लखनऊ: मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने पोषण अभियान को लेकर बैठक की. इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि पोषण अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं, शून्य से 06 साल के बच्चों, 14 से 19 साल तक की किशोरियों और 49 वर्ष तक महिलाओं में एनीमिया मुक्ति एवं उनके स्वास्थ्य एवं पोषण हेतु सार्थक प्रयास सुनिश्चित किए जाएं.
इस अभियान को सफल बनाने हेतु संबंधित सभी विभाग राज्य, जनपद और ब्लाॅक स्तर पर आपसी समन्वय स्थापित कर समन्वित प्रयास करें. उन्होंने कहा कि बच्चों के वजन और उनकी लंबाई आदि की मॉनिटरिंग हेतु आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए.
दरअसल, मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने सोमवार को लोक भवन स्थित कार्यालय कक्ष के सभागार में पोषण अभियान एवं राज्य पोषण मिशन की 12वीं कार्यकारी समिति, राज्य स्तरीय सेक्शनिंग कमेटी (एसएलएससी), 5वीं स्टेट कनवर्जेन्स कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के वजन और उनकी लंबाई आदि की माॅनिटरिंग हेतु ग्रोध माॅनिटरिंग डिवाइस और ग्रामीण अंचल में लाभार्थियों की रियल टाइम माॅनिटरिंग हेतु स्मार्ट फोन क्रय किए जाएं.
मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने कहा कि प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जनपदों के 200-200 आंगनबाड़ी केंद्रों को माॅडल आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में विकसित किया जाए, जिसमें पोषण वाटिका भी बनाई जाए. उन्होंने कहा कि किशोरी बालिकाओं को पोषण विषय पर जागरूक करने के लिए 'किशोरी का पिटारा' कार्यक्रम के अन्तर्गत कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.
केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की सहमति से बैठक में मनरेगा और निर्माण गतिविधियों में कार्यरत महिला और श्रमिकों को निर्माण स्थल पर ही आंगनबाड़ी मोबाइल वैन सेवा के माध्यम से आंगनबाड़ी सेवाएं प्रदान करने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया. सभी मोबाइल वैन मोबाइल नंबर से लैस रहेंगी, जिससे आवश्यकतानुसार महिला श्रमिकों से संपर्क भी स्थापित किया जा सकेगा. इसके अतिरिक्त पोषण अभियान के अन्तर्गत पोषण सेवाओं के अभिसरण हेतु 5.3 करोड़ रुपये की लागत से एकीकृत डिजिटल पोर्टल के विकास एवं क्रियान्वयन और प्रदेश के समस्त 21,005 एएनएम सेण्टर पर सुपोषण स्वास्थ्य मेलों का आयोजन जुलाई से मार्च 2020 तक आयोजित कराये जाने हेतु 06 करोड़ 30 लाख के प्रस्ताव को भी अनुमोदन प्रदान किया गया.