लखनऊ : उत्तर प्रदेश शासन ने अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारकों के सत्यापन (ration card holder) का कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर समयबद्ध रूप से 30 दिनों में पूरा करा लिये जाने के निर्देश दिये हैं. जिसके तहत ऐसे अपात्र लाभार्थियों का सत्यापन कर, उनका चिन्हांकन करते हुए निरस्त कर, उनकी जगह पर पात्र लाभार्थियों का चयन कर लाभ दिलाए जाने का सत्यापन किया जाएगा. इस सम्बन्ध में प्रदेश के खाद्य आयुक्त मार्कंडेय शाही ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और जिला पूर्ति अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
अपर खाद्य आयुक्त अनिल कुमार दुबे ने बताया कि लाभार्थियों द्वारा प्रदत्त विवरण में समय के अनुसार परिवर्तन होता रहता है. उन्होंने बताया कि इसकी शिकायतें भी प्राप्त होती रहती हैं कि प्रचलित राशन कार्डों में अपात्र यूनिट भी सम्मिलित हैं. ऐसे अपात्र राशन कार्डधारकों के कार्डों को सत्यापन करने के बाद निरस्त कर, उनके स्थान पर नवीन पात्र लाभार्थियों को नियमानुसार कार्ड जारी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत निर्धारित मानकों के अनुसार अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी श्रेणी के लाभार्थियों को राशन कार्ड निर्गत करते समय लाभार्थियों द्वारा प्रदत्त सूचनाओं के अनुसार परिवार के सदस्यों की संख्या, उनकी आयु, निवास स्थान आदि विवरण का समावेश राशन कार्ड डाटाबेस में किया जाता है. इस सम्बन्ध में कार्डधारकों की मृत्यु अथवा उनकी आर्थिक स्थिति में सम्बन्धित कार्डधारकों के अपात्र होने की सम्भावना बनीं रहती है.
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उन्होंने बताया कि राशन कार्डों का समय-समय पर सत्यापन करने की व्यवस्था उत्तर प्रदेश आवश्यक वस्तु (विक्रय एवं वितरण नियंत्रण का विनियमन) आदेश 2016 में दी गयी है. दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 का मूल उद्देश्य गरीब परिवारों को ही इस योजना के लिए चयनित किया जाना तथा चयन प्रक्रिया में वांछित परिशुद्धता एवं पारदर्शिता लाना है.
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