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UP में धर्मांतरणः ATS रिमांड में आरोपी उमर और जहांगीर ने उगले कई राज

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस कस्टडी में आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और जहांगीर ने कई बड़े खुलासे किए हैं. ATS सूत्रों की मानें तो पूछताछ में पता चला है कि इस रैकेट के जरिए महिलाओं और मूक बधिर युवाओं को टारगेट किया जा रहा था.

ATS रिमांड में आरोपी उमर और जहांगीर.
ATS रिमांड में आरोपी उमर और जहांगीर.
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Published : Jun 23, 2021, 9:28 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस कस्टडी में आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी ने कई बड़े खुलासे किए हैं. ATS सूत्रों की मानें तो पूछताछ में पता चला है कि इस रैकेट के जरिए महिलाओं और मूक बधिर युवाओं को टारगेट किया जा रहा था. पकड़े गए गिरोह के सदस्यों ने बताया कि उनके पास अरब देशों से इसके लिए धन आता है. वह इससे पहले भी बड़ी संख्या में धर्मांतरण का काम करवा चुके है.

पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हिन्दू लड़कियों का धर्मांतरण के बाद शादी भी करवा चुके हैं. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक, आरोपी उमर गौतम ने बताया कि, जिन एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित करवाया गया है. उनमें 121 बच्चे उत्तर प्रदेश के नोएडा, मथुरा के हैं. ATS टीम धर्मांतरित हिंदुओं के घरवालों से संपर्क करके उनकी मौजूदा लोकेशन पता करने में जुट गई है.

अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि नोएडा डेफ सोसायटी की मदद से इस्लामिक दावा सेंटर ने मुहिम चलाकर देश भर से गैर मुस्लिमों को इस्लाम धर्म स्वीकार करवाया है. इसके एवज में डेफ सोसायटी को अच्छी खासी रकम मिल रही थी. एटीएस को अब तक एक हजार धर्मान्तरित लोगों को सूची मिली है.

इसे भी पढ़ें- सख्त कानून के बावजूद नहीं रुके धर्मांतरण के मामले, उठ रहे ये सवाल

यह लोग अभी कहां हैं और क्या कर रहे इसका पता लगाया जा रहा है. दूसरे राज्यों की पुलिस से जानकारियां साझा करके जांच में उनकी भी मदद ली जा रही है. पूछताछ में पता चला है कि धर्म परिवर्तन के लिए कई विदेशी संगठन फंड दे रहे थे. इन संगठनों तक पहुंचने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं. पड़ताल ने जितनी जानकारियां सामने आ रही हैं, उनकी छानबीन की जा रही है.

नोएडा डेफ सोसायटी की नींव 15 जून 2005 को रखी गई थी. बीते 15 जून को इसकी 16वी वर्षगांठ पर संस्था में शानदार पार्टी आयोजित हुई थी. एटीएस इस पार्टी की वीडियो कब्जे में लेकर पता लगा रही है कि इसमें कौन-कौन लोग शामिल हुए थे. दरअसल एटीएस को जानकारी मिली है कि यहां कई देशों की संस्थाओं के लोग आते-जाते थे. यहां पढ़ने वाले मूक बधिर छात्र-छात्राओं को विदेशी संस्थाओं के लोगों से मिलवाया जाता था. दूसरी ओर पूछताछ में मौलाना उमर ने कुबूला की उसकी IDC संस्था विदेशों में जाकर भी धर्म परिवतर्न करवाती थी. इसकी वजह से डेफ सोसायटी के कुछ बच्चों के विदेश भेजे जाने की आशंका में एटीएस जांच कर रही है.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस कस्टडी में आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी ने कई बड़े खुलासे किए हैं. ATS सूत्रों की मानें तो पूछताछ में पता चला है कि इस रैकेट के जरिए महिलाओं और मूक बधिर युवाओं को टारगेट किया जा रहा था. पकड़े गए गिरोह के सदस्यों ने बताया कि उनके पास अरब देशों से इसके लिए धन आता है. वह इससे पहले भी बड़ी संख्या में धर्मांतरण का काम करवा चुके है.

पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हिन्दू लड़कियों का धर्मांतरण के बाद शादी भी करवा चुके हैं. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक, आरोपी उमर गौतम ने बताया कि, जिन एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित करवाया गया है. उनमें 121 बच्चे उत्तर प्रदेश के नोएडा, मथुरा के हैं. ATS टीम धर्मांतरित हिंदुओं के घरवालों से संपर्क करके उनकी मौजूदा लोकेशन पता करने में जुट गई है.

अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि नोएडा डेफ सोसायटी की मदद से इस्लामिक दावा सेंटर ने मुहिम चलाकर देश भर से गैर मुस्लिमों को इस्लाम धर्म स्वीकार करवाया है. इसके एवज में डेफ सोसायटी को अच्छी खासी रकम मिल रही थी. एटीएस को अब तक एक हजार धर्मान्तरित लोगों को सूची मिली है.

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यह लोग अभी कहां हैं और क्या कर रहे इसका पता लगाया जा रहा है. दूसरे राज्यों की पुलिस से जानकारियां साझा करके जांच में उनकी भी मदद ली जा रही है. पूछताछ में पता चला है कि धर्म परिवर्तन के लिए कई विदेशी संगठन फंड दे रहे थे. इन संगठनों तक पहुंचने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं. पड़ताल ने जितनी जानकारियां सामने आ रही हैं, उनकी छानबीन की जा रही है.

नोएडा डेफ सोसायटी की नींव 15 जून 2005 को रखी गई थी. बीते 15 जून को इसकी 16वी वर्षगांठ पर संस्था में शानदार पार्टी आयोजित हुई थी. एटीएस इस पार्टी की वीडियो कब्जे में लेकर पता लगा रही है कि इसमें कौन-कौन लोग शामिल हुए थे. दरअसल एटीएस को जानकारी मिली है कि यहां कई देशों की संस्थाओं के लोग आते-जाते थे. यहां पढ़ने वाले मूक बधिर छात्र-छात्राओं को विदेशी संस्थाओं के लोगों से मिलवाया जाता था. दूसरी ओर पूछताछ में मौलाना उमर ने कुबूला की उसकी IDC संस्था विदेशों में जाकर भी धर्म परिवतर्न करवाती थी. इसकी वजह से डेफ सोसायटी के कुछ बच्चों के विदेश भेजे जाने की आशंका में एटीएस जांच कर रही है.

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