लखनऊ : अदालत के समक्ष हाजिर न होना मशहूर डांसर सपना चौधरी को भारी पड़ गया. एक आपराधिक मुकदमे में हाजिर न होने पर जारी गिरफ़्तारी वारंट को रिकॉल कराने पहुंची सपना चौधरी को सोमवार को करीब सवा दो घंटों तक कोर्ट की हिरासत में रहना पड़ा. हालांकि बाद में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शान्तनु त्यागी ने बीस हजार रुपए का निजी मुचलका दाखिल करने पर उन्हें रिहा कर दिया. साथ ही अदालत ने उनसे यह भी कहा है कि वह आगामी 30 सितंबर को अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों ताकि सभी अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप तय किया जा सके.
सपना चौधरी करीब साढ़े बारह बजे अपने अधिवक्ता के साथ अदालत में हाजिर हुईं, जहां पर उन्होंने अर्जी देकर कहा कि मामले की पिछली तारीख 22 अगस्त थी, लेकिन अस्वस्थता के कारण वह व उनके अधिवक्ता अदालत में हाजिर नहीं हो सके. दोनों के हाजिर न होने के कारण उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया. उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि मामले की परिस्थितियों को देखते हुए, गिरफ्तारी वारंट निरस्त कर दिया जाए. उल्लेखनीय है कि सपना चौधरी ने इस मामले में कोर्ट में हाजिर होकर पहले ही अपनी जमानत करा ली थी. इसके बाद अदालत ने अभियोजन प्रपत्रों की नकलें देने के बाद सपना चौधरी पर आरोप तय करने के लिए 22 अगस्त की तारीख तय की थी, लेकिन सुनवाई के समय सपना चौधरी कोर्ट में हाजिर नही थीं और न ही उनकी ओर से कोई हाजिरी माफ करने की अर्जी दी गई. जिस पर कोर्ट ने सपना चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था.
पत्रावली के अनुसार, इस मामले की रिपोर्ट थाना आशियाना की चौकी किला के उप निरीक्षक फिरोज खान ने 13 अक्टूबर 2018 को सपना चौधरी व कई लोगों के खिलाफ दर्ज कराया था. विवेचना के बाद जुनैद अहमद, इबाद अली, अमित पांडे व रत्नाकर त्रिपाठी के ख़िलाफ़ 20 जनवरी 2019 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया गया था. वहीं सपना चौधरी के खिलाफ 1 मार्च 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया.
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