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आलू बीज वितरण और बिक्री के लिए दरें तय, उद्यान विभाग ने जारी किया आदेश - उत्तर प्रदेश आलू उत्पादन

उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के निदेशक डॉ. आर के तोमर ने बताया कि किसानों एवं आलू उत्पादकों के हितों को ध्यान में रखते हुए आलू की सभी प्रजातियों पर 1,000 रुपए प्रति कुन्तल की छूट दी गयी है. वर्ष 2021-22 के लिए आलू बीज वितरण और बिक्री की दरें तय कर दी गयी हैं. इसको लेकर आदेश भी जारी किए गए हैं.

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Published : Sep 28, 2021, 10:37 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के निदेशक डॉ. आर के तोमर ने बताया कि किसानों एवं आलू उत्पादकों के हितों को ध्यान में रखते हुए आलू की सभी प्रजातियों पर 1,000 रुपए प्रति कुन्तल की छूट दी गयी है. वर्ष 2021-22 के लिए आलू बीज वितरण व विक्रय की दरें तय कर दी गयी हैं.

इसको लेकर आदेश जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इन दरों पर प्रदेश के कृषक अपने जनपदीय उद्यान अधिकारी से नकद मूल्य पर बीज प्राप्त कर आलू बीज का उत्पादन कर सकते है. उन्होंने बताया कि यह आलू बीज आधारित प्रथम, आधारित द्वितीय तथा प्रमाणित श्रेणी का है. इससे आगामी वर्षों के लिए बीज तैयार किया जा सकता है, जिससे प्रदेश में आलू के गुणवत्ता वाले बीज की कमी की पूर्ति होगी.


निदेशक डॉ. तोमर ने बताया कि किसान अपने जनपद के उद्यान अधिकारी से मिलकर आलू बीज की आधारित प्रथम श्रेणी 2080 रुपये, द्वितीय श्रेणी 1695 रुपये, ओवर साइज श्रेणी (आधा प्रथम) 1530 रुपये, ओवर साइज श्रेणी (आधा द्वितीय) 1475 रुपये प्रति कुन्तल की दरों पर आलू बीज प्राप्त कर, अपने निजी क्षेत्रों में भी बीज उत्पादन कर सकते है. उन्होंने बताया कि सफेद एवं लाल आलू बीज प्रजातियों की विक्रय दरें एक समान हैं.


उद्यान निदेशक ने कहा कि किसानों को नकद मूल्य पर आधारित प्रथम, द्वितीय तथा प्रमाणित आलू बीज उपलब्ध कराया जा रहा है. इस बीज से कृषक आधारित प्रथम से आधारित द्वितीय, आधारित द्वितीय से प्रमाणित तथा प्रमाणित बीज से गुणवत्तायुक्त बीज का उत्पादन कर अपनी उत्पादकता में वृद्धि कर सकते हैं. इस बीज का उपयोग केवल बीज उत्पादन के लिए किया जाए. इस बीज की गुणवत्ता बहुत अच्छी है.

डॉ. तोमर ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में लगभग 6.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बोआई का लक्षय निर्धारित किया गया है, जिसके लिए लगभग 20-21 लाख मीट्रिक टन आलू बीज की आवश्यकता होगी. उद्यान विभाग लगभग 40 हजार कुन्तल आधरित श्रेणी का आलू बीज किसानों में बीज उत्पादन के लिए वितरित करता है. इससे किसान अग्रेतर श्रेणी के बीजों का उत्पादन करते हैं और प्रदेश में गुणवत्ता वाले बीज की कमी को पूरा करने में सहभागी बनते हैं. उन्होंने बताया कि गुणवत्ता वाले प्रमाणित आलू बीज से प्रदेश के आलू उत्पादन में वृद्धि होगी.


उद्यान निदेशक डॉ. तोमर ने बताया कि वर्ष 2020-21 में प्रदेश के राजकीय क्षेत्रों पर उत्पादन के लिए भारत सरकार 7640 कुन्तल जनक (ब्रीडर) आलू बीज सीपीआर आई से प्राप्त कर राजकीय प्रक्षेत्रों में 190.01 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्रदेश के 16 राजकीय प्रक्षेत्रों पर आलू बीज का उत्पादन कराया गया. इससे 40786.50 कुन्तल आधारित श्रेणी के आलू बीज का उत्पादन प्राप्त हुआ. उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 के लिए राजकीय शीतगृह अलीगंज, लखनऊ तथा मोदीपुरम, मेरठ में भण्डारित आलू बीज का प्रदेश के समस्त जनपदों को आवंटित कर किसानों के मध्य वितरण किया जायेगा.

ये भी पढ़ें- Mahant Narendra Giri Death case: इलाहाबाद हाईकोर्ट की निगरानी में CBI जांच की मांग, याचिका दायर


निदेशक डॉ. तोमर ने बताया कि देश के कुल उत्पादन का 30 से 35 प्रतिशत आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश में उत्पादित होता है. प्रसंस्कृत प्रजातियों के लिए उप्र राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से पंजीकरण के बाद आलू बीज उत्पादन की बैगिंग, टैगिंग कराने पर किसानों रुपए 25,000 प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान की व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि आलू की प्रसंस्कृत प्रजातियां कुफरी चिप्सोना-1, 3 एवं 4 तथा कुफरी सूर्या आदि हैं.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के निदेशक डॉ. आर के तोमर ने बताया कि किसानों एवं आलू उत्पादकों के हितों को ध्यान में रखते हुए आलू की सभी प्रजातियों पर 1,000 रुपए प्रति कुन्तल की छूट दी गयी है. वर्ष 2021-22 के लिए आलू बीज वितरण व विक्रय की दरें तय कर दी गयी हैं.

इसको लेकर आदेश जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इन दरों पर प्रदेश के कृषक अपने जनपदीय उद्यान अधिकारी से नकद मूल्य पर बीज प्राप्त कर आलू बीज का उत्पादन कर सकते है. उन्होंने बताया कि यह आलू बीज आधारित प्रथम, आधारित द्वितीय तथा प्रमाणित श्रेणी का है. इससे आगामी वर्षों के लिए बीज तैयार किया जा सकता है, जिससे प्रदेश में आलू के गुणवत्ता वाले बीज की कमी की पूर्ति होगी.


निदेशक डॉ. तोमर ने बताया कि किसान अपने जनपद के उद्यान अधिकारी से मिलकर आलू बीज की आधारित प्रथम श्रेणी 2080 रुपये, द्वितीय श्रेणी 1695 रुपये, ओवर साइज श्रेणी (आधा प्रथम) 1530 रुपये, ओवर साइज श्रेणी (आधा द्वितीय) 1475 रुपये प्रति कुन्तल की दरों पर आलू बीज प्राप्त कर, अपने निजी क्षेत्रों में भी बीज उत्पादन कर सकते है. उन्होंने बताया कि सफेद एवं लाल आलू बीज प्रजातियों की विक्रय दरें एक समान हैं.


उद्यान निदेशक ने कहा कि किसानों को नकद मूल्य पर आधारित प्रथम, द्वितीय तथा प्रमाणित आलू बीज उपलब्ध कराया जा रहा है. इस बीज से कृषक आधारित प्रथम से आधारित द्वितीय, आधारित द्वितीय से प्रमाणित तथा प्रमाणित बीज से गुणवत्तायुक्त बीज का उत्पादन कर अपनी उत्पादकता में वृद्धि कर सकते हैं. इस बीज का उपयोग केवल बीज उत्पादन के लिए किया जाए. इस बीज की गुणवत्ता बहुत अच्छी है.

डॉ. तोमर ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में लगभग 6.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बोआई का लक्षय निर्धारित किया गया है, जिसके लिए लगभग 20-21 लाख मीट्रिक टन आलू बीज की आवश्यकता होगी. उद्यान विभाग लगभग 40 हजार कुन्तल आधरित श्रेणी का आलू बीज किसानों में बीज उत्पादन के लिए वितरित करता है. इससे किसान अग्रेतर श्रेणी के बीजों का उत्पादन करते हैं और प्रदेश में गुणवत्ता वाले बीज की कमी को पूरा करने में सहभागी बनते हैं. उन्होंने बताया कि गुणवत्ता वाले प्रमाणित आलू बीज से प्रदेश के आलू उत्पादन में वृद्धि होगी.


उद्यान निदेशक डॉ. तोमर ने बताया कि वर्ष 2020-21 में प्रदेश के राजकीय क्षेत्रों पर उत्पादन के लिए भारत सरकार 7640 कुन्तल जनक (ब्रीडर) आलू बीज सीपीआर आई से प्राप्त कर राजकीय प्रक्षेत्रों में 190.01 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्रदेश के 16 राजकीय प्रक्षेत्रों पर आलू बीज का उत्पादन कराया गया. इससे 40786.50 कुन्तल आधारित श्रेणी के आलू बीज का उत्पादन प्राप्त हुआ. उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 के लिए राजकीय शीतगृह अलीगंज, लखनऊ तथा मोदीपुरम, मेरठ में भण्डारित आलू बीज का प्रदेश के समस्त जनपदों को आवंटित कर किसानों के मध्य वितरण किया जायेगा.

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निदेशक डॉ. तोमर ने बताया कि देश के कुल उत्पादन का 30 से 35 प्रतिशत आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश में उत्पादित होता है. प्रसंस्कृत प्रजातियों के लिए उप्र राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से पंजीकरण के बाद आलू बीज उत्पादन की बैगिंग, टैगिंग कराने पर किसानों रुपए 25,000 प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान की व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि आलू की प्रसंस्कृत प्रजातियां कुफरी चिप्सोना-1, 3 एवं 4 तथा कुफरी सूर्या आदि हैं.

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