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स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से बेस्ट शोधकर्ताओं की लिस्ट जारी, एलयू के तीन प्रोफेसर शामिल - शीर्ष वैज्ञानिकों का डेटाबेस तैयार

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने विश्व के शीर्ष वैज्ञानिकों का डेटाबेस तैयार (Database of top scientists prepared) किया है, जिसमें प्रत्येक वर्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं में दुनिया के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची प्रकाशित की है. इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के तीन शोधकर्ताओं को प्रतिष्ठित सूची में शामिल किया गया है.

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Published : Oct 11, 2022, 10:01 PM IST

लखनऊ : स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने विश्व के शीर्ष वैज्ञानिकों का डेटाबेस तैयार (Database of top scientists prepared) किया है, जिसमें प्रत्येक वर्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं में दुनिया के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची प्रकाशित की है. यह सूची एच-इंडेक्स, शोधपत्र मे सह-लेखकों की संख्या, विभिन्न शोधपत्रों में उद्धरण आदि विभिन्न मापदंडों के आधार पर तैयार की गई है. इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के तीन शोधकर्ताओं को प्रतिष्ठित सूची में शामिल किया गया है. विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में भौतिकी विभाग से प्रो. अमृतांशु शुक्ला और डॉ. रोली वर्मा तथा रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अभिनव कुमार को लगातार दूसरी बार इस सूची में शामिल किया गया है.



लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि विश्व प्रसिद्ध रैंकिंग में विश्वविद्यालय और शोधकर्ताओं की उपस्थिति हम सभी के लिए काफी उत्साहजनक है. इससे हमें एक पहचान मिलेगी. एलयू के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रो. अमृतांशु शुक्ला के अनुसंधान कार्य प्रमुख रूप से थर्मल ऊर्जा भंडारण पदार्थ सहित अक्षय ऊर्जा संसाधन, सैद्धांतिक भौतिकी एवं परमाणु भौतिकी के क्षेत्र मे हैं. जिसमें अनुसंधान कार्यों से थर्मल ऊर्जा भंडारण सामग्री का उपयोग करके फोटोवोल्टिक तकनीक का कुशलतापूर्वक प्रयोग शामिल है.

डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ. रोली वर्मा प्लास्मोनिक और फोटोनिक्स नैनो संरचनाओं और फिल्मों पर आधारित ऑप्टिकल सेंसर पर काम करती हैं. सेंसिंग क्षेत्र कई तकनीकों जैसे हाइड्रोजेल, सोल जेल, आणविक छाप (एमआईपी), नैनोकम्पोजिट, धातु और ढांकता हुआ पतली फिल्मों आदि से उत्पन्न होता है. यह शोध कार्य पूरी तरह से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य लाभ जैसे कीटनाशक, जड़ी-बूटियों, विटामिन, भारी धातु आयनों, हलाइड्स के लिए आधारित है. वहीं प्रो. अभिनव कुमार का अनुसंधान कार्य ट्रान्जिशनल मेटल्स, पॉलिमरस (सीपी), धातु-कार्बनिक ढांचे (एमओएफ), डाई-सेंसिटाइज़्ड सोलर सेल के क्षेत्र में हैं. पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में इस प्रकार के अनुसंधान कार्यों के अनेक उपयोग हैं, जिनमें औषधि निर्माण एवं ऊर्जा के क्षेत्र विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं.

यह भी पढ़ें : लखनऊ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को ओएनजीसी देगा जॉब का मौका, साइन होगा अनुबंध

लखनऊ : स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने विश्व के शीर्ष वैज्ञानिकों का डेटाबेस तैयार (Database of top scientists prepared) किया है, जिसमें प्रत्येक वर्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं में दुनिया के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची प्रकाशित की है. यह सूची एच-इंडेक्स, शोधपत्र मे सह-लेखकों की संख्या, विभिन्न शोधपत्रों में उद्धरण आदि विभिन्न मापदंडों के आधार पर तैयार की गई है. इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के तीन शोधकर्ताओं को प्रतिष्ठित सूची में शामिल किया गया है. विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में भौतिकी विभाग से प्रो. अमृतांशु शुक्ला और डॉ. रोली वर्मा तथा रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अभिनव कुमार को लगातार दूसरी बार इस सूची में शामिल किया गया है.



लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि विश्व प्रसिद्ध रैंकिंग में विश्वविद्यालय और शोधकर्ताओं की उपस्थिति हम सभी के लिए काफी उत्साहजनक है. इससे हमें एक पहचान मिलेगी. एलयू के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रो. अमृतांशु शुक्ला के अनुसंधान कार्य प्रमुख रूप से थर्मल ऊर्जा भंडारण पदार्थ सहित अक्षय ऊर्जा संसाधन, सैद्धांतिक भौतिकी एवं परमाणु भौतिकी के क्षेत्र मे हैं. जिसमें अनुसंधान कार्यों से थर्मल ऊर्जा भंडारण सामग्री का उपयोग करके फोटोवोल्टिक तकनीक का कुशलतापूर्वक प्रयोग शामिल है.

डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ. रोली वर्मा प्लास्मोनिक और फोटोनिक्स नैनो संरचनाओं और फिल्मों पर आधारित ऑप्टिकल सेंसर पर काम करती हैं. सेंसिंग क्षेत्र कई तकनीकों जैसे हाइड्रोजेल, सोल जेल, आणविक छाप (एमआईपी), नैनोकम्पोजिट, धातु और ढांकता हुआ पतली फिल्मों आदि से उत्पन्न होता है. यह शोध कार्य पूरी तरह से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य लाभ जैसे कीटनाशक, जड़ी-बूटियों, विटामिन, भारी धातु आयनों, हलाइड्स के लिए आधारित है. वहीं प्रो. अभिनव कुमार का अनुसंधान कार्य ट्रान्जिशनल मेटल्स, पॉलिमरस (सीपी), धातु-कार्बनिक ढांचे (एमओएफ), डाई-सेंसिटाइज़्ड सोलर सेल के क्षेत्र में हैं. पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में इस प्रकार के अनुसंधान कार्यों के अनेक उपयोग हैं, जिनमें औषधि निर्माण एवं ऊर्जा के क्षेत्र विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं.

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