लखनऊ: अपना दल और निषाद पार्टी के बीच सीटों का बटवारा भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी. निषाद पार्टी अभी से 24 सीटों पर अड़ी हुई है, जबकि अपना दल भी पिछले बार से अधिक सीटों की मांग कर रहा है. ऐसे में किस पार्टी को भाजपा कितनी सीटें देगी यह एक बड़ा सवाल है.
कुर्मी और निषाद वोटों के लिए भी यह गणित काफी रोचक होगा. भाजपा ने निषाद पार्टी से गठबंधन करने का एलान किया है, जिसके साथ ही भाजपा, अपना दल और निषाद पार्टी के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत का आगाज हो गया है, जिसमें जिस तरीके की मांगें उठ रही हैं, उससे आपसी टकराव की आशंका को भी हवा मिलने की आशंका है.
उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी निषादों के वोट अपने पक्ष में होने का दावा करती है. पार्टी का दावा है कि उनका वोट 18 फीसद के करीब है, जबकि वास्तविकता में पांच फीसद वोट होने का अनुमान है. निषाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय कुमार का दावा है कि 70 सीटों पर हमारी मजबूत पकड़ है और कम से कम 24 सीटों पर चुनाव लड़ने की हम मांग करते हैं.
अपना दल ने कुल 11 सीटों नौ जीती थीं. करीब एक फीसद वोट अपना दल को मिला था. ऐसे में अपना दल, निषाद पार्टी से कम सीटों पर किस तरह से राजी होगी यह बड़ा सवाल है. दूसरी पर अपना दल के प्रवक्ता राजेश पटेल का कहना है कि उनकी पार्टी प्रदेश की 150 सीट पर प्रभाव रखती है. मगर लक्ष्य यह है कि हम एनडीए की सरकार बनाएं.
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दूसरी ओर इस मामले में भाजपा शांत रहने में ही भलाई समझ रही है. भाजपा केंद्रीय चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान कल ही कह चुके हैं कि जल्द ही सीट बंटवारे की घोषणा की जाएगी. भाजपा की प्रवक्ता साक्षी सिंह दिवाकर का कहना है कि टिकट बंटवारे का निर्णय पार्टी नेतृत्व करेगा.