लखनऊ : उत्तर प्रदेश में खनन को लेकर घपले-घोटाले होते रहे हैं. सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति आज भी जेल की सलाखों के पीछे हैं. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद यह कोशिशें होती रहीं कि खनन में पारिदर्शिता रहे और मूल्य भी नियंत्रण में रहे. योगी-1 में खनन को लेकर घपलों-घोटालों पर तो नियंत्रण रहा, लेकिन मौरंग और बालू के मूल्य आसमान छूने लगे थे. इससे सबक लेकर योगी-2 सरकार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मई 2022 में 'माइन मित्र' पोर्टल (Mine Mitra Portal) लांच किया. सरकार की इस पहल के परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं.
खनन विभाग की ओर से ई-नागरिक सेवाओं के तहत कई सेवाएं दी जा रही हैं. इसमें तीन 'निवेश मित्र' (Nivesh mitra) और छह मुख्यमंत्री डैश बोर्ड दर्पण से जुड़ी हैं. निजी भूमि से मिट्टी निकालनी हो, खरीदी गई मिट्टी का परिवहन करना हो, खनिज कार्यों के लिए लीज, परमिट, रजिस्ट्रेशन आदि की जरूरतों को इस प्लेटफार्म से जोड़ा गया है. बड़ी संख्या में लोग इन सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं. पोर्टल की मदद से ईंट-भट्ठों को ऑनलाइन भुगतान करने में भी इससे आसानी हो रही है. यही नहीं लोगों को उचित मूल्य पर बालू और मौरंग उपलब्ध कराने के लिए भी सरकार द्वारा बड़ी पहल की गई है. अब लोग सीधे माइन मित्र पोर्टल के माध्यम से खनिज पदार्थों की खरीद उचित मूल्यों पर कर सकते हैं. इसके लिए योगी सरकार की तरफ से शुरू हुए माइन मित्र पोर्टल पर विगत पैंसठ दिनों में छियालीस हजार से ज्यादा आवेदन पत्रों का निस्तारण किया गया है. पोर्टल की लॉचिंग के बाद से अब तक सत्तावन हजार से भी अधिक आवेदन आए हैं.
प्रदेश में खनन और अवैध परिवहन को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित मानव रहित प्रवर्तन तंत्र को संचालित करने के लिए सोलह जिलों में इक्कीस चेकगेट और मिनी कमांड सेंटर्स की स्थापना भी की गई है. इसके द्वारा खनिज परिवहन में अनियमितता और नियमों के उल्लंघन पर बाइस हजार से ज्यादा ई नोटिस जारी की गई है. करीब इकतीस करोड़ जुर्माना भी वसूला गया है. यही नहीं सात अन्य स्थानों पर भी चेक गेट की स्थापना की जा रही है.
'माइन मित्र' के तहत भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा प्रदेश में उप खनिजों की खरीद और बिक्री के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल 'मिनरल मार्ट' विकसित किया गया है. Minemitra.up.gov.in एवं upmineralmart.com पोर्टल पर 1015 विक्रय स्थलों का जिलेवार एवं खनिजवार विवरण दिया गया है. पहले छोटे-छोटे कार्यों के लिए अनुमति लेने में लोगों को काफी दिक्कत होती थी. मैनुअल आवेदनों के कारण भ्रष्टाचार की शिकायतें भी मिलती थीं. अब ऑनलाइन पोर्टल से न केवल आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण हो रहा है, बल्कि सिस्टम में और पारिदर्शिता हुई है.
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खनन विभाग के लगातार प्रयासों से वित्तीय वर्ष 2022-23 में पिछले वर्ष की तुलना में जून माह तक 168 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है. सरकार का मानना है कि बालू, मिट्टी और मौरंग से आम आदमी का सीधा जुड़ाव है. जन सामान्य को उचित दर पर बालू, मौरंग और गिट्टी उपलब्ध होनी चाहिए. ऐसे में सरकार का माइन मित्र पोर्टल आमजन को सुविधा देने के लिए नया प्रयास है. निश्चित रूप से जो परिणाम सामने आ रहे हैं, उन्हे सकारात्मक कहा जा सकता है.
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