लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP ELECTION 2022) के अभी दो चरण बाकी हैं. नतीजे 10 मार्च को आएंगे, लेकिन कांग्रेस पार्टी में जीत और हार की समीक्षा अभी से शुरू हो गई. कुछ नेता 2017 से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जता रहे हैं तो कुछ के समीकरण अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक तबके का मानना है कि पिछले चुनाव में जीती हुई सात सीटें भी अगर कांग्रेस पार्टी जीत लेती है बहुत बड़ी बात होगी. जबकि कुछ बड़े नेता 30 से 32 सीटों की उम्मीद जता रहे हैं. सीटों को लेकर कांग्रेस में फिलहाल चर्चाओं का बाजार खूब गर्म है.
2017 में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन कर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा था. तब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. समाजवादी पार्टी ने यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से गठबंधन के तहत कांग्रेस 100 विधानसभा सीटें दी थीं. इन 100 सीटों के जब नतीजे आए तो कांग्रेस पार्टी को कुल सात सीटें हासिल हुई थीं. जबकि समाजवादी पार्टी 47 सीटें ही जीत पाई थी. इस बार कांग्रेस पार्टी 400 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है. ऐसे में पार्टी के जिम्मेदार नेता ये अंदाजा लगा रहे हैं कि कांग्रेस को चार दर्जन सीटें जरूर मिलेंगी. आपसी चर्चा में सीटों के साथ ही वोट प्रतिशत बढ़ने की भी उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि पार्टी में ऐसे भी नेता और कार्यकर्ता हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति देखते हुए यह विश्वास ही नहीं हो रहा है कि 2017 का इतिहास भी कांग्रेस दोहरा पाएगी. यानी पार्टी के खाते में सात सीटें भी शायद ही आए.
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हर सीट पर कांग्रेस को चाहिए 20000 वोट तभी बढ़ेगा मत प्रतिशत
फिलहाल उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का विधानसभा में मत प्रतिशत मात्र सात फीसद के करीब है. कांग्रेस के औसत की बात करें तो हर सीट पर अगर पार्टी प्रत्याशी 20 हजार वोट लाएंगे तब जाकर ये औसत 10 फीसद तक पहुंचेगा. यूपी में तमाम ऐसी सीटें हैं जिन पर इतने वोट ला पाना कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए संभव नहीं होगा.आज की राजनीतिक हालात में कांग्रेस राज्य में चौथे -पांचवे नंबर पर सिमट कर रह गई है तो 20 हजार वोट पाने में कांग्रेस प्रत्याशियों की नसें फूल जाएगी.
हालांकि कांग्रेस के एक धड़े का ये तर्क है कि इस बार राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने राज्य में जबरदस्त तरीके से मेहनत की है.पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने की कोशिश की है और इसमें वे काफी हद तक सफल भी हुई हैं.प्रियंका गांधी के लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा भी राज्य की महिला मतदाताओं में जोश भरने का काम किया है। कुछ नेता इस आधार पर भी अपना नजरिया पेश कर रहे हैं कि जब 2017 में पार्टी ने 100 सीटों पर लड़कर सात सीटें जीती थीं तो इस बार पार्टी 400 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो कम से कम 28-30 सीटें तो जीत ही लेगी
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