लखनऊ : पॉलिटेक्निक संस्थानों में हर साल स्टूडेंट्स की संख्या घट रही है. स्टूडेंट की संख्या बढ़ाने के लिए स्कूल चलो अभियान की तर्ज पर पॉलिटेक्निक चलो अभियान (polytechnic chalo campaign) चलाया जा रहा है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए ग्राम प्रधानों की भी मदद ली जाएगी.
गौरतलब है कि इस बार पॉलिटेक्निक में अब तक कुल 24, 2004 पंजीकरण हुए है. इसमें 20,1134 छात्र और सिर्फ 40,870 छात्राओं ने आवेदन किया है. पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा आवेदन की आखिरी तिथि 30 अप्रैल है. वहीं, आला अधिकारियों के मुताबिक आवेदन की तिथि चार-पांच दिन और बढ़ाई जा सकती हैं. संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रभारी सचिव रामरतन ने बताया कि युवाओं को पॉलिटेक्निक से जोड़ने के लिए पॉलिटेक्निक चलो अभियान की शुरुआत की है. जिस प्रकार स्कूल चलो अभियान शुरू किया गया था ताकि बच्चे स्कूल जाने के प्रति प्रेरित हों. पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि जब से सारी प्रक्रिया ऑनलाइन हुई है, तब से पंजीकरण की संख्या बेहद कम हो गई है.
उन्होंने बताया कि इस समय छात्राओं में जागरूकता की कमी हुई है. यही कारण है कि छात्राओं की संख्या काफी कम हो गई है जबकि जब पॉलिटेक्निक नया-नया शुरू हुआ था, उस समय कोर्स के प्रति युवाओं में क्रेज था. जब से सारी चीजें ऑनलाइन हुईं हैं, तब से युवाओं को पता नहीं चल पाता है कि कब फॉर्म आया और चला गया. इसकी वजह से हमने पॉलिटेक्निक चलो अभियान की शुरुआत की.
इसे भी पढ़ेंः योगी सरकार का बड़ा फैसला, रिटायरमेंट के 3 दिन के अंदर ही कर्मचारियों के खाते में आएंगे पैसे
पिछले साल पंजीकरण की संख्या ज्यादा थी लेकिन साल दर साल इनकी संख्या कम होती जा रही हैं. अभियान का मकसद युवाओं को पॉलिटेक्निक स्कूलों और उनके फायदे के बारे में बताने के साथ-साथ होते हैं. रोजगार लायक तैयार करना है इस अभियान में ग्राम प्रधानों की मदद ली जा रही हैं. उन के माध्यम से गांव देहात के बच्चों को पॉलिटेक्निक के बारे में जानकारी दी जा रही है.
विशेषकर प्रधानों के माध्यम से छात्राओं को जागरूक करने में आसानी होगी. इसके लिए सभी पॉलीटेक्निक संस्थानों के प्रिंसिपल को प्रचार सामग्री उपलब्ध कराई गई. उन्होंने बताया कि इस बार जो हमने मुहिम चलाई है, उसका कुछ हमें फायदा दिखाई दे रहे हैं. इस बार भी छात्राओं की संख्या काफी कम है. इसे बढ़ाने के लिए हम पूरी कोशिश कर रहे हैं. वहीं, जिले के कई कॉलेज की सीटें खाली रह जाती है. इसके पीछे की वजह है कि आवेदन में बालिकाओं की संख्या बेहद कम हैं जिसकी वजह से महिला कॉलेज की सीट खाली रह जाती है. उन कॉलेजों की भी सीटें खाली रह जाती हैं जो रूरल एरिया में है.
उन्होंने बताया कि पॉलिटेक्निक विभाग की टीम हाई स्कूल और इंटरमीडिएट स्कूलों में जाकर इस अभियान के बारे में बच्चों को बताएं कि लेकिन अभी यूपी बोर्ड की परीक्षा समाप्त हुई है. अन्य बोर्ड के एग्जाम शुरू हो गए हैं. ऐसे में डीआईओएस को शासन की ओर से निर्देशित किया गया है कि वह स्कूलों में बच्चों को इसके लिए एकत्रित करें ताकि अभियान को सफल बनाया जा सके. इसी माध्यम से पॉलिटेक्निक के प्रति छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया जा रहा है. पूरी कोशिश की जा रही है कि जिस तरह से पंजीकरण में आवेदन की कमी हो रही है, उसे फिर से बढ़ाया जा सके.
बढ़ सकती है आवेदन की तिथि : प्रभारी सचिव रामरतन बताया कि प्राविधिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (Council of Technical Education Uttar Pradesh) से संबंध राजकीय अनुदानित और निजी क्षेत्र की पॉलिटेक्निक संस्थाओं में चल रहे विभिन्न डिप्लोमा पोस्ट ग्रेजुएट (Diploma Post Graduate) पाठ्यक्रमों में शैक्षिक सत्र 2022 में प्रवेश के लिए सीबीटी प्रवेश परीक्षाएं (cbt entrance exams) 6 से 10 जून के बीच आयोजित होगी. प्रवेश परीक्षा के लिए अंतिम तारीख 30 अप्रैल ही निर्धारित की गई है. संभावना है कि चार-पांच दिन आवेदन की तिथि और बढ़ाई जाएगी ताकि जो स्टूडेंट्स आवेदन करने से वंचित रह गए हैं वह आवेदन कर सकें.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप