की लोकेशन ट्रेस की गई और लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट (Lucknow Police Commissionerate) को सूचना दी गयी.

घटना की सूचना मिलते ही एडीसीपी वेस्ट चिरंजीव नाथ सिन्हा तत्काल मदेयगंज स्थित 29 साल के नीट कैंडिडेट के घर पहुंचे, जिसने अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. उस व्यक्ति ने स्वीकार किया कि उसने गलती की है और आगे कभी ऐसा नहीं करेगा. इससे पहले भी यूपी पुलिस ने प्रयागराज के 11वीं के छात्र की जान बचाई थी. छात्र एग्जाम में फेल हो गया था. जिससे उदास हुआ और ट्विटर पर एक पोस्ट किया. जिसमें उसने फेल होने की वजह से आत्महत्या करने की बात पोस्ट की. आनन-फानन में यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया में ही पहले उसे समझाने का प्रयास किया व उसकी लॉकेशन ट्रेसकर पुलिस टीम भेजकर उसे आत्महत्या करने से रोक लिया.

फेसबुक व यूपी पुलिस के बीच हुआ है समझौता : यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम को रोजाना ऐसे दर्जनों वीडियो ट्विटर, फेसबुक व इंस्टाग्राम में मिलते हैं, जिसमें लोग अपनी समस्या बताते हुए आत्महत्या कर लेते हैं या फिर करने जा रहे होते हैं. हालांकि कुछ मामलों में देर से सूचना मिलने पर पुलिस उन्हें बचाने में असफल होती है. इसी से निपटने व रिस्पॉन्स टाइम को कम करने के लिए यूपी पुलिस ने फेसबुक से मार्च 2022 में अनुबंध किया था. जिसके तहत फेसबुक, ट्विटर या इंस्टाग्राम पर किसी भी व्यक्ति द्वारा आत्महत्या किए जाने से संबंधित पोस्ट किया जाता है तो फेसबुक कंपनी के अमेरिका स्थित मुख्यालय द्वारा यूपी पुलिस के सोशल मीडिया मॉनीटरिंग सेंटर (social media monitoring center) की अधिकृत ई मेल आईडी व फोन नंबर पर ऐसे पोस्ट करने वाले के संबंध में तत्काल अलर्ट भेज देगी. जिससे तुरंत पुलिस एक्शन में आ जायेगी.


एसटीएफ भी करेगी सोशल मीडिया सेल की मदद : यूपी पुलिस सोशल मीडिया सेल (social media cell) के ASP राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि जब हम सोशल मीडिया में आत्महत्या करने का वीडियो पोस्ट होते देखते थे तो ये चाहते थे कि किसी भी तरह हम उस व्यक्ति की जान बचा सकें. कई बार यूपी पुलिस ने कोशिश भी की थी ऐसे लोगों की जान बचाने की, लेकिन देर से जानकारी मिलती थी. जिससे समय पर नहीं पहुंच सकते थे.

यह भी पढ़ें : सरकारी स्कूलों की भ्रष्टाचार, महज 9 महीने में टूट गया लाखों का फर्नीचर

डीजीपी का निर्देश हुआ कि कैसे भी ऐसे लोगों की जान बचाई जाए व उनकी काउंसलिंग की जाए. इसी क्रम में फेसबुक से बात की गई और उन्होंने हमें ऐसे केस के अलर्ट भेजने का भरोसा दिलाया. हमने एसटीएफ की भी सहायता ली है. जिससे आत्महत्या करने के लिए वीडियो पोस्ट करने वाले कि लॉकेशन जल्द से जल्द मिल सके. इसके लिए हमने एसटीएफ को अपने सर्वर से लिंक किया है, जिससे बिना टाइम व्यर्थ किये हमारे साथ एसटीएफ को भी जानकारी मिल सके.

यह भी पढ़ें : लेवाना होटल अग्निकांड का हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, एलडीए से मांगा जवाब

लखनऊ : 'आज मैं आत्महत्या कर रहा हूं. मजबूरी है मेरी'. यह कहकर लखनऊ के एक नीट (NEET) अभ्यर्थी ने फेसबुक में पोस्ट किया तो इसकी जानकारी तुरन्त डीजीपी मुख्यालय में मौजूद सोशल मीडिया सेंटर (social media center) को एसओएस के रूप में मिल गयी. ये सूचना मिलने के बाद लखनऊ पुलिस अभ्यर्थी के घर पर पहुंची और नीट उम्मीदवार की जान बचा ली.

