लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता व प्रदेश प्रभारी सदस्यता अभियान सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि निर्माण विभाग के मंत्री के ओएसडी की बर्खास्तगी और जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक का इस्तीफा सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के साथ दलित विरोधी होने का समुचित प्रमाण है. मंत्री खटीक ने पद से इस्तीफे के साथ-साथ विभाग में स्थानान्तरण सत्र में किये गये भ्रष्टाचार और नमामि गंगे जैसी महत्वपूर्ण परियोजना के भ्रष्टाचार को भी उजागर किया है. स्वास्थ्य विभाग में किये गये स्थानान्तरण उजागर हो चुके हैं और विभागीय भ्रष्टाचार खुलकर सामने आ चुका है.
प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र नाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को इसका संज्ञान नाम मात्र लेने से काम नहीं चलेगा. ऐसे भ्रष्टाचारी विभागों के मंत्रियों को तत्काल बर्खास्त करके उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री को त्याग पत्र दे देना चाहिए, क्योंकि इन घटनाओं से प्रदेश की जनता में सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि खटीक का इस्तीफा सरकार का दलित विरोधी चेहरा जनता के सामने ला चुका है. जिससे इस वर्ग के लोग आक्रोशित हैं जो सामाजिक समरसता को छिन्न-भिन्न करने वाला सरकार का प्रारूप लगता है. जल शक्ति विभाग में भी राज्यमंत्री के अनुसार चारों तरफ घोटाला ही घोटाला है. रालोद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रदेश सरकार घोटालों में आकण्ठ डूबी हुई है. इसका प्रमाण विभागीय कारगुजारियों के साथ-साथ मंत्रियों के क्रियाकलाप से भी स्पष्ट होता है. सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास पूर्णतः खोखला सिद्ध हो चुका है. यह भी सिद्ध हो चुका है कि सरकार ने स्थानान्तरण सत्र नहीं बल्कि तबादला उद्योग चलाया है जो सरकार पर एक बदनुमा दाग ही कहा जाएगा.
ये भी पढ़ें : योगी सरकार को बदनाम करने की हो रही है साजिश: मंत्री नितिन अग्रवाल
राष्ट्रीय लोकदल मांग करता है कि ऐसे भ्रष्ट मंत्रियों और उनके चहेते कर्मचारियों को सामाजिक या सरकारी सेवा से बाहर का रास्ता दिखाया जाए. जिससे भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ आमजनमानस तक आसानी से पहुंच सके.
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राज्यमंत्री का इस्तीफा देना सरकार के दलित विरोधी होने का प्रमाण : आरएलडी
प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र नाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को इसका संज्ञान नाम मात्र लेने से काम नहीं चलेगा. ऐसे भ्रष्टाचारी विभागों के मंत्रियों को तत्काल बर्खास्त करके उच्चस्तरीय जांच कराई जाए.
लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता व प्रदेश प्रभारी सदस्यता अभियान सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि निर्माण विभाग के मंत्री के ओएसडी की बर्खास्तगी और जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक का इस्तीफा सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के साथ दलित विरोधी होने का समुचित प्रमाण है. मंत्री खटीक ने पद से इस्तीफे के साथ-साथ विभाग में स्थानान्तरण सत्र में किये गये भ्रष्टाचार और नमामि गंगे जैसी महत्वपूर्ण परियोजना के भ्रष्टाचार को भी उजागर किया है. स्वास्थ्य विभाग में किये गये स्थानान्तरण उजागर हो चुके हैं और विभागीय भ्रष्टाचार खुलकर सामने आ चुका है.
प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र नाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को इसका संज्ञान नाम मात्र लेने से काम नहीं चलेगा. ऐसे भ्रष्टाचारी विभागों के मंत्रियों को तत्काल बर्खास्त करके उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री को त्याग पत्र दे देना चाहिए, क्योंकि इन घटनाओं से प्रदेश की जनता में सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि खटीक का इस्तीफा सरकार का दलित विरोधी चेहरा जनता के सामने ला चुका है. जिससे इस वर्ग के लोग आक्रोशित हैं जो सामाजिक समरसता को छिन्न-भिन्न करने वाला सरकार का प्रारूप लगता है. जल शक्ति विभाग में भी राज्यमंत्री के अनुसार चारों तरफ घोटाला ही घोटाला है. रालोद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रदेश सरकार घोटालों में आकण्ठ डूबी हुई है. इसका प्रमाण विभागीय कारगुजारियों के साथ-साथ मंत्रियों के क्रियाकलाप से भी स्पष्ट होता है. सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास पूर्णतः खोखला सिद्ध हो चुका है. यह भी सिद्ध हो चुका है कि सरकार ने स्थानान्तरण सत्र नहीं बल्कि तबादला उद्योग चलाया है जो सरकार पर एक बदनुमा दाग ही कहा जाएगा.
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राष्ट्रीय लोकदल मांग करता है कि ऐसे भ्रष्ट मंत्रियों और उनके चहेते कर्मचारियों को सामाजिक या सरकारी सेवा से बाहर का रास्ता दिखाया जाए. जिससे भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ आमजनमानस तक आसानी से पहुंच सके.
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