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पूरे प्रदेश में पीडब्ल्यूडी की सड़कों की होगी औचक जांच, 75 कमेटियों का गठन

75 कमेटियों का गठन हो चुका है. हर कमेटी में 2 सदस्य हैं जो मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट देंगे. विभागाध्यक्ष का इस बारे में कहना है कि ये व्यवस्था मंत्री जितिन प्रसाद के कहने पर शुरू की गई है.

सड़क
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Published : May 19, 2022, 9:25 PM IST

लखनऊ: लोक निर्माण विभाग अब अपने निर्माण और सड़क की गुणवत्ता जांचने के लिए अलग व्यवस्था शुरू कर चुका है. पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के कहने पर यह व्यवस्था शुरू की गई है. जिसमें गैर जिले के अफसर अन्य जिलों में जाकर गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं. जिससे निष्पक्ष जांच के जरिये गुणवत्ता को सुधारा जाएगा. यह काम शुरू हो चुका है. जिलों में अफसर जा रहे हैं. 75 कमेटियों का गठन हो चुका है. हर कमेटी में 2 सदस्य हैं जो मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट देंगे. विभागाध्यक्ष का इस बारे में कहना है कि ये व्यवस्था मंत्री जितिन प्रसाद के कहने पर शुरू की गई है. जिससे काम और बेहतर होगा. इस निर्णय के बाद विभाग में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है.

समय अवधि के भीतर और निर्धारित मानकों के अनुरूप काम को पूरा कराया जाएगा. कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता न हो इसलिए इन कमेटियों का गठन किया गया है. इसमें लापरवाही करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. 75 जनपदों में 75 राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है.

संवाददाता ऋषि मिश्र

गौरतलब है कि पीडब्ल्यूडी में गुणवत्ता संबंधित समस्याओं की जांच के लिए जिले स्तर पर एक्सईएन और अधीक्षण अभियंता की टीम जांच करती है. इस जांच को अधिक प्रामाणिक नहीं माना जाता है. इसलिए अब न्यूट्रल कमेटी बनाई जा रही है. पीडब्ल्यूडी के इस आदेश के बाद ठेकेदारों और अभियन्ताओं के बीच हड़कंप मचा हुआ है. अनेक निर्माणों में घटिया गुणवत्ता की शिकायत की गई है. ऐसे में इन कमेटियों की जांच रिपोर्ट के बाद कई जगह कड़ी कार्रवाई हो सकती है. जिसको लेकर अभियंता-ठेकेदार गठजोड़ ने अपनी गोटियां सेट करना शुरू कर दिया है. ताकि वे ऐसी किसी जांच से बच सकें, लेकिन मुख्यालय के अफसरों की नजर टेढ़ी है.

ये भी पढ़ें : ताज होटल से एलडीए ने वापस ली ग्रीन बेल्ट की जमीन, गोमती नगर में बनेगा नया पार्क

पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता विकास और विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि यह कमेटियां अलग-अलग जनपद में विभाग द्वारा कराए जा रहे कामों की जांच कर रही है. कौन सी टीम किस काम का निरीक्षण करेगी इसकी जानकारी उसको ठीक एक दिन पहले ही दी जाती है. ताकि किसी भी तरह की मिलीभगत की आशंका न रहे और बेहतर परिणाम मिल सके.

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लखनऊ: लोक निर्माण विभाग अब अपने निर्माण और सड़क की गुणवत्ता जांचने के लिए अलग व्यवस्था शुरू कर चुका है. पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के कहने पर यह व्यवस्था शुरू की गई है. जिसमें गैर जिले के अफसर अन्य जिलों में जाकर गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं. जिससे निष्पक्ष जांच के जरिये गुणवत्ता को सुधारा जाएगा. यह काम शुरू हो चुका है. जिलों में अफसर जा रहे हैं. 75 कमेटियों का गठन हो चुका है. हर कमेटी में 2 सदस्य हैं जो मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट देंगे. विभागाध्यक्ष का इस बारे में कहना है कि ये व्यवस्था मंत्री जितिन प्रसाद के कहने पर शुरू की गई है. जिससे काम और बेहतर होगा. इस निर्णय के बाद विभाग में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है.

समय अवधि के भीतर और निर्धारित मानकों के अनुरूप काम को पूरा कराया जाएगा. कार्यों की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता न हो इसलिए इन कमेटियों का गठन किया गया है. इसमें लापरवाही करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. 75 जनपदों में 75 राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है.

संवाददाता ऋषि मिश्र

गौरतलब है कि पीडब्ल्यूडी में गुणवत्ता संबंधित समस्याओं की जांच के लिए जिले स्तर पर एक्सईएन और अधीक्षण अभियंता की टीम जांच करती है. इस जांच को अधिक प्रामाणिक नहीं माना जाता है. इसलिए अब न्यूट्रल कमेटी बनाई जा रही है. पीडब्ल्यूडी के इस आदेश के बाद ठेकेदारों और अभियन्ताओं के बीच हड़कंप मचा हुआ है. अनेक निर्माणों में घटिया गुणवत्ता की शिकायत की गई है. ऐसे में इन कमेटियों की जांच रिपोर्ट के बाद कई जगह कड़ी कार्रवाई हो सकती है. जिसको लेकर अभियंता-ठेकेदार गठजोड़ ने अपनी गोटियां सेट करना शुरू कर दिया है. ताकि वे ऐसी किसी जांच से बच सकें, लेकिन मुख्यालय के अफसरों की नजर टेढ़ी है.

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पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता विकास और विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि यह कमेटियां अलग-अलग जनपद में विभाग द्वारा कराए जा रहे कामों की जांच कर रही है. कौन सी टीम किस काम का निरीक्षण करेगी इसकी जानकारी उसको ठीक एक दिन पहले ही दी जाती है. ताकि किसी भी तरह की मिलीभगत की आशंका न रहे और बेहतर परिणाम मिल सके.

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