लखनऊ: शोध में महिलाओं की भागीदारी काफी कम है. महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय तमाम कोशिशें कर रहा है. इसी के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति ने शोध मेधा छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की है, ताकि महिलाओं की भागीदारी बढ़ सके. ईटीवी से बातचीत के दौरान यह बातें डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. पूनम टंडन ने कही.
उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में शोध मेधा छात्रवृत्ति के लिए महिला शोधार्थियों से आवेदन के लिए कहा है. छात्रवृत्ति की शुरुआत पिछले साल कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने की थी, ताकि शोध पर विशेष जोर दिया जा सके और महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने बताया कि कई बार बहुत सारी छात्राएं पीएचडी में दाखिला लेती हैं, लेकिन कोई न कोई दिक्कत बताकर वह ड्रॉपआउट कर जाती हैं. छात्राएं ड्रॉपआउट न करें इसको लेकर काफी काम किया जा रहा है. जागरूकता कार्य भी हो रहे हैं. इसी के तहत शोध मेधा छात्रवृत्ति योजना भी बनाई गई है ताकि महिलाओं की रूचि शोध में बढ़े. आवेदन की अंतिम तिथि 15 जून रखी गई है.
ये भी पढ़ें : करोड़ों की लागत से बनाया जा रहा था "शिक्षा का मंदिर", आज पड़ा है वीरान जानिये क्यों?
उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों का चयन बनाई गई समिति द्वारा तय किया जाएगा, जो आवेदन पत्रों की संख्या एवं धनराशि की उपलब्धता के आधार पर होगा. उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति की प्रारंभिक अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ाई जाएगी. छात्रवृत्ति की निरंतरता के लिए छात्र की उपस्थिति और शोध प्रगति संतोषजनक होनी चाहिए. स्टूडेंट्स लखनऊ विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर शोध मेधा छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं. शोध मेधा छात्रवृत्ति उन तीन स्कॉलरशिप कार्यक्रमों में से एक है. जिसे पहले से चल रही निर्धन छात्र सहायता कोष के स्थान पर शुरू किया गया है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप