लखनऊ. पुराने वाहनों के लिए केंद्र सरकार ने स्क्रैप पॉलिसी बनाई है. 20 साल पुराने निजी वाहन और 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहन स्क्रैप पॉलिसी की चपेट में आ रहे हैं. विभिन्न राज्य स्क्रैप पॉलिसी लागू भी कर रहे हैं लेकिन उन्हें स्क्रैप सेंटर खोलने में देरी लग रही है. उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जहां दो व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी रजिस्टर्ड भी हो गए हैं. उत्तर प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि महिंद्रा और भारत सरकार का वेंचर और मारुति सुजुकी के साथ टोयोटा का वेंचर वेहिकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी को रजिस्टर्ड कर लिया गया है. दोनों ही स्थानों पर स्क्रैप वाहन डंप किए जा सकेंगे.
कबाड़ वाहनों को डंप करने के लिए दो व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी रजिस्टर्ड हो गए हैं. अभी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्क्रैप सेंटर खुले हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश में अन्य जगहों पर भी स्क्रैप सेंटरों को खोलने की तैयारी है. परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि विभाग की वेबसाइट पर छह तरह के लोग वाहन को स्क्रैप घोषित करने के लिए आवेदन कर सकेंगे. इसके लिए परिवहन विभाग ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी दी है. इसमें कोई व्यक्ति, फर्म, संस्था और ट्रस्ट आवेदन कर सकते हैं. ₹100 के स्टांप पर कैरेक्टर सर्टिफिकेट समेत अन्य दस्तावेज अपलोड करने होंगे. इसके लिए www.ppe. nsws.gov.in/scrappagepolicy पर आवेदन कर सकते हैं.
पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के लिए भारत सरकार ने स्क्रैप पॉलिसी बनाई थी. अगस्त 2021 में यह पॉलिसी बनकर तैयार हो गई और अब इसे लागू भी कर दिया गया है. इस पॉलिसी का उद्देश्य यही है कि सड़क पर जो वाहन प्रदूषण फैला रहे हैं. फिटनेस टेस्ट में आयु पूरी करने के बाद अगर वह पास नहीं होते हैं तो उन्हें कबाड़ घोषित कर सड़क से हटा दिया जाए. इससे जहां प्रदूषण पर नियंत्रण स्थापित हो सकेगा, वहीं नए वाहनों की बिक्री भी बढ़ सकेगी. आयु पूरी कर चुके वाहन इस पॉलिसी के तहत कबाड़ की श्रेणी में आएंगे. वाहन की फिटनेस दुरुस्त नहीं होने पर उन्हें स्क्रैप घोषित कर दिया जाएगा. कबाड़ घोषित होने पर वाहन स्वामी को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. प्रत्येक फिटनेस सर्टिफिकेट पांच साल के लिए लागू होगा.
क्या होगा फायदा : स्क्रैप पॉलिसी लागू होने का सरकार को यह फायदा मिलेगा कि जब लोग पुराने वाहन स्क्रैप करेंगे और नए वाहन खरीदेंगे तो इससे सालाना हजारों करोड़ की जीएसटी आएगी. सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. बात अगर वाहन मालिकों के फायदे की करें तो इस नीति के तहत कबाड़ हो चुकी गाड़ी की कुल कीमत का छह फीसद नकद पैसा वाहन स्वामी को मिलेगा. एक प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा. इसे दिखाकर वाहन स्वामी नया वाहन खरीदने पर पांच फीसदी छूट का हकदार भी होगा. इसके अलावा राज्य सरकारें वाहन खरीदार को प्राइवेट व्हीकल के लिए 25 परसेंट और कमर्शियल व्हीकल के लिए 15 परसेंट तक रोड टैक्स में छूट भी दे सकती हैं.
दिया गया है ये नाम : व्हीकल स्क्रैप पाॅलिसी को भारत सरकार की तरफ से वॉलेंटरी व्हीकल मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम नाम दिया गया है. अगर कोई वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाता है तो उसे देश भर में जितने भी रजिस्टर्ड स्क्रैप फैसिलिटी सेंटर होंगे, वहां वाहन को स्क्रैप कराना होगा.
यूपी में तकरीबन सवा 21 लाख वाहन : देश के अन्य राज्यों की तरह ही उत्तर प्रदेश के भी लाखों वाहन स्क्रैप पाॅलिसी लागू होने के बाद इस दायरे में आ रहे हैं. उन्हें सड़क से हटना पड़ेगा. उत्तर प्रदेश में पुराने वाहनों की संख्या तकरीबन 21,23, 813 है. ये सभी स्क्रैप पॉलिसी की जद में हैं. इन वाहनों में पंजीकृत प्राइवेट वाहनों की संख्या लगभग 19,20,229 है तो कॉमर्शियल वाहनों की संख्या करीब 2,03,584 है.
लखनऊ में करीब साढ़े तीन लाख वाहन : लखनऊ की सड़कों पर दौड़ने वाले पुराने वाहनों की बात की जाए तो इनकी संख्या भी लाखों में है. प्राइवेट और कमर्शियल वाहनों को मिला लिया जाए तो लखनऊ में तकरीबन यह संख्या साढ़े तीन लाख तक पहुंच रही है. इनमें 14,223 कमर्शियल वाहन हैं. वहीं, प्राइवेट गाड़ियों की बात करें तो ये संख्या ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में 3,22,854 और देवां रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय में 9,213 है. इस तरह कुल 3,46,290 वाहन स्क्रैप पॉलिसी के दायरे में आ रहे हैं.
ट्रांसपोर्ट वाहनों का इस्तेमाल ज्यादा इसलिए आयु कम : स्क्रैप पॉलिसी में एक जनवरी 2000 के बाद पंजीकृत हुए नॉन ट्रांसपोर्ट वाहन दायरे में आएंगे. अधिक संख्या इन्हीं वाहनों की है. कमर्शियल वाहनों का प्रयोग ज्यादा होने के कारण एक जनवरी 2005 के बाद पंजीकृत हुए वाहनों को स्क्रैप पॉलिसी में लाया जा रहा है. यानी 20 साल पुराने निजी वाहन और 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहन स्क्रैप पॉलिसी की चपेट में आ रहे हैं.
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क्या कहते हैं ट्रांसपोर्ट कमिश्नर : उत्तर प्रदेश में स्क्रैप पाॅलिसी लागू हो गई है. इसके लिए विशेष गाइडलाइंस राज्य सरकार ने जारी कर दी है. इन्वेस्टर्स समिट में इच्छुक इन्वेस्टर्स को इस योजना के बारे में पूरी जानकारी दी गई थी. प्रदेश में दो व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी को ऑलरेडी रजिस्टर्ड कर लिया गया है. एक फैसिलिटी ग्रेटर नोएडा में है जो कि महिंद्रा और भारत सरकार का उपक्रम है. एमएसटीसी उसका ज्वाइंट वेंचर है. इसी तरह दूसरी फैसिलिटी नोएडा में रजिस्टर की गई है जोकि मारुति सुजुकी और टोयोटा का ज्वाइंट वेंचर है. इन दोनों के रजिस्टर्ड हो जाने के पश्चात कोई भी वाहन स्वामी जिसे अपनी गाड़ी स्क्रैप करानी है, वह अपनी गाड़ी यहां दे सकता है. उसके लिए उन्हें स्क्रेपिंग सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. नए वाहन के परचेज में टैक्स की छूट देने का जो प्रश्न है, उस पर भी विचार चल रहा है. फाइनल डिसीजन हो जाने पर यह लागू किया जाएगा.
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