लखनऊ : स्कूलों में ली जाने वाली स्पोर्ट्स फीस यानी कि क्रीड़ा शुल्क आखिर कहां खर्च हो रहा है और स्कूलों में कितने खेल हो रहे हैं, इसका हिसाब लिया जाएगा. इस संबंध में प्रमुख सचिव खेल नवनीत सहगल (Principal Secretary Sports Navneet Sehgal) ने माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि सभी स्कूलों में ऐसी व्यवस्था बनाई जाए और उनसे यह पूछा जाए कि आख़िर खेल के लिए दी जाने वाली फीस कहां खर्च हो रही है, ताकि स्कूलों के स्तर से ही खेलों को बढ़ावा मिल सके.
'खेलेगा यूपी, जीतेगा यूपी' नारे को साकार करेगी योगी सरकार : उन्होंने बताया कि योगी सरकार 'खेलेगा यूपी, जीतेगा यूपी' के नारे को साकार करेगी. इसमें गांव से लेकर ब्लॉक एवं जिला स्तर पर स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय खेलों के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं, वहां की प्रतिभाओं को बचपन से ही निखारने में प्रशिक्षण और समय-समय पर प्रदेश, राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय खेलों स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. योगी सरकार इन सभी मुद्दों पर ध्यान दे रही है. इस क्रम में सरकार की योजना हर गांव में खेल मैदान, ब्लॉक मुख्यालय पर मिनी स्टेडियम, एक जिला, एक खेल और खेलो इंडिया सेंटर बनाने की है.
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दूर होगी प्रशिक्षकों की कमी : खेलों के लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के साथ स्थानीय स्तर पर खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए प्रशिक्षण पर भी बराबर का जोर है. इसके लिए 42 प्रशिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 250 प्रशिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शीघ्र ही शुरू होने वाली है.
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