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बलरामपुर अस्पताल में एक डॉक्टर के सहारे स्किन विभाग

बलरामपुर अस्पताल में रोजाना पांच हजार से अधिक मरीज आते हैं. ओपीडी में भारी भीड़ हो रही है. वहीं स्किन विभाग की ओपीडी एक डॉक्टर के सहारे चल रही है, जबकि यहां दो स्किन डॉक्टर की पोस्ट है.

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Published : Aug 8, 2022, 3:34 PM IST

लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल में रोजाना पांच हजार से अधिक मरीज आते हैं. ओपीडी में भारी भीड़ हो रही है. वहीं स्किन विभाग की ओपीडी एक डॉक्टर के सहारे चल रही है, जबकि यहां दो स्किन डॉक्टर की पोस्ट है. एक पोस्ट यहां बीते सात माह से खाली है, जिसकी वजह से मरीजों का पूरा लोड एक डॉक्टर पर आ गया है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि शासन से दूसरा स्किन स्पेशलिस्ट मांगा गया है.

बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब 500 से अधिक मरीज अकेले स्किन ओपीडी में आते हैं. अस्पताल में स्किन स्पेशलिस्ट की दो पोस्ट हैं. विभाग में डॉ. अजय कुमार और डॉ. मसूद उस्मानी तैनात थे. जनवरी में डॉ. अजय कुमार के रिटायर हो गये थे. इस वक्त केवल डॉ. उस्मानी ही रह गये हैं. मरीजों का पूरा भार अब उन पर आ गया है. ऐसे में मरीजों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. वहीं कई बार डॉक्टर की दूसरी जगह भी ड्यूटी लगा दी जाती है, जिससे मरीजों की समस्या और बढ़ जाती है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने कुलसचिव के जारी पत्र पर जताई आपत्ति, भाषा पर नियंत्रण रखने की दी सलाह

डॉ. उस्मानी के मुताबिक, उनकी ओपीडी में रोजाना 500 से अधिक मरीज आते हैं. इसके अलावा रेफर केस भी बहुत आते हैं, जिसके चलते कई बार मरीजों का आंकड़ा 700 के पार तक चला जाता है. इसके बावजूद सभी मरीजों को देखा जाता है. कभी-कभी मरीज को देखते देखते तीन और चार कब बज जाता है पता नहीं चलता.

लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल में रोजाना पांच हजार से अधिक मरीज आते हैं. ओपीडी में भारी भीड़ हो रही है. वहीं स्किन विभाग की ओपीडी एक डॉक्टर के सहारे चल रही है, जबकि यहां दो स्किन डॉक्टर की पोस्ट है. एक पोस्ट यहां बीते सात माह से खाली है, जिसकी वजह से मरीजों का पूरा लोड एक डॉक्टर पर आ गया है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि शासन से दूसरा स्किन स्पेशलिस्ट मांगा गया है.

बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब 500 से अधिक मरीज अकेले स्किन ओपीडी में आते हैं. अस्पताल में स्किन स्पेशलिस्ट की दो पोस्ट हैं. विभाग में डॉ. अजय कुमार और डॉ. मसूद उस्मानी तैनात थे. जनवरी में डॉ. अजय कुमार के रिटायर हो गये थे. इस वक्त केवल डॉ. उस्मानी ही रह गये हैं. मरीजों का पूरा भार अब उन पर आ गया है. ऐसे में मरीजों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. वहीं कई बार डॉक्टर की दूसरी जगह भी ड्यूटी लगा दी जाती है, जिससे मरीजों की समस्या और बढ़ जाती है.

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डॉ. उस्मानी के मुताबिक, उनकी ओपीडी में रोजाना 500 से अधिक मरीज आते हैं. इसके अलावा रेफर केस भी बहुत आते हैं, जिसके चलते कई बार मरीजों का आंकड़ा 700 के पार तक चला जाता है. इसके बावजूद सभी मरीजों को देखा जाता है. कभी-कभी मरीज को देखते देखते तीन और चार कब बज जाता है पता नहीं चलता.

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