लखनऊ: जल निगम में करीब 1,300 पदों पर हुई भर्ती के घोटाले के मामले में सोमवार को जल निगम के तत्कालीन अध्यक्ष आजम खान को सीतापुर जेल से लाकर सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया. इस दौरान आजम खान को आरोप पत्र की कॉपी प्रदान की गईं.
अदालत में इस मामले के कुछ अन्य मुल्जिमों ने अपना पासपोर्ट भी जमा कराया. हाईकोर्ट से मुल्जिम कुलदीप सिंह नेगी, संतोष रस्तोगी, अजय यादव, विश्वजीत कुमार, रोमन फर्नांडीज, नीरज मलिक, भावेश जैन, हेमन्त कांडपाल और आफताब खान की अग्रिम जमानत अर्जी सर्शत मंजूर हो चुकी है.
सीबीआई के विशेष जज मनोज पांडेय ने मुल्जिम संतोष रस्तोगी को एक लाख का निजी बंधपत्र व इनती ही धनराशि की दो जमानतें दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी. 15 जुलाई को विशेष अदालत ने आजम खां और गिरीश चंद्र श्रीवास्तव के विरुद्ध आईपीसी की धारा 201, 204, 420, 467, 468, 471, 120बी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत संज्ञान लिया था.
अदालत ने अन्य मुल्जिम नीरज मलिक, विश्वजीत सिंह, अजय कुमार यादव, संतोष कुमार रस्तोगी, रोमन फर्नांडीज व कुलदीप सिंह नेगी के खिलाफ आईपीसी की धारा 201, 204, 420, 467, 471, 120 बी के साथ ही तकनीकी सूचना अधिनियम की धारा 66 के तहत संज्ञान लिया था. साथ ही इनके खिलाफ समन जारी करने का आदेश दिया था.
25 अप्रैल, 2018 को इस मामले की एफआईआर निरीक्षक अटल बिहारी ने लखनऊ की एसआईटी थाने में दर्ज कराई थी। विवेचना के दौरान एसआईटी ने आजम खान समेत उक्त मुल्जिमों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. जबकि अन्य मुल्जिमों के खिलाफ विवेचना की गयी. सपा के शासनकाल में 2016 के अंत में हुई जल निगम में 1300 पदों पर वैकेंसी निकली थी. इसमें 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 लिपिक और 32 आशुलिपिक की भर्ती की गयी थी.
जल निगम विभाग के ही कुछ अधिकारियों ने इस संबंध में धांधली की शिकायत की थी, जिसके बाद जांच शुरू हुई थी. सरकार इस मामले में 122 सहायक अभियंताओं को पहले ही बर्खास्त कर चुकी है. बाद में यह जांच सरकार ने एसआईटी को सौंप दी थी. एसआईटी ने इस मामले में आजम खां समेत 18 से अधिक लोगों से पूछताछ की थी, जिसमें पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह भी शामिल थे.
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