नीट अभ्यर्थी कर रहा था सुसाइड : एडीजी कानून एवं व्यवस्था (ADG Law & Order), प्रशांत कुमार ने बताया कि सात सितम्बर को सुबह 3:25 पर फेसबुक की तरफ से यूपी पुलिस मुख्यालय (UP Police Headquarters) स्थित सोशल मीडिया सेंटर (social media center) को एक ईमेल व फोन के जरिये एक अलर्ट मिला. जिसमें बताया गया कि लखनऊ का एक युवक आत्महत्या करने जा रहा है. इसके लिए उसने फेसबुक में पोस्ट किया है. सूचना मिलते ही युवक की लोकेशन ट्रेस की गई और लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट (Lucknow Police Commissionerate) को सूचना दी गयी.

घटना की सूचना मिलते ही एडीसीपी वेस्ट चिरंजीव नाथ सिन्हा तत्काल मदेयगंज स्थित 29 साल के नीट कैंडिडेट के घर पहुंचे, जिसने अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. उस व्यक्ति ने स्वीकार किया कि उसने गलती की है और आगे कभी ऐसा नहीं करेगा. इससे पहले भी यूपी पुलिस ने प्रयागराज के 11वीं के छात्र की जान बचाई थी. छात्र एग्जाम में फेल हो गया था. जिससे उदास हुआ और ट्विटर पर एक पोस्ट किया. जिसमें उसने फेल होने की वजह से आत्महत्या करने की बात पोस्ट की. आनन-फानन में यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया में ही पहले उसे समझाने का प्रयास किया व उसकी लॉकेशन ट्रेसकर पुलिस टीम भेजकर उसे आत्महत्या करने से रोक लिया.

फेसबुक व यूपी पुलिस के बीच हुआ है समझौता : यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम को रोजाना ऐसे दर्जनों वीडियो ट्विटर, फेसबुक व इंस्टाग्राम में मिलते हैं, जिसमें लोग अपनी समस्या बताते हुए आत्महत्या कर लेते हैं या फिर करने जा रहे होते हैं. हालांकि कुछ मामलों में देर से सूचना मिलने पर पुलिस उन्हें बचाने में असफल होती है. इसी से निपटने व रिस्पॉन्स टाइम को कम करने के लिए यूपी पुलिस ने फेसबुक से मार्च 2022 में अनुबंध किया था. जिसके तहत फेसबुक, ट्विटर या इंस्टाग्राम पर किसी भी व्यक्ति द्वारा आत्महत्या किए जाने से संबंधित पोस्ट किया जाता है तो फेसबुक कंपनी के अमेरिका स्थित मुख्यालय द्वारा यूपी पुलिस के सोशल मीडिया मॉनीटरिंग सेंटर (social media monitoring center) की अधिकृत ई मेल आईडी व फोन नंबर पर ऐसे पोस्ट करने वाले के संबंध में तत्काल अलर्ट भेज देगी. जिससे तुरंत पुलिस एक्शन में आ जायेगी.


एसटीएफ भी करेगी सोशल मीडिया सेल की मदद : यूपी पुलिस सोशल मीडिया सेल (social media cell) के ASP राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि जब हम सोशल मीडिया में आत्महत्या करने का वीडियो पोस्ट होते देखते थे तो ये चाहते थे कि किसी भी तरह हम उस व्यक्ति की जान बचा सकें. कई बार यूपी पुलिस ने कोशिश भी की थी ऐसे लोगों की जान बचाने की, लेकिन देर से जानकारी मिलती थी. जिससे समय पर नहीं पहुंच सकते थे.

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डीजीपी का निर्देश हुआ कि कैसे भी ऐसे लोगों की जान बचाई जाए व उनकी काउंसलिंग की जाए. इसी क्रम में फेसबुक से बात की गई और उन्होंने हमें ऐसे केस के अलर्ट भेजने का भरोसा दिलाया. हमने एसटीएफ की भी सहायता ली है. जिससे आत्महत्या करने के लिए वीडियो पोस्ट करने वाले कि लॉकेशन जल्द से जल्द मिल सके. इसके लिए हमने एसटीएफ को अपने सर्वर से लिंक किया है, जिससे बिना टाइम व्यर्थ किये हमारे साथ एसटीएफ को भी जानकारी मिल सके.

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