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राज्य सूचना आयुक्त ने आउट ऑफ स्कूल बच्चों को पहुंचाया स्कूल

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Published : Sep 6, 2022, 11:32 PM IST

मंगलवार को इन आउट ऑफ स्कूल बच्चों के नामांकन के लिए प्रवेश उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी एवं विशिष्ट अतिथि उनकी पत्नी मीनाक्षी तिवारी ने प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में उपस्थित होकर ऐसे 40 बच्चों को यूनिफॉर्म वर्क बुक स्टेशनरी देते हुए विद्यालय में नामांकन कराया.

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लखनऊ : राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी की नज़र अपने घर से कार्यालय राज्य सूचना आयोग जाते समय शहीद पथ ओवर ब्रिज के नीचे इन बच्चों पर पड़ी. उन्होंने इन बच्चों के विषय में जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि यह मजदूरों के बच्चे हैं जो आस पास बनी झोपड पट्टी में निवास कर रहे हैं. स्कूल से दूर हैं. उन्होंने तत्काल इस सम्बन्ध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवगत कराते हुए इनके स्कूल में नामांकन की बात कही. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तुरंत ही संज्ञान लेते हुए इन बच्चों की जानकारी प्राप्त कर इनके विद्यालय प्रवेश की कार्यवाही के लिए निर्देश दिए.

मंगलवार को नगर क्षेत्र के विद्यालय गुलाम हुसैन पुरवा में इन आउट ऑफ स्कूल बच्चों के नामांकन के लिए प्रवेश उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी एवं विशिष्ट अतिथि उनकी पत्नी मीनाक्षी तिवारी ने प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में उपस्थित होकर ऐसे 40 बच्चों को यूनिफॉर्म वर्क बुक स्टेशनरी देते हुए विद्यालय में नामांकन कराया. इस अवसर पर उप शिक्षा निदेशक डॉ. पवन सचान एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार उपस्थित रहे. मुख्य अतिथि सूचना आयुक्त ने बताया कि मैंने प्राइमरी स्कूल में ही शिक्षा प्राप्त की है और मैं हमेशा किसी न किसी रूप में राजकीय विद्यालयों से जुड़ा रहा हूं. इन विद्यालयों में वंचित वर्ग के बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. जहां योग्य शिक्षक चयनित है और अपनी सेवा दे रहे हैं राज्य स्तर पर सभी मूलभूत सुविधाएं सरकार द्वारा प्रदान की जा रही हैं. उन्होंने अभिभावकों से इन बच्चों के भविष्य के लिए इनको नियमित स्कूल भेजने का आग्रह किया. साथ ही उन्होंने अभिभावकों को किसी भी प्रकार का व्यसन करने पर उसे छोड़ने व उस धन से अपने बच्चों के लालन पालन पर खर्च का आग्रह किया. उन्होंने उप शिक्षा निदेशक डॉ. सचान को विद्यालय में नियमित आने व देखरेख करने आग्रह किया. उप शिक्षा निदेशक ने स्वयं इस विद्यालय को गोद लेने की घोषणा भी की.

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उप शिक्षा निदेशक डॉ. सचान ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला समन्वयक को बताया कि शुरुआत आसान होती है. इसलिए इसका ख्याल रखा जाए कि यह बच्चे नियमित स्कूल आएं व किसी भी कारण ड्राॅप आउट न हो एवं इनका प्रवेश प्राइवेट स्कूलों में भी शिक्षा के अधिकार के तहत प्रवेश कराया जाए. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने आयुक्त के योगदान के लिए कृतज्ञता व्यक्त किया और आश्वस्त किया कि ऐसे बच्चों का नामांकन एक अभियान चलाते हुए सभी को विद्यालय से जोड़ा जाएगा.

यह भी पढ़ें : लखनऊ के होटल लेवाना अग्निकांड के बाद जागी पुलिस, फायर सेफ्टी को लेकर पूरे प्रदेश में की चेकिंग

लखनऊ : राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी की नज़र अपने घर से कार्यालय राज्य सूचना आयोग जाते समय शहीद पथ ओवर ब्रिज के नीचे इन बच्चों पर पड़ी. उन्होंने इन बच्चों के विषय में जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि यह मजदूरों के बच्चे हैं जो आस पास बनी झोपड पट्टी में निवास कर रहे हैं. स्कूल से दूर हैं. उन्होंने तत्काल इस सम्बन्ध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवगत कराते हुए इनके स्कूल में नामांकन की बात कही. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तुरंत ही संज्ञान लेते हुए इन बच्चों की जानकारी प्राप्त कर इनके विद्यालय प्रवेश की कार्यवाही के लिए निर्देश दिए.

मंगलवार को नगर क्षेत्र के विद्यालय गुलाम हुसैन पुरवा में इन आउट ऑफ स्कूल बच्चों के नामांकन के लिए प्रवेश उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी एवं विशिष्ट अतिथि उनकी पत्नी मीनाक्षी तिवारी ने प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में उपस्थित होकर ऐसे 40 बच्चों को यूनिफॉर्म वर्क बुक स्टेशनरी देते हुए विद्यालय में नामांकन कराया. इस अवसर पर उप शिक्षा निदेशक डॉ. पवन सचान एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार उपस्थित रहे. मुख्य अतिथि सूचना आयुक्त ने बताया कि मैंने प्राइमरी स्कूल में ही शिक्षा प्राप्त की है और मैं हमेशा किसी न किसी रूप में राजकीय विद्यालयों से जुड़ा रहा हूं. इन विद्यालयों में वंचित वर्ग के बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. जहां योग्य शिक्षक चयनित है और अपनी सेवा दे रहे हैं राज्य स्तर पर सभी मूलभूत सुविधाएं सरकार द्वारा प्रदान की जा रही हैं. उन्होंने अभिभावकों से इन बच्चों के भविष्य के लिए इनको नियमित स्कूल भेजने का आग्रह किया. साथ ही उन्होंने अभिभावकों को किसी भी प्रकार का व्यसन करने पर उसे छोड़ने व उस धन से अपने बच्चों के लालन पालन पर खर्च का आग्रह किया. उन्होंने उप शिक्षा निदेशक डॉ. सचान को विद्यालय में नियमित आने व देखरेख करने आग्रह किया. उप शिक्षा निदेशक ने स्वयं इस विद्यालय को गोद लेने की घोषणा भी की.

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उप शिक्षा निदेशक डॉ. सचान ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला समन्वयक को बताया कि शुरुआत आसान होती है. इसलिए इसका ख्याल रखा जाए कि यह बच्चे नियमित स्कूल आएं व किसी भी कारण ड्राॅप आउट न हो एवं इनका प्रवेश प्राइवेट स्कूलों में भी शिक्षा के अधिकार के तहत प्रवेश कराया जाए. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने आयुक्त के योगदान के लिए कृतज्ञता व्यक्त किया और आश्वस्त किया कि ऐसे बच्चों का नामांकन एक अभियान चलाते हुए सभी को विद्यालय से जोड़ा जाएगा.

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