लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों को सैलानियों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए टूरिज्म डिपार्टमेंट अब दुनियाभर के डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स (ब्लॉगर्स, यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स) की मदद लेगा. यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बनाने के लिए योगी सरकार का पर्यटन सेक्टर पर विशेष जोर है. इसी के तहत विभाग ने पर्यटन नीति 2022-2032 की रुपरेखा तैयार की है. इसमें अगले 10 साल में यूपी के पर्यटन उद्योग को पूरी रफ्तार देने का खाका खींचा गया है. इस पर्यटन नीति में यूट्यूबर्स, ब्लॉगर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को बड़ी जिम्मेदारी दी जानी है.
पर्यटन विभाग की ओर से दुनियाभर के डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स को यूपी के टूरिस्ट प्लेस पर वीडियो बनाने और ट्रैवेल ब्लॅाग लिखने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. इसे लेकर बीते मंगलवार को ही विभाग के अधिकारियों ने फ्रांस के प्रतिनिधियों संग मीटिंग की है. पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम के अनुसार अगली मीटिंग लेबनान के अधिकारियों के साथ होनी है. इसके बाद हम भारत में कार्यरत सभी देशों के दूतावासों को पत्र भेजने की तैयारी कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि दुनियाभर के कंटेंट क्रिएटर्स यूपी आएं और अपनी भाषा में यहां के पर्यटन स्थलों के बारे में सामग्रियां तैयार करें. इससे उन देशों के सैलानियों को यूपी के खूबसूरत डेस्टिनेशंस की ओर आकर्षित करने में काफी मदद मिलेगी.
प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम के अनुसार पर्यटन विभाग की ओर से मार्च से जुलाई तक देश के 19 जाने माने डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स के साथ एक ट्रायल भी किया जा चुका है. इसके परिणाम काफी सकारात्मक देखने को मिले हैं. अब हम पूरी दुनिया के ट्रैवेल ब्लॉगर्स, यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स की ओर सकारात्मक निगाहों से देख रहे हैं. मुकेश मेश्राम के अनुसार, पर्यटन विभाग के साथ मिलकर जीनल ईनामदार, वरुण बजाज, अमर सिरोही और ज्योतिका दिलैक जैसे जाने-माने 19 यूट्यूबर्स ने यूपी के पर्यटन स्थलों पर कंटेंट बनाया है, जो काफी लोकप्रिय रहे हैं. अब विभाग इसे बड़े रूप देने की तैयारी कर रहा है.
प्रमुख सचिव के अनुसार यूपी में आगरा, वाराणसी, मथुरा, अयोध्या, प्रयागराज और लखनऊ पर्यटकों की पहली पसंद हैं, लेकिन नई पर्यटन नीति में हमारा विशेष ध्यान यूपी के अनछुए पर्यटन स्थलों पर केंद्रित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सबसे अधिक ध्यान बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास पर है. ऐसे में पर्यटन विभाग बुंदेलखंड के अनछुए टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स को दुनिया के सामने लेकर आना चाहता है. यहां विलेज टूरिज्म पर हमारा विशेष फोकस रहेगा. साथ ही नए गंतव्य स्थल विकसित करने के लिए भी हम डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स का उपयोग करेंगे.
मार्च से जुलाई तक चले ट्रायल के दौरान डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स ने सबसे ज्यादा वाराणसी, आगरा, मथुरा-वृंदावन, चित्रकूट, फतेहपुर सीकरी, दुधवा नेशनल पार्क और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में दिलचस्पी दिखाई है. अहम बात है कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम बनने के कारण कंटेंट क्रिएटर्स ने बनारस पर आधारित विषय सामग्रियों का निर्माण करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है. वहीं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वाराणसी से संबंधित वीडियो खूब देखे गए हैं. इसके अलावा कालिंजर का किला, चंबल सफारी, झांसी का किला, बरुआ सागर किला, चुनार किला, चंदौली और मिर्जापुर के जल प्रपात तथा भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ पर भी डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स ने वीडियो और ब्लॉग तैयार करने में दिलचस्पी दिखाई है.
यूपी में टूरिज्म सेक्टर को गति देने के लिए पर्यटन विभाग नियमित रूप से फैम (फैमिलियराइजेशन) टूर का आयोजन करेगा. इन यात्राओं का पूरा विवरण पर्यटन कैलेंडर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी पब्लिश किया जाएगा. फैम टूर यात्राओं में टूर ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंट्स के अलावा पत्रकार, फोटोग्राफर, ट्रैवेल लेखक, ब्लॉगर और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स के अलावा टूरिज्म सेक्टर से जुडे स्टेक होल्डर्स को भी शामिल किया जाएगा, ताकि वे उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों के बारे में जागरूकता फैला सकें. साथ ही लक्षित स्रोत बाजारों के लिए तैयार सामग्री पर विशेष जोर दिया जाएगा. नए गंतव्यों के प्रचार और ब्रांडिंग को प्रोत्साहित करने के लिए ब्लॉगर्स और यात्रा लेखकों के लिए एक वार्षिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा.
पर्यटन विभाग यूपी के टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स को प्रमोट करने के लिए डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स (यात्रा लेखकों, ब्लॉगर्स, व्लॉगर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स) को पंजीकृत भी करेगा. ऐसे यूट्यूबर्स जिनके कम से कम एक लाख सब्सक्राइबर हों तथा अच्छे ट्रैवेल ब्लॉगर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स (अच्छी रीच वाले फेसबुक, इंस्टाग्राम पेज) पर्यटन विभाग से संपर्क कर सकते हैं.
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पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर ही ब्लॉगर्स और ब्लॉगर्स के लिए अलग-अलग सेक्शन होंगे, ताकि उनके द्वारा बनाई गई सामग्री और विभाग द्वारा अनुमोदित किए गए ऑफबीट स्थानों, व्यंजनों आदि को बढ़ावा देने के लिए राज्य में पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके.
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