लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई ने कहा कि भाजपा की सरकार मानती है कि किसानों को इससे कोई लेना-देना, इन किसान नेताओं का नहीं है. किसान आंदोलन का जो लोग नेतृत्व कर रहे हैं, वह किसानों को भ्रमित कर रहे हैं. किसानों के हितों के संदर्भ में कोई काम यह लोग नहीं कर रहे हैं. सरकार लगातार किसानों को आमंत्रित कर रही है कि आकर बातचीत करिए और उसका हल निकालिए.
हीरो बाजपेई ने कहा कि किसान नेता का यह जो बयान आया है, यह किसी उपन्यास जैसे लगते हैं कि किसी की हत्या होने वाली है. सरकारी एजेंसियां इनसे इनपुट लेंगी कि यह जानकारी इन्हें कहां से मिली. यह बयान तालिबानी सोच की तरह हैं. ऐसे बयानों से यह अर्थ निकलता है कि इन नेताओं का किसानों से कोई लेना देना नहीं है. यह नेता केवल राजनीतिक हित साधने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं. इसके अलावा इस तरह के बयानों का कोई मतलब नहीं है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को हरियाणा के सिरसा में बयान दिया था कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस किसी बड़े हिंदू नेता के हत्या करा सकते हैं. इससे यहां पर हिंदू-मुस्लिम के बीच वैमनस्य होगा और बीजेपी को फायदा मिलेगा, ताकि भाजपा की सरकार बन सके. राकेश टिकैत के इस बयान पर कांग्रेस पार्टी ने भी प्रतिक्रिया दी. भाजपा के इतिहास को देखते हुए कांग्रेस ने टिकैत के बयान को सही ठहराया है.
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम का कहना है कि अगर भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस का इतिहास देखा जाए तो यही होता रहा है. चुनाव जीतने के लिए वह किसी हद तक जा सकते हैं. जब दीनदयाल उपाध्याय की हत्या हुई थी तो जनसंघ के एक बड़े नेता बालासाहेब मधोक ने अपनी पुस्तक में साफ तौर पर जिक्र किया था कि दीनदयाल उपाध्याय की हत्या में भारतीय जनता पार्टी और संघ के बड़े नेताओं का हाथ था. इससे यह साबित होता है कि भाजपा अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकती है. यह भाजपा का इतिहास बयां भी कर रहा है. राकेश टिकैत को शायद कुछ जानकारी मिली होगी इसीलिए उन्होंने इस तरह का बयान दिया है.