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एसजीपीजीआई में बढ़ेगी लिवर ट्रांसप्लांट की रफ्तार : निदेशक डॉक्टर

संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (Sanjay Gandhi Postgraduate Institute of Medical Sciences) (एसजीपीजीआई) में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन फॉर द स्टेट ऑफ यूपी द्वारा विश्व लिवर दिवस (world liver day) मनाया गया.

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संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस
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Published : Apr 19, 2022, 5:12 PM IST

लखनऊ: देश में लिवर ( यकृत) की बीमारी बढ़ रही है. वहीं, लिवर फेल्योर मरीज (liver failure patient) के लिए ट्रांसप्लांट ही विकल्प है. ऐसे में ट्रांसप्लांट की रफ्तार बढ़ाई जाएगी.

संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (Sanjay Gandhi Postgraduate Institute of Medical Sciences) (एसजीपीजीआई) में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन फॉर द स्टेट ऑफ यूपी द्वारा विश्व लिवर दिवस (world liver day) मनाया गया. इस दौरान संस्थान के निदेशक डॉक्टर आर.के धीमान (Dr. R.K Dhiman) ने कहा पीजीआई में अभी एक लिवर ट्रांसप्लांट हुआ है. यह सफल रहा है. वहीं, पांच और मरीजों की स्क्रीनिंग हो गई है. इनके डोनर की जांच भी हो गई है.

ऐसे में शीघ्र ही अन्य मरीजों का भी ट्रांसप्लांट किया जाएगा. मरीजों के ट्रांसप्लांटेशन की सूचना रफ्तार से बढ़ाई जाएगी. इसमें अधिक से अधिक रोगियों की जान बचाई जा सके. उन्होंने कहा कि लिवर को फिट रखने के लिए व्यायाम बेहद आवश्यक है. हर कोई व्यक्ति 40 मिनट तेज कदमों में चले या 30 मिनट साइकिलिंग करें.

2 लाख लोगों की चली जाती है जान : डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश में लगभग दो लाख लोगों की हर साल लिवर की गंभीर बीमारी से मृत्यु हो जाती है. वहीं, 60 हजार को जीवित रहने के लिए लिवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है. इनका लिवर फेल हो चुका है. इसको लेकर सरकार ने लिवर डोनेशन को लेकर लोगों को जागरूक करने का फैसला किया है. वहीं, अंगदान की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ( Ministry of Health and Family Welfare), राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन ( NOTTO) को लेकर एक राष्ट्रीय स्तर का संगठनात्मक ढांचा बनाया गया. इसके बाद एक त्रिस्तरीय राष्ट्रीय नेटवर्किंग प्रणाली NOTTO, क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (ROTTO) और राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) को पूरे भारत में स्थापित किया गया है.

इसे भी पढे़ंः एसजीपीजीआई के दीक्षांत समारोह में चार अवार्डी को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

लखनऊ में चार सेंटर बने, एक और की उम्मीद : लखनऊ में लिवर ट्रांसप्लांट के चार सेंटर शुरू हो गए हैं. इसमें एसजीपीजीआई, केजीएमयू दो सरकारी सेंटर हैं. वहीं, अपोलो मेडिक्स अस्पताल (Apollo Medics Hospital) और मेदांता अस्पताल में भी लिवर ट्रांसप्लांट शुरू हो गया है. यह दोनों कॉरपोरेट सेक्टर के अस्पताल हैं. वहीं सरकारी क्षेत्र में लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Lohia Institute of Medical Sciences) में भी लिवर ट्रांसप्लांट शुरू होने की उम्मीद है.

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लखनऊ: देश में लिवर ( यकृत) की बीमारी बढ़ रही है. वहीं, लिवर फेल्योर मरीज (liver failure patient) के लिए ट्रांसप्लांट ही विकल्प है. ऐसे में ट्रांसप्लांट की रफ्तार बढ़ाई जाएगी.

संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (Sanjay Gandhi Postgraduate Institute of Medical Sciences) (एसजीपीजीआई) में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन फॉर द स्टेट ऑफ यूपी द्वारा विश्व लिवर दिवस (world liver day) मनाया गया. इस दौरान संस्थान के निदेशक डॉक्टर आर.के धीमान (Dr. R.K Dhiman) ने कहा पीजीआई में अभी एक लिवर ट्रांसप्लांट हुआ है. यह सफल रहा है. वहीं, पांच और मरीजों की स्क्रीनिंग हो गई है. इनके डोनर की जांच भी हो गई है.

ऐसे में शीघ्र ही अन्य मरीजों का भी ट्रांसप्लांट किया जाएगा. मरीजों के ट्रांसप्लांटेशन की सूचना रफ्तार से बढ़ाई जाएगी. इसमें अधिक से अधिक रोगियों की जान बचाई जा सके. उन्होंने कहा कि लिवर को फिट रखने के लिए व्यायाम बेहद आवश्यक है. हर कोई व्यक्ति 40 मिनट तेज कदमों में चले या 30 मिनट साइकिलिंग करें.

2 लाख लोगों की चली जाती है जान : डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश में लगभग दो लाख लोगों की हर साल लिवर की गंभीर बीमारी से मृत्यु हो जाती है. वहीं, 60 हजार को जीवित रहने के लिए लिवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है. इनका लिवर फेल हो चुका है. इसको लेकर सरकार ने लिवर डोनेशन को लेकर लोगों को जागरूक करने का फैसला किया है. वहीं, अंगदान की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ( Ministry of Health and Family Welfare), राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन ( NOTTO) को लेकर एक राष्ट्रीय स्तर का संगठनात्मक ढांचा बनाया गया. इसके बाद एक त्रिस्तरीय राष्ट्रीय नेटवर्किंग प्रणाली NOTTO, क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (ROTTO) और राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) को पूरे भारत में स्थापित किया गया है.

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लखनऊ में चार सेंटर बने, एक और की उम्मीद : लखनऊ में लिवर ट्रांसप्लांट के चार सेंटर शुरू हो गए हैं. इसमें एसजीपीजीआई, केजीएमयू दो सरकारी सेंटर हैं. वहीं, अपोलो मेडिक्स अस्पताल (Apollo Medics Hospital) और मेदांता अस्पताल में भी लिवर ट्रांसप्लांट शुरू हो गया है. यह दोनों कॉरपोरेट सेक्टर के अस्पताल हैं. वहीं सरकारी क्षेत्र में लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Lohia Institute of Medical Sciences) में भी लिवर ट्रांसप्लांट शुरू होने की उम्मीद है.

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