लखनऊ: उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में गन्ने का उत्पादन टिश्यू कल्चर (tissue culture) के जरिये बढ़ाया जाएगा. किसानों को उन्नत तकनीकों की जानकारी देकर और उनकी मदद करके उपज को बढ़ाने के लिए तेजी से काम होगा. गन्ना शोध संस्थान की समीक्षा बैठक में ये आदेश दिए गए हैं.
अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास संजय आर. भूसरेड्डी (sanjay r. bhoosreddy) की अध्यक्षता में गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर की समीक्षा बैठक हुई. भूसरेड्डी ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया का भुगतान न होने पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने तुरंत बकाया राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए. समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि न्यायालय में दाखिल कर्मचारियों के लंबित वादों को समाप्त कराया जाए.
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किसानों को नये किस्म के गन्ना बीज उपलब्ध करवाए जाएं. बीज संवर्धन की नई तकनीकी, जिसमें टिश्यू कल्चर भी शामिल है, उसको अपनाया जाए. इसकी वजह से अधिक से अधिक किसानों को बीज उपलब्ध हो सकेगा.
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उन्होंने शोध परिषद के वैज्ञानिकों से कहा कि सभी शोध किसानों के लाभ के लिए हों. लागत कम करके उपज में वृद्वि की जाए. बैठक में उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के निदेशक डॉ. जे.सिंह, अपर गन्ना आयुक्त वाईएस मलिक, वीके शुक्ल और आरपी यादव मौजूद रहे.
टिश्यू कल्चर विधि से तैयार पौधे पूरी तरह से रोग से मुक्त होते हैं. वहीं उत्पादन में बढ़ोतरी और लागत में कमी का लाभ भी किसानों को मिलता है. सरकार के प्रयासों से टिश्यू कल्चर का उपयोग बढ़ने पर गन्ने के उत्पादन में क्रांति आ सकती है. इस बदलाव का लाभ किसान बखूबी उठा सकते हैं.