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गन्ना क्षेत्रफल के आंकलन के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी

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Published : Apr 11, 2022, 10:32 PM IST

प्रदेश के गन्ना और चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी की. उन्होंने बताया कि प्रत्येक पेराई सत्र में गन्ने के सम्भावित उत्पादन को ध्यान में रखकर चीनी मिलों के गन्ना क्षेत्र का निर्धारण तथा गन्ने की आपूर्ति की योजना तैयार की जाती है.

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चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी

लखनऊ: प्रदेश के गन्ना और चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी की. उन्होंने बताया कि प्रत्येक पेराई सत्र में गन्ने के सम्भावित उत्पादन को ध्यान में रखकर चीनी मिलों के गन्ना क्षेत्र का निर्धारण और मिलों को गन्ने की आपूर्ति की योजना तैयार की जाती है. गन्ना उत्पादन के सही आंकलन के लिये बोये गये गन्ने के क्षेत्र का सही सर्वेक्षण एक अत्यन्त महत्वपूर्ण काम है.

भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना सर्वेक्षण का काम 20 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 20 जून 2022 तक पूरा हो जाएगा. सर्वे कार्य मीट्रिक प्रणाली पर आधारित होगा. सर्वे कार्य में शुद्धता, पारदर्शिता और गन्ना किसानों की समस्याओं को तुरंत हल करने तथा डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए गन्ना सूचना प्रणाली और स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के हैंड हेल्ड कम्प्यूटर डिवाइस के माध्यम से जीपीएस. सर्वे कराया जायेगा.


उन्होंने कहा कि इस वर्ष गन्ना किसानों को उनके बोये गये क्षेत्रफल के संबंध में enquiry.caneip.in वेबसाइट पर घोषणा-पत्र ऑनलाइन अपलोड करने की सुविधा दी गयी है. घोषणा-पत्र में बतायी गयी जानकारियों का सत्यापन सर्वेक्षण के समय किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि गन्ना सर्वेक्षण के प्रयोजन के लिए प्रत्येक चीनी मिल क्षेत्र में स्टाफ की उपलब्धता के अनुरूप 500 से 1000 हेक्टेयर तक की अस्थायी सर्किल बनाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी-मोहन भागवत पर अभद्र टिप्पणी, लापरवाही के आरोप में इंस्पेक्टर और SSI सस्पेंड

गन्ना सर्वेक्षण टीम में एक कर्मचारी राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक या समिति का कर्मचारी होगा और साथ में एक कर्मचारी चीनी मिल का भी होगा. आयुक्त ने बताया कि गन्ना सर्वेक्षण टीम में उन्ही कर्मचारियों को रखा जाएगा, जिनको सर्वेक्षण की जानकरी होगी. इतना ही नहीं, सर्वेक्षण टीम को ट्रेनिंग भी दी जाएगी. पारदर्शिता के लिए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सर्वेक्षणकर्ता ने पिछले पेराई सत्र में जिस सर्किल का सर्वेक्षण किया था, वो वर्तमान पेराई सत्र में उस सर्किल का सर्वेक्षण नहीं करेगा.

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लखनऊ: प्रदेश के गन्ना और चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी की. उन्होंने बताया कि प्रत्येक पेराई सत्र में गन्ने के सम्भावित उत्पादन को ध्यान में रखकर चीनी मिलों के गन्ना क्षेत्र का निर्धारण और मिलों को गन्ने की आपूर्ति की योजना तैयार की जाती है. गन्ना उत्पादन के सही आंकलन के लिये बोये गये गन्ने के क्षेत्र का सही सर्वेक्षण एक अत्यन्त महत्वपूर्ण काम है.

भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना सर्वेक्षण का काम 20 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 20 जून 2022 तक पूरा हो जाएगा. सर्वे कार्य मीट्रिक प्रणाली पर आधारित होगा. सर्वे कार्य में शुद्धता, पारदर्शिता और गन्ना किसानों की समस्याओं को तुरंत हल करने तथा डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए गन्ना सूचना प्रणाली और स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के हैंड हेल्ड कम्प्यूटर डिवाइस के माध्यम से जीपीएस. सर्वे कराया जायेगा.


उन्होंने कहा कि इस वर्ष गन्ना किसानों को उनके बोये गये क्षेत्रफल के संबंध में enquiry.caneip.in वेबसाइट पर घोषणा-पत्र ऑनलाइन अपलोड करने की सुविधा दी गयी है. घोषणा-पत्र में बतायी गयी जानकारियों का सत्यापन सर्वेक्षण के समय किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि गन्ना सर्वेक्षण के प्रयोजन के लिए प्रत्येक चीनी मिल क्षेत्र में स्टाफ की उपलब्धता के अनुरूप 500 से 1000 हेक्टेयर तक की अस्थायी सर्किल बनाए जाएंगे.

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गन्ना सर्वेक्षण टीम में एक कर्मचारी राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक या समिति का कर्मचारी होगा और साथ में एक कर्मचारी चीनी मिल का भी होगा. आयुक्त ने बताया कि गन्ना सर्वेक्षण टीम में उन्ही कर्मचारियों को रखा जाएगा, जिनको सर्वेक्षण की जानकरी होगी. इतना ही नहीं, सर्वेक्षण टीम को ट्रेनिंग भी दी जाएगी. पारदर्शिता के लिए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सर्वेक्षणकर्ता ने पिछले पेराई सत्र में जिस सर्किल का सर्वेक्षण किया था, वो वर्तमान पेराई सत्र में उस सर्किल का सर्वेक्षण नहीं करेगा.

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