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इक्कीस हजार मुस्लिम बेटियों को मिला मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ

उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने अक्टूबर, 2017 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Collective Marriage Scheme) की शुरुआत की थी. इसके अंतर्गत प्रदेश भर में विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति-रिवाजों के अनुसार, वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराए जा रहे हैं.

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Published : Sep 7, 2022, 4:12 PM IST

लखनऊ : बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने बेटियों की गृहस्थी बसाने के लिए खूब मदद की है. पिछले वित्तीय वर्ष से अब तक सरकार ने करीब 65 हजार गरीब बेटियों के विवाह कराए हैं. इनमें बीस हजार से ज्यादा मुस्लिम युवतियां शामिल हैं. यदि पिछले कार्यकाल को मिला लें, तो मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Collective Marriage Scheme) के तहत बीते पांच साल में तकरीबन दो लाख गरीब बेटियों की शादी कराई जा चुकी है. इन आयोजनों में योगी सरकार बेटियों को उनका घर बसाने के लिए गृहस्थी का जरूरी सामान भी उपलब्ध करा रही है.


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने अक्टूबर, 2017 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Collective Marriage Scheme) की शुरुआत की थी. इसके अंतर्गत प्रदेश भर में विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति-रिवाजों के अनुसार, वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराए जा रहे हैं. इस योजना का एक उद्देश्य यह भी है कि विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन एवं अपव्यय को समाप्त किया जाए. इसमें दो लाख रुपये वार्षिक आय सीमा के अन्तर्गत आने वाले सभी वर्गों के परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है. बीते पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक 1,91,686 गरीब कन्याओं की गृहस्थी बसाने में योगी सरकार ने 91,996.85 लाख रुपये खर्च किए हैं. वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 15,268 गरीब कन्याओं की शादी योगी सरकार करा चुकी है, जिसमें 7786.68 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. बीते वित्तीय वर्ष की बात करें तो सरकार ने 49,644 बेटियों के हाथ पीले कराए हैं.


आंकड़ों के अनुसार, योगी सरकार बीते पांच साल में अब तक 21 हजार से ज्यादा अल्पसंख्यक वर्ग की बेटियों की शादी उनके धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार करा चुकी है. यही नहीं अनुसूचित जाति और जनजातियों की 101928 बेटियां भी सरकार के सहयोग से विवाह बंधन में बंध चुकी हैं. इसके अलावा ओबीसी वर्ग की 60,875 गरीब युवतियों ने योगी सरकार से मदद प्राप्त करके दांपत्य जीवन में प्रवेश किया है. सामान्य वर्ग की 7858 बेटियों ने इस योजना का लाभ उठाया है.

यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव पर बरसे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, कहा- अपने विधायकों की चिंता करें, जो हमारे संपर्क में हैं

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Collective Marriage Scheme) के अंतर्गत दांपत्य जीवन में खुशहाल गृहस्थी बसाने के लिए सरकार प्रति कन्या 51 हजार रुपये खर्च करती है. इसमें कन्या के खाते में 35 हजार रुपये की धनराशि का अनुदान देने के अलावा विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि 10 हजार रुपये से खरीदे जाते हैं. साथ ही विवाह आयोजन पर छह हजार रुपये की धनराशि खर्च की जाती है. प्रत्येक जिले के नगरीय निकायों, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत स्तर पर पंजीकरण कराने के साथ ही कम से कम 10 जोड़ों के विवाह पर सामूहिक विवाह के आयोजन की व्यवस्था है. इस योजना के अन्तर्गत विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं के विवाह की भी व्यवस्था है.

लखनऊ : बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने बेटियों की गृहस्थी बसाने के लिए खूब मदद की है. पिछले वित्तीय वर्ष से अब तक सरकार ने करीब 65 हजार गरीब बेटियों के विवाह कराए हैं. इनमें बीस हजार से ज्यादा मुस्लिम युवतियां शामिल हैं. यदि पिछले कार्यकाल को मिला लें, तो मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Collective Marriage Scheme) के तहत बीते पांच साल में तकरीबन दो लाख गरीब बेटियों की शादी कराई जा चुकी है. इन आयोजनों में योगी सरकार बेटियों को उनका घर बसाने के लिए गृहस्थी का जरूरी सामान भी उपलब्ध करा रही है.


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने अक्टूबर, 2017 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Collective Marriage Scheme) की शुरुआत की थी. इसके अंतर्गत प्रदेश भर में विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति-रिवाजों के अनुसार, वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराए जा रहे हैं. इस योजना का एक उद्देश्य यह भी है कि विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन एवं अपव्यय को समाप्त किया जाए. इसमें दो लाख रुपये वार्षिक आय सीमा के अन्तर्गत आने वाले सभी वर्गों के परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है. बीते पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक 1,91,686 गरीब कन्याओं की गृहस्थी बसाने में योगी सरकार ने 91,996.85 लाख रुपये खर्च किए हैं. वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 15,268 गरीब कन्याओं की शादी योगी सरकार करा चुकी है, जिसमें 7786.68 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. बीते वित्तीय वर्ष की बात करें तो सरकार ने 49,644 बेटियों के हाथ पीले कराए हैं.


आंकड़ों के अनुसार, योगी सरकार बीते पांच साल में अब तक 21 हजार से ज्यादा अल्पसंख्यक वर्ग की बेटियों की शादी उनके धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार करा चुकी है. यही नहीं अनुसूचित जाति और जनजातियों की 101928 बेटियां भी सरकार के सहयोग से विवाह बंधन में बंध चुकी हैं. इसके अलावा ओबीसी वर्ग की 60,875 गरीब युवतियों ने योगी सरकार से मदद प्राप्त करके दांपत्य जीवन में प्रवेश किया है. सामान्य वर्ग की 7858 बेटियों ने इस योजना का लाभ उठाया है.

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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Collective Marriage Scheme) के अंतर्गत दांपत्य जीवन में खुशहाल गृहस्थी बसाने के लिए सरकार प्रति कन्या 51 हजार रुपये खर्च करती है. इसमें कन्या के खाते में 35 हजार रुपये की धनराशि का अनुदान देने के अलावा विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि 10 हजार रुपये से खरीदे जाते हैं. साथ ही विवाह आयोजन पर छह हजार रुपये की धनराशि खर्च की जाती है. प्रत्येक जिले के नगरीय निकायों, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत स्तर पर पंजीकरण कराने के साथ ही कम से कम 10 जोड़ों के विवाह पर सामूहिक विवाह के आयोजन की व्यवस्था है. इस योजना के अन्तर्गत विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं के विवाह की भी व्यवस्था है.

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