ETV Bharat / city

बुलंदशहर के दो भाई अपनी मां और दिव्यांग भाई को पालकी से करा रहे कांवड़ यात्रा

यूपी के बुलंदशहर के दो भाई अपनी मां और दिव्यांग भाई को पालकी में बैठाकर कांवड़ यात्रा करा रहे हैं और लोगों को मातृ सेवा का संदेश दे रहे हैं.

etv bharat
दो भाई अपनी मां और दिव्यांग भाई को कांवड़ यात्रा कराते हुए
author img

By

Published : Jul 16, 2022, 2:34 PM IST

रुड़की/लखनऊ: 14 जुलाई से कावड़ यात्रा का आगाज हो चुका है. धर्मनगरी हरिद्वार शिव भक्तों की आस्था और भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठी है. उसी आस्था के साथ बुलंदशहर निवासी श्रवण और राजेश अपने दिव्यांग भाई रमेश और मां सावित्री देवी को पालकी में कांवड़ यात्रा करावा कर सेवा करने का संदेश दे रहे हैं.

बता दें, 11 जुलाई को हर की पैड़ी पर गंगा स्नान करने के बाद गंगाजल भरकर पालकी में दिव्यांग भाई और अपनी वृद्ध मां को बैठा लिया. इसके बाद दोनों भाई अपने दिव्यांग भाई और वृद्ध मां को पालकी से कंधे पर उठाकर हरिद्वार से बुलंदशहर तक की यात्रा पर निकल गए. बीते रोज शुक्रवार को दोनों भाई रुड़की के मंगलौर पहुंचे, जहां पर उन्होंने विश्राम किया.

अपनी मां और दिव्यांग भाई को पालकी से कांवड़ यात्रा कराते दो भाई


पढें- वायुसेना के मल्टीपर्पज विमान एएन 32 ने चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर की सफल लैंडिंग और टेकऑफ

हरिद्वार से बुलंदशहर की दूरी 250 किलोमीटर है. लेकिन भगवान शंकर के प्रति दोनों भाइयों की आस्था ने दिव्यांग भाई और बूढ़ी मां की सेवा का संदेश दिया है. श्रवण ने बताया कि पिछली बार जब वो कांवड़ लेकर आए थे तो उन्होंने हरियाणा के एक लड़के को उसके माता-पिता को इसी तरह ले जाते हुए देखा था. तभी सोच लिया था कि वो अपनी मां और दिव्यांग भाई को कांवड़ यात्रा कराएंगे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

रुड़की/लखनऊ: 14 जुलाई से कावड़ यात्रा का आगाज हो चुका है. धर्मनगरी हरिद्वार शिव भक्तों की आस्था और भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठी है. उसी आस्था के साथ बुलंदशहर निवासी श्रवण और राजेश अपने दिव्यांग भाई रमेश और मां सावित्री देवी को पालकी में कांवड़ यात्रा करावा कर सेवा करने का संदेश दे रहे हैं.

बता दें, 11 जुलाई को हर की पैड़ी पर गंगा स्नान करने के बाद गंगाजल भरकर पालकी में दिव्यांग भाई और अपनी वृद्ध मां को बैठा लिया. इसके बाद दोनों भाई अपने दिव्यांग भाई और वृद्ध मां को पालकी से कंधे पर उठाकर हरिद्वार से बुलंदशहर तक की यात्रा पर निकल गए. बीते रोज शुक्रवार को दोनों भाई रुड़की के मंगलौर पहुंचे, जहां पर उन्होंने विश्राम किया.

अपनी मां और दिव्यांग भाई को पालकी से कांवड़ यात्रा कराते दो भाई


पढें- वायुसेना के मल्टीपर्पज विमान एएन 32 ने चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर की सफल लैंडिंग और टेकऑफ

हरिद्वार से बुलंदशहर की दूरी 250 किलोमीटर है. लेकिन भगवान शंकर के प्रति दोनों भाइयों की आस्था ने दिव्यांग भाई और बूढ़ी मां की सेवा का संदेश दिया है. श्रवण ने बताया कि पिछली बार जब वो कांवड़ लेकर आए थे तो उन्होंने हरियाणा के एक लड़के को उसके माता-पिता को इसी तरह ले जाते हुए देखा था. तभी सोच लिया था कि वो अपनी मां और दिव्यांग भाई को कांवड़ यात्रा कराएंगे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